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उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार पहुंचे CRISP, किया विभिन्न विभागों का निरीक्षण

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Minister Reached CRISP: भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने गुरुवार को Centre for Research in Schemes and Policies (CRISP) पहुंचे।

इस दौरान उन्होंने क्रिस्प के विभिन्न विभागों और लैब्स का निरीक्षण किया, जिनमें मल्टीमीडिया लैब, वीएलएसआई सिस्को लैब, पीएलसी लैब, हैंडीक्राफ्ट, बिहेवियरल साइंस और अन्य तकनीकी लैब्स शामिल हैं।

इस दौरान मंत्री परमार ने क्रिस्प के कौशल विकास कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाने के बारे में विचार-विमर्श किया।

इस मौके पर राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु राजीव त्रिपाठी, क्रिस्प के प्रबंध संचालक डॉ. श्रीकांत पाटिल, क्रिस्प के संचालक अमोल वैद्य और क्रिस्प के मुख्य विपणन अधिकारी राजेश महेश्वरी भी उपस्थित थे।

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मंत्री परमार ने क्रिस्प में उपलब्ध संसाधनों और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और वहां चल रहे कौशल विकास कार्यक्रमों की प्रशंसा की।

उच्च शिक्षा मंत्री ने विशेष रूप से बिल्डिंग ऑटोमेशन स्पेशलिस्ट के प्रशिक्षण कार्यक्रम में रुचि दिखाई।

इस कार्यक्रम में भारतीय जलसेना, थलसेना और वायुसेना के जवानों को 3 महीने का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने इस प्रशिक्षण को कौशल विकास और रोजगार के लिए एक अहम कदम बताया और क्रिस्प द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

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Minister Reached CRISP: मंत्री परमार ने क्रिस्प के प्रशिक्षणार्थियों से भी संवाद किया और उनके अनुभवों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने इस बात की सराहना की कि क्रिस्प सैनिकों और युवा वर्ग को तकनीकी कौशल और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

साथ ही, उन्होंने क्रिस्प के कौशल विकास कार्यक्रमों को मध्यप्रदेश सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

इसके अतिरिक्त, मंत्री परमार ने राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु राजीव त्रिपाठी व क्रिस्प के वरिष्ठ अधिकारीगण के साथ एक विस्तृत चर्चा की।

चर्चा में उन्होंने क्रिस्प के प्रशिक्षण मॉडल को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने और छात्रों को प्रैक्टिकल प्रशिक्षण के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करने की बात की।

उन्होंने पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग के फैकल्टी के लिए मनुष्य निर्माण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने की भी बात की, ताकि शिक्षकों को भी नवीनतम तकनीकी और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण मिल सके।

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इसके अलावा उन्होंने पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन रोजगार मार्गदर्शन शिविर आयोजित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री ने जिलेवार सर्वे करके दो और चार पहिया वाहन मैकेनिक के प्रशिक्षण के लिए भी क्रिस्प के प्रयासों को बढ़ाने की बात की।

उन्होंने क्रिस्प के सभी विभागाध्यक्षों से यह भी आग्रह किया कि वे एलुमनाई मीट आयोजित करें, ताकि पिछले प्रशिक्षणार्थियों के अनुभवों से और सीखने को मिले।

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इस अवसर पर क्रिस्प के प्रबंध संचालक डॉ. श्रीकांत पाटिल ने क्रिस्प के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस दौरान उन्होंने पिछले 27 वर्षों में क्रिस्प द्वारा शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डाला।

क्रिस्प के वरिष्ठ अधिकारीगण, जिनमें अमोल वैद्य (संचालक) और राजेश महेश्वरी (मुख्य विपणन अधिकारी), वरिष्ट मार्केटिंग मैनेजर फैसल जाफरी भी उपस्थित थे,।

चर्चा के बाद सभी ने मंत्री इंदर सिंह परमार के सुझावों को अमल में लाने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया।

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