MP Mining Conclave 2024: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में माइनिंग कॉन्क्लेव-2024 का आयोजन किया गया।
कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव का शुभारंभ मुख्य सचिव अनुराग जैन ने किया।
तलाशने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उद्देश्य से माइनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ है।
जिसमें रिलायंस, अडाणी, बिरला जैसे बड़े ग्रुप समेत देश-विदेश की करीब 600 कंपनियां शामिल हुई हैं।
MP Mining Conclave 2024 का ये है उद्देश्य
माइनिंग कॉन्क्लेव-2024 का उद्देश्य राज्य की खनन क्षमता को तकनीकी नवाचारों और सतत निवेश के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।
माइनिंग कॉन्क्लेव में खनिज संसाधन, निवेश के अवसरों, पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र की संभावनाओं से अवगत कराया जाएगा।
तकनीकी-सत्रों में खनन सुरक्षा, स्मार्ट तकनीक, डिजिटलाइजेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के उपयोग पर जोर दिया गया।
मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में दो दिवसीय मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव की प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया।@PMOIndia @CMMadhyaPradesh @DrMohanYadav51 @kishanreddybjp @MinesMinIndia @mineraldeptmp#MPMiningConclave #Mining… pic.twitter.com/Qk2Hf1yN3x
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ड्रोन तकनीक और डिजिटल समाधान पर भी चर्चा की जाएगी।
कॉन्क्लेव में आधुनिकतम तकनीकी से राज्य की खनिज संपदा का बेहतर उपयोग करने पर मंथन होगा, जिससे खनन क्षेत्र में मध्य प्रदेश को निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा यह आयोजन एमपी को माइनिंग क्षेत्र में एक प्रमुख राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
माइनिंग कॉन्क्लेव से पूरा होगा PM का सपना
दो दिवसीय माइनिंग कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उद्योगपतियों से चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश में खनन की असीमित संभावनाएं हैं और यह आयोजन राज्य को आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के नए अवसरों की ओर ले जाएगा।
सीएम यादव का मानना है कि इस कॉन्क्लेव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की प्राप्ति में मदद मिलेगी।
‘विकसित भारत-2047 के संकल्प को साकार करेगा मध्यप्रदेश का माइनिंग कॉन्क्लेव’: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
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मध्य प्रदेश खनिज संसाधनों के मामले में भारत का एकमात्र राज्य है जो हीरे का उत्पादन करता है।
इसके अलावा, मैग्नीज, तांबा अयस्क, चूना पत्थर, रॉक-फास्फेट, और कोयला उत्पादन में भी प्रदेश अग्रणी है।
खनन रेवेन्यू कंट्रीब्यूशन में तीसरे स्थान पर होगा MP
17 और 18 अक्टूबर को आयोजित एमपी माइनिंग कॉन्क्लेव में विभिन्न सत्र होंगे।
जिसमें खनन क्षमता, तकनीकी नवाचारों और सतत निवेश प्रोत्साहन पर मंथन किया जाएगा।
मुख्य सचिव अनुराग जैन कॉन्क्लेव में की-नोट संबोधित कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
#भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित 'मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव-2024' का शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, हाइड्रोकार्बन महानिदेशक, भारत सरकार, डॉ. पल्लवी जैन गोविल,प्रमुख सचिव, खनिज संसाधन श्री संजय कुमार शुक्ला प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश… pic.twitter.com/yk64Aj7CH3
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अनुराग जैन ने अपने संबोधन में कहा कि मध्य प्रदेश खनिज संपदा के क्षेत्र में देश में बड़ा योगदान देने वाला प्रदेश है।
अभी इस क्षेत्र में रेवेन्यू कंट्रीब्यूशन में देश में पांचवा स्थान है और मुझे विश्वास है कि जल्दी ही मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर पहुंच जायेगा।
खनिज संसाधन एवं प्रबंधन में मध्यप्रदेश का प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा है…
खनिज संसाधन विभाग (एमआरडी) खनिज ब्लॉक नीलामी में देश में अग्रणी रहा है। प्रदेश को 2022-23 में खनिज ब्लॉक नीलामी में देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। भारत सरकार द्वारा मुख्य और गौण खनिज नीलामी के लिये भी… pic.twitter.com/HxL1o2GAhT— Jansampark MP (@JansamparkMP) October 17, 2024
इस कॉन्क्लेव में देश भर के निवेशक जुट रहे हैं और इसका लाभ मध्य प्रदेश को जरुर मिलेगा।
माइनिंग में निवेश से चमकेगी प्रदेश की किस्मत
मध्य प्रदेश की धरती के अंदर बेशकीमती चीजों का भंडार है।
बुंदेलखंड में हीरा और सोना तो महाकौशल में आयरन से लेकर मैंगनीज हैं।
हीरा प्रोडक्शन में तो एमपी नंबर वन, तो रॉक फॉस्फेट में दूसरे नंबर पर है।
मध्य प्रदेश कॉपर, मैंगनीज और डायमंड प्रोडक्शन में भी नंबर वन है।
देश का दिल मध्यप्रदेश
खनिज संपदा से संपन्नखनन क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं
➡️ देश का एक मात्र #हीरा उत्पादक प्रदेश
➡️मैंगनीज और कॉपर अयस्क के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर
➡️रॉक फ़ॉस्फ़ेट उत्पादन में दूसरा स्थान
➡️ चूना उत्पादन में तीसरा स्थान
➡️ कोयला… pic.twitter.com/HgeS6pv1ua
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मैंगनीज की बात करें तो देश के कुल उत्पादन का 30 फीसदी एमपी में होता है, 2022 में यह 26 फीसदी था।
रॉक फॉस्फेट के भंडार मध्य प्रदेश के कई जिलों में हैं।
लाइम स्टोन के प्रोडक्शन में मध्य प्रदेश तीसरे तो कोयला उत्पादन में मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है।
वहीं अगर मध्य प्रदेश में खनिज आधारित उद्योगों की बात करें तो थर्मल पावर प्लांट्स, सीमेंट प्लांट, फेरो अलॉय, मार्बल, ग्रैनाइट, फ्लैगस्टोन कटिंग और पॉलिशिंग यूनिट है।
MP की किस जगह पर कौन से खनिज का भंडार
- सतना, रीवा और सीधी – लाइमस्टोन, बॉक्साइट, ग्रेफाइट, गोल्ड और ग्रेनाइट
- सिंगरौली – कोयला, गोल्ड और आयरन
- शहडोल, अनूपपुर और उमरिया – कोयला, कोल बेड, मिथेन और बॉक्साइट
- सागर, छतरपुर और पन्ना – डायमंड, रॉक फॉस्फेट, आयरन, ग्रेनाइट, लाइस्टोन, डायस्पोर और पाइरोफिलाइट
- जबलपुर और कटनी – बॉक्साइट, डोलोमाइट, आयरन, लाइमस्टोन, मैंगनीज, गोल्ड और मार्बल
- नीमच और धार – लाइमस्टोन
- बैतूल – कोयला, ग्रेफाइट, ग्रेनाइट, लीड और जिंक
- छिंदवाड़ा – कोयला, मैंगनीज और डोलोमाइट
- बालाघाट – कॉपर, मैंगनीज, डोलोमाइट, लाइमस्टोन और बॉक्साइट
- मंडला और डिंडोरी – डोलोमाइट और बॉक्साइट
- ग्वालियर और शिवपुरी – आयरन, फ्लैगस्टोन और क्वार्ट्ज
- झाबुआ और अलीराजपुर – रॉक फॉस्फेट, डोलोमाइट, लाइमस्टोन, मैंगनीज और ग्रेफाइट
सरकार निवेशकों को देगी 40 फीसदी तक सब्सिडी
मध्य प्रदेश में अलग-अलग खनिज पदार्थों के खनन और प्रोडक्शन के क्षेत्र में बड़ी कंपनियों का दबदबा है।
मध्य प्रदेश में माइनिंग सेक्टर के अंदर आपार संभावनाएं और अलग-अलग क्षेत्र में खनिज भंडार हैं।
माइनिंग कॉन्क्लेव के जरिए सरकार निवेशकों को अपना रोडमैप बता रही है।
इससे उम्मीद है कि अन्य कंपनियां भी सरकार की नितियों से प्रभावित होकर मध्य प्रदेश में निवेश करेंगी।
साथ ही अभी अलग-अलग खनिज भंडारों की ऑक्शन की प्रक्रिया भी चल रही हैं।
माइनिंग सेक्टर में निवेश करने पर सरकार निवेशकों को 40 फीसदी तक की सब्सिडी देगी।
वहीं, 100 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट्स को सरकार इनसेंटिव भी देगी।
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