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सौरभ शर्मा के सोने की चमक में दबा दिया गया मंत्री के करीबी रामबीर सिकरवार का केस?

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Minister Aide Rambir Singh Sikarwar: भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बेशकीमती जमीनों की खरीद-फरोख्त और बेहिसाब काली कमाई का जो खेल हुआ, वो सबके सामने है।

भोपाल में दिसंबर महीने में कुछ बिल्डर्स के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की।

इस छापेमारी के बाद जो नाम सामने आए, वो आम लोगों के लिए चौंकाने वाले थे।

इनमें एक नाम सबसे ज्यादा चौंकाने वाला था, वह था प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का काफी करीबी रामबीर सिंह सिकरवार का।

इन छापों के एक दिन बाद ही भोपाल के पास मेंडोरी के जंगलों में एक खड़ी कार में मिले 54 किलो सोना और करोड़ों रुपये की नगदी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।

इसके बाद तो RTO के पूर्व कान्स्टेबल सौरभ शर्मा का नाम हर किसी की जुबान पर चढ़ गया।

मीडिया और जनता सौरभ शर्मा की खबरों को चटखारे ले-लेकर बता और सुनाने लगे।

लेकिन, इन सब के बीच वो लोग ओझल हो गए जिनपर आयकर विभाग ने शिकंजा कसा था।

Minister Aide Rambir Singh Sikarwar, saurabh sharma gold in mendori jungle

Minister Aide Rambir Singh Sikarwar: सारे विभागों का फोकस सौरभ शर्मा पर ही –

देखा जाए तो आयकर विभाग, लोकायुक्त और ईडी द्वारा की गई छापेमारियों में से सभी का फोकस सौरभ शर्मा पर ही है।

जबकि, आईटी के छापे कई अन्य लोगों के ठिकानों पर भी पड़े, जिनमें मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का करीबी रामबीर सिंह सिकरवार भी शामिल था।

सिकरवार के भोपाल और ग्वालियर स्थित कई ठिकानों पर छापे मारे गए थे और कई कागजात जब्त किए गए थे।

लेकिन, सौरभ शर्मा पूरी तरह से हाईलाइट हो गया और रामबीर सिंह सिकरवार परिदृष्य से ही गायब हो गया।

Minister Aide Rambir Singh Sikarwar

Minister Aide Rambir Singh Sikarwar: क्या सौरभ को आगे कर हटा ली गई बड़ी मछलियों से निगाहें –

सवाल यही है कि क्या सौरभ शर्मा को आगे रखकर बाकी बड़ी मछलियों पर से निगाह हटा ली गई।

बता दें कि मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का करीबी रामबीर सिंह सिकरवार भी प्रॉपर्टी के धंधे में था।

दबी जुबान में लोगों का तो यह तक कहना है कि रामबीर सिकरवार तो केवल चेहरा है और वह मंत्री जी की काली कमाई को सफेद करने में मदद करता है।

आयकर विभाग की इस कार्रवाई से पहले रामबीर के ठिकानों पर ईडी ने रेड डाली थी जिसमें 5 एकड़ जमीन खरीदने के दस्तावेज मिले थे।

वहीं, अब जब आयकर विभाग की टीम ने रामबीर के ठिकानों पर छापेमारी की तो उसके मोबाइल पर कई अफसरों से बातचीत के सबूत मिले हैं।

जानकारी के मुताबिक, रामबीर रोजाना मध्य प्रदेश के कई मौजूदा और पूर्व अफसरों से बात करता था।

Minister Aide Rambir Singh Sikarwar

Minister Aide Rambir Singh Sikarwar: रामबीर के कॉल डिटेल उगल सकते हैं मंत्रियों-अफसरों के नाम –

अब आयकर विभाग रामबीर सिकरवार के कॉल डिटेल्स की विस्तृत जांच कर रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि कॉल डिटेल्स खंगालने के बाद कई ऐसे मंत्रियों-अफसरों के नाम उजागर होंगे जिन्होंने अपनी काली कमाई जमीनों की खरीद-फरोख्त में लगाई।

और इस काली कमाई को खपाने का जरिया बना मंत्री का करीबी रामबीर सिंह सिकरवार।

सवाल यही है कि रामबीर सिकरवार जैसे लोग, जो कुछ साल पहले कुछ भी नहीं थे, अचानक कैसे करोड़ों के वारे-न्यारे करने लगे।

वैसे तो सवालों के घेरे में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस भी हैं और वे भी ईडी और आयकर विभाग के राडार पर हैं।

Income Tax Department seized Trishul Construction Rajesh Sharma properties, Minister Aide Rambir Singh Sikarwar

Minister Aide Rambir Singh Sikarwar: आईटी ने जब्त की राजेश शर्मा की 375 करोड़ की संपत्ति –

भोपाल में आयकर विभाग की छापेमारी से जुड़े मामले में जो ताजा अपडेट आया है वो भी सौरभ शर्मा के बाद राजेश शर्मा का।

राजेश शर्मा त्रिशूल कंस्ट्रक्शन का मालिक है जो पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से जिस जुड़ा हुआ बताया जाता है।

आयकर विभाग ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक राजेश शर्मा की 375 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां अटैच कर ली हैं।

कुलजमा देखा जाए तो आईटी ने निशाना तो कई लोगों पर साधा था, लेकिन जाल में फंसे सौरभ और राजेश।

फिर इनके साथ नाम उछला पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस का।

और जिन लोगों के नाम उछले उनमें रामबीर सिंह सिकरवार भी खास था क्योंकि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का करीबी है।

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