MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले के बीच हजारों स्टूडेंट्स का भविष्य भंवर में लटका हुआ था।
दो साल से नर्सिंग स्टूडेंट्स परीक्षा की बाट जोह रहे थे और अब जाकर सरकार ने परीक्षाएं कराने का फैसला लिया है।
डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने नर्सिंग कॉलेजों के परीक्षा संचालन के कैलेंडर की समीक्षा करते हुए अक्टूबर माह तक परीक्षाएं कराने की बात कही है।
आपको बता दें कि नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं।
जाहिर है जांच और कोर्ट में सुनवाइयों के बीच स्टूडेंट्स अपने को ठगा सा महसूस कर रहे थे।
बहरहाल सरकार के परीक्षा कराने के फैसले से स्टूडेंट्स ने राहत की सांस ली है जिसमें करीब एक लाख स्टूडेंट्स शामिल होंगे।
मसलन बीएससी नर्सिंग, एमएससी, पीबी बीएससी वर्ष 2019-20 के 20 हजार, वर्ष 2020-21 के 30 हजार, वर्ष 2021-22 के 10 हजार और साल 2022-23 के 10 हजार छात्र शामिल हैं।
एएनएम कोर्स के साल 2020-21 और 2021-22 के 25 हजार छात्र शामिल हैं। सभी स्टूडेंट्स की मुख्य परीक्षाएं अक्टूबर तक पूर्ण कर ली जाएंगी।
आपको बता दें कि कोरोना काल के दौरान ये नर्सिंग घोटाला तब उजागर हुआ था जब कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए नर्सिंग कॉलेजों में उनके इलाज की बात उठी थी।
उस समय पता चला था कि दो-दो कमरे के फ्लैट में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं जिनकी तादाद सैकड़ों में थी।
इस पूरे मामले का पर्दाफाश करने वाले व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने चौथा खंभा से विशेष साक्षात्कार में बताया था कि किस तरह स्वास्थ्य विभाग के कर्ताधर्ताओं और सफेदपोशों ने मिलकर सैकड़ों नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी।
बिचौलियों ने बिहार और यूपी के स्टूडेंट्स को भरमाया और 5000 करोड़ का ये महाघोटाला सामने आया।
गौरतलब है कि रवि परमार छात्र हित में अभी भी ये लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन इस घोटाले की जड़ें इतनी गहरी है कि जितना कुरेदो उतना बड़ा जाल बाहर आ रहा है।
सरकार ने छात्र हित में परीक्षाएं कराने का फैसला तो ले लिया अच्छी बात है, लेकिन जैसा बताया जा रहा है कि इस घोटाले से जुड़ी छोटी मछलियां ही सामने आई हैं।
मोटे मगरमच्छों पर सरकार कब तक नकेल कसेगी या वो भ्रष्टाचार की दलदल से कब निकाले जाएंगे ये बड़ा सवाल है।