MP Pensioners DA Arrears: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों पेंशनर्स के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए महंगाई राहत (डीए) 53% से बढ़ाकर 55% कर दी है।
यह फैसला दिवाली से पहले एक राहत भरी खबर की तरह है, लेकिन इस आदेश में एक बड़ी कमी ने पेंशनर्स की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
सरकार ने इस बढ़ोतरी के पिछले आठ महीनों के बकाये (एरियर्स) का कोई जिक्र नहीं किया है, जिससे पेंशनर्स को वित्तीय नुकसान होगा।
क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने 14 अक्टूबर को एक आदेश जारी करके 4.5 लाख से अधिक पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत 53% से बढ़ाकर 55% करने की घोषणा की।
यह फैसला कैबिनेट की मंजूरी के बाद वित्त विभाग द्वारा लागू किया गया है।
हालांकि, यह बढ़ोतरी तत्काल प्रभाव से नहीं, बल्कि 1 सितंबर, 2025 से लागू होगी।
इसका मतलब है कि पेंशनर्स को इस राहत का लाभ अक्टूबर 2025 में मिलने वाली पेंशन के साथ ही मिल पाएगा।
सबसे बड़ी चिंता: एरियर्स का क्या हुआ?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल बकाया राशि (एरियर्स) का है।
जनवरी 2025 में राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में 2% की बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन उस समय पेंशनर्स को यह लाभ नहीं दिया गया था।
इसलिए, जनवरी 2025 से अगस्त 2025 तक के आठ महीनों के लिए पेंशनर्स को यह बढ़ी हुई राहत बकाया थी।
नए आदेश में इस बकाया राशि का कोई उल्लेख नहीं है, जिससे माना जा रहा है कि पेंशनर्स को यह राशि नहीं मिलेगी।
किसे कितना मिलेगा लाभ?
यह महंगाई राहत पेंशनर्स के वेतनमान पर निर्भर करेगी:
- छठे वेतनमान के पेंशनर्स को उनकी मूल पेंशन पर 6% का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
- सातवें वेतनमान के पेंशनर्स को उनकी मूल पेंशन पर 2% का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार की भूमिका
मध्य प्रदेश के इस फैसले में छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति एक अहम भूमिका निभाती है।
चूंकि छत्तीसगढ़ 1 नवंबर, 2000 से पहले मध्य प्रदेश का हिस्सा था, इसलिए पेंशन संबंधी फैसले दोनों राज्यों की सहमति से लिए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही अपने पेंशनर्स के लिए 55% महंगाई राहत मंजूर कर चुकी है।
उसकी सहमति मिलने के बाद ही मध्य प्रदेश ने यह प्रस्ताव तैयार किया था।