Raisen bridge collapse: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में एक पुराना पुल अचानक गिर गया, इस हादसे में चार लोग घायल हुए हैं।
सोमवार को बरेली-पिपरिया रोड (स्टेट हाईवे) पर स्थित नयागांव का यह पुल अचानक भरभराकर गिर पड़ा।
पुल पर से गुजर रहीं दो मोटरसाइकिलें भी नीचे गिर गईं, जिससे उन पर सवार चार लोग घायल हो गए।
सभी घायलों को इलाज के लिए बरेली सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना के बाद यातायात पूरी तरह ठप हो गया और पुल के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई।
प्रशासन ने बरेली-पिपरिया मार्ग को आवागमन के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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— NaiDunia (@Nai_Dunia) December 1, 2025
मजदूरों की सतर्कता से बची कई जानें
इस घटना में एक बड़ा पहलू यह रहा कि पुल के नीचे उस समय कुछ मजदूर निर्माण कार्य कर रहे थे।
पुल के हिलने और गिरने का आभास होते ही उन्होंने तुरंत वहां से भागकर अपनी जान बचा ली।
अगर ये मजदूर समय रहते नहीं हटते तो जनहानि का आंकड़ा बहुत अधिक हो सकता था।
इस घटना ने एक बार फिर बुनियादी ढांचे के रखरखाव में गंभीर लापरवाही की ओर इशारा किया है।

1980 में बने पुल पर सीधे डाल दी गई थी सड़क
रायसेन के कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि यह पुल वर्ष 1980 में बना था और इसकी लंबाई करीब 120 फीट तथा चौड़ाई 25 फीट थी।
जानकारी के मुताबिक, इस पुराने और जर्जर पुल को ठीक करने या नया पुल बनाने के बजाय, उसी के ऊपर सीधे सड़क बना दी गई थी।
यही कारण माना जा रहा है कि पुल अचानक इस तरह भरभराकर गिर गया।
इस लापरवाही के लिए मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPRDC) को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

कांग्रेस ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा कर दी है।
विधानसभा परिसर में कांग्रेस के विधायकों ने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि यह घटना सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का उदाहरण है।
उन्होंने कहा, “रोड टूट रही हैं, पुल गिर रहे हैं। ये केंद्रीय कृषि मंत्री (नरेंद्र सिंह तोमर) के क्षेत्र में हो रही है, जो सरकार के सुशासन पर सवाल खड़े करता है।”

प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही एसडीओपी, तहसीलदार और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया।
कलेक्टर और एसपी ने घायलों का हाल जानने के लिए बरेली अस्पताल का दौरा किया और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
अब प्रशासन के सामने मुख्य चुनौती यातायात को वैकल्पिक मार्ग से व्यवस्थित करने और नए पुल के निर्माण की प्रक्रिया तेज करने की है।


