Government taxi like Ola-Uber in MP: मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में अब ओला और उबर की तरह ही सरकारी कैब सेवा “सहकार टैक्सी” शुरू की जाएगी।
इस योजना का मकसद टैक्सी ड्राइवरों और मालिकों को ज्यादा मुनाफा दिलाना है, क्योंकि इसमें प्राइवेट कंपनियों की तरह बड़ा कमीशन नहीं काटा जाएगा।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संसद में इसकी घोषणा की थी, जिसके बाद एमपी के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है।
सहकार टैक्सी कैसे काम करेगी?
सरकार इस सेवा के लिए एक मोबाइल ऐप बनाने पर विचार कर रही है, जिससे यूजर्स आसानी से कैब बुक कर सकेंगे।
इस सेवा का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ड्राइवरों और वाहन मालिकों को हर सवारी का पूरा किराया मिलेगा।
फिलहाल, ओला और उबर जैसी प्राइवेट कंपनियां हर राइड पर 20% से 40% तक कमीशन काटती हैं, लेकिन सहकार टैक्सी में सिर्फ मामूली पोर्टल फीस और टैक्स ही कटेगा।

क्यों शुरू की जा रही है सहकार टैक्सी?
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ड्राइवरों को ज्यादा कमाई: प्राइवेट कैब कंपनियों के मुकाबले ड्राइवरों को ज्यादा पैसा मिलेगा।
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यात्रियों को बेहतर सुविधा: अक्सर ओला-उबर के ड्राइवर कम किराए पर सवारी लेने से मना कर देते हैं, लेकिन सरकारी टैक्सी में ऐसी समस्याएं कम होंगी।
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रात में भी उपलब्धता: बड़े शहरों में रात के समय कैब मिलने में दिक्कत होती है, लेकिन सहकार टैक्सी से यह सुविधा बेहतर होगी।
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सरकारी नियंत्रण: प्राइवेट कंपनियों पर सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं होता, लेकिन इस सेवा में शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
6 महीने में शुरू हो सकती है सेवा
सहकारिता विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार की डिटेल्ड प्लान आने के बाद राज्य सरकार इसे लागू करेगी।
इसमें कैब रजिस्ट्रेशन, रूट मैपिंग, किराए तय करना और गाइडलाइन्स बनाने जैसे काम शामिल हैं।

पूरी प्रक्रिया में लगभग 6 महीने का समय लग सकता है।
“सहकारिता से रोजगार बढ़ेगा” – विश्वास सारंग
मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता के माध्यम से नए रोजगार पैदा किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “सहकार टैक्सी” जैसी योजनाएं आम लोगों को फायदा पहुंचाएंगी और ड्राइवरों की आमदनी बढ़ाएंगी।