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MP के इन जिलों में सर्दी के चलते बदला स्कूल टाइम, जानें नया शेड्यूल

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

MP school time change: मध्य प्रदेश के स्कूली छात्रों के लिए एक बड़ी खबर है।

राज्य के कई जिलों में पड़ रही कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है।

यह बदलाव 15 नवंबर से लेकर 15 फरवरी तक लागू रहेगा। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को ठंड और कोहरे से होने वाली परेशानी से बचाना है।

किन जिलों में हुए बदलाव?

रीवा: रीवा जिले के कलेक्टर प्रतिभा पाल ने नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों का समय बदलकर सुबह 9 बजे कर दिया है। इससे छोटे बच्चों को सर्दी में राहत मिलेगी।

अनूपपुर: अनूपपुर के कलेक्टर हर्षल पंचोली ने यहाँ के सभी शासकीय, अशासकीय, सीबीएसई, आईसीएसई और नवोदय विद्यालयों का समय सुबह 9:30 बजे से शुरू करने के आदेश जारी किए हैं।

देवास: देवास जिले में कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने सभी स्कूलों के लिए यह निर्देश दिया है कि वे सुबह 10 बजे से पहले न खुलें। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उठाया गया है।

सर्दी ने तोड़े रिकॉर्ड

इस साल मध्य प्रदेश, खासकर भोपाल समेत कई शहरों में, सर्दी ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

अनूपपुर जैसे जिलों में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया है।

इस भीषण ठंड ने सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी थीं।

लगातार हो रही मांग के बाद अब प्रशासन ने स्कूल के समय में बदलाव करके सभी को राहत प्रदान की है।

नया समय कब तक रहेगा लागू?

सर्दियों के मौसम को देखते हुए यह संशोधित स्कूल समय 15 नवंबर से शुरू होकर 15 फरवरी तक लागू रहेगा।

इस अवधि के बाद स्कूलों का समय फिर से सामान्य कर दिया जाएगा।

यह फैसला छात्रों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।

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