MP Tehsildar Strike: भोपाल। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर में तहसीलदार, पटवारी सहित 7 लोगों के खिलाफ जमीन धोखाधड़ी का केस दर्ज होने पर प्रदेश भर के तहसीलदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
इससे 52 विभागों के काम प्रभावित या ठप हो रहे हैं, जिनमें राजस्व के नामांतरण, बंटवारा, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, और नक्शा तरमीम जैसे अहम काम भी शामिल हैं।
इस हड़ताल में प्रदेश भर के 1400 से ज्यादा तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसएलआर शामिल हैं।
MP Tehsildar Strike: FIR निरस्त नहीं होने तक जारी रहेगी हड़ताल
मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी कर्मचारी प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारी और कर्मचारी प्रदेश स्तरीय हड़ताल पर उतरे हैं।
उनका कहना है कि जब तक तहसीलदार पर हुई एफआईआर निरस्त नहीं होगी तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह बघेल के मुताबिक, तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे ने 8 अगस्त 2023 को एक वसीयत नामांतरण का आदेश दिया था, जिसे एसडीएम ने 9 सितंबर को निरस्त कर दिया।
इसके बाद, 12 सितंबर को बिना किसी विभागीय अनुमति के एफआईआर दर्ज कर तहसीलदार की गिरफ्तारी की गई।
उन्होंने तहसीलदार को न्यायिक संरक्षण की मांग की है।
MP Tehsildar Strike: यह है मामला –
जबलपुर के निवासी शिवचरण पांडे की शिकायत पर जमीन को लेकर फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया गया था।
इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके पिता की मृत्यु के बाद, उनका नाम खसरे में दर्ज था, लेकिन अगस्त 2023 में इसे हटा दिया गया।
जांच के दौरान एसडीएम ने पाया कि तहसीलदार और पटवारी ने मिलकर फर्जी वसीयत के आधार पर जमीन नामांतरण करने का षड्यंत्र रचा।
आरोपियों ने गलत तरीके से जमीन अपने नाम करवाने और हड़पने की कोशिश की।
यह भी पढ़ें – आस्था से खिलवाड़: तिरुपति के प्रसाद में मछली का तेल और सुअर की चर्बी की पुष्टि