Cough Syrup Children Died: मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
सोमवार रात एक और मासूम ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद राज्य में इस त्रासदी में जान गंवाने वाले बच्चों की कुल संख्या 17 हो गई है।
छिंदवाड़ा जिले के निवासी नवीन डेहरिया की डेढ़ साल की बेटी धानी डेहरिया ने नागपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्ची की किडनी पूरी तरह से फेल हो चुकी थी।
SIT करेगी जांच
इन मौतों की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने कार्रवाई का रुख अपनाया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है।
इस टीम में जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट और मंडला जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर शामिल होंगे।

जहरीले कफ सिरप से इन बच्चों की मौत
- शिवम राठौड़, उम्र : 4 साल (परासिया)
- विधि उम्र, : 3 साल (परासिया)
- अदनान खान, उम्र : 5 साल (परासिया)
- उसेद खान उम्र, : 4 साल (परासिया)
- ऋषिका पाइपरे, उम्र : 5 साल (परासिया)
- श्रेया यादव, उम्र-2 साल (परासिया)
- विकास यदुवंशी, उम्र : 5 साल (परासिया)
- हितांश सोनी, उम्र : 4 साल (परासिया)
- चंचलेश, उम्र, : 4 साल (परासिया)
- संध्या भोसम, उम्र: 1 साल (परासिया)
- योगिता टेकर, उम्र : 1.5 साल (परासिया)
- सहरिश अली, उम्र : 7 महीने (छिंदवाड़ा)
- पूर्वी अदमाची, उम्र : 5 महीने पांढुर्णा
- सत्य पवार, उम्र: 8 साल (छिंदवाड़ा)
- गर्मित धुर्वे, उम्र: 2.5 साल (बैतूल)
- कबीर यादव, उम्र: 4 साल (बैतूल)
- धानी डेहरिया, उम्र: 1.5 साल (छिंदवाड़ा)
3 अफसर सस्पेंड, ड्रग कंट्रोलर को हटाया
साथ ही, जिम्मेदारी तय करते हुए सरकार ने कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया है।
राज्य के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्या को उनके पद से हटाया गया है।
साथ ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा कफ सिरप प्रकरण के संबंध में मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।@DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh #MadhyaPradesh pic.twitter.com/jIDhIZtyzE
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 6, 2025
सरकार ने माना: केमिकल की जहरीली मात्रा से हुई मौत
राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर माना है कि बच्चों की मौत दूषित सिरप में मौजूद रसायन की विषाक्तता (केमिकल टॉक्सिसिटी) की वजह से हुई है।
भोपाल में हुई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की एक बैठक में प्रमुख सचिव संदीप यादव ने बताया कि बच्चों के किडनी की बायोप्सी रिपोर्ट में ‘एक्यूट ट्यूबुलर नेक्रोसिस’ पाया गया, जो किसी जहरीले रसायन के प्रभाव को दर्शाता है।
इसके बाद बैठक में यह तय किया गया कि अब डॉक्टर बच्चों को कोई भी सिरप लिखते समय अतिरिक्त सावधानी बरतेंगे।
साथ ही, बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के दवा बेचने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दो और कफ सिरप निकले जहरीले, गुजरात में बने हैं
इस बीच, मध्य प्रदेश फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जांच रिपोर्ट ने एक नया खुलासा किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दो और कफ सिरप ‘री लाइफ’ और ‘रेस्पिफ्रेस टीआर’ में खतरनाक रसायन डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की अधिक मात्रा पाई गई है।
यह वही रसायन है जो पहले प्रतिबंधित किए गए ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप में मिला था।
दोनों नए पाए गए दूषित सिरप गुजरात में बने हैं।
- री लाइफ सिरप: निर्माता – M/s Shape Pharma Pvt. Ltd., राजकोट। बैच नंबर LSL25160 में 0.616% DEG पाया गया।
- रेस्पिफ्रेस टीआर सिरप: निर्माता – M/s Rednonex Pharmaceuticals Pvt. Ltd., अहमदाबाद। बैच नंबर RO1GL2523 में 1.342% DEG पाया गया।
गौरतलब है कि मानकों के अनुसार, कफ सिरप में DEG की अधिकतम स्वीकार्य मात्रा 0.1% से कम होनी चाहिए।
इन सिरपों में यह मात्रा इस सीमा से कहीं अधिक पाई गई है, जो किडनी फेलियर और ब्रेन डैमेज जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।
कैसे हुई जहरीले सिरप की पहचान?
यह मामला तब सामने आया जब सितंबर के अंत में छिंदवाड़ा जिले में ड्रग इंस्पेक्टर्स की एक टीम ने स्थानीय मेडिकल स्टोर और अस्पतालों का निरीक्षण किया।
इस दौरान संदेह के आधार पर कुल 19 दवाओं के नमूने लेकर सरकारी प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजे गए।
अब धीरे-धीरे आ रही इन जांच रिपोर्टों ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं।
अब तक कुल चार सिरप मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं:
- कोल्ड्रिफ (Coldrif): तमिलनाडु से आए इस सिरप के बैच नंबर SR-13 में 46.2% से लेकर 48.6% तक DEG पाया गया।
- नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS): इस पर भी पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- री लाइफ (Relife): गुजरात से आए इस सिरप में 0.616% DEG मिला।
- रेस्पिफ्रेस टीआर (Respifresh TR): गुजरात से आए इस सिरप में 1.342% DEG मिला।
सरकार की कार्रवाई
इस पूरे प्रकरण ने देश में दवाओं की गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया है।
साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।
छिंदवाड़ा जिले में अमानक कफ सिरप मामले को लेकर कार्रवाई की गई है।
मध्यप्रदेश सरकार संवेदनशील है, किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : CM@DrMohanYadav51 @healthminmp #MadhyaPradesh pic.twitter.com/K8zHMvs511
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 6, 2025
इस घटना ने माता-पिता और डॉक्टरों को भी सचेत कर दिया है कि बच्चों को कोई भी दवा देते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।