MP Assembly Winter Session मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन किसानों के मुद्दे पर तीखी बहस हुई।
कांग्रेस विधायकों ने खराब फसलों को दर्शाती तख्तियां लेकर विधानसभा में प्रदर्शन किया, जबकि कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना सदन में ही बेहोश हो गए।
आइए जानते हैं अब तक क्या-क्या हुआ…
किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस का प्रदर्शन
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक खेतों में फसलों की खराब स्थिति को दर्शाती तख्तियां लेकर विधानसभा पहुंचे।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, “प्रदेश का किसान कभी खाद के लिए, कभी खरीदी के उचित मूल्य के लिए, और कभी मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहा है।”
मध्यप्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र – 02 दिन
विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही से पहले किसान-विरोधी नीतियों के खिलाफ सांकेतिक प्रदर्शन किया।
कहावत है— “चिड़िया चुग गई खेत”
आज यही हालत भाजपा सरकार ने किसानों की कर दी है।
सोयाबीन, मक्का, प्याज-किसी फसल का भाव… pic.twitter.com/J50zD6SGXR— Umang Singhar (@UmangSinghar) December 2, 2025
मुरैना से कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर ने आरोप लगाया, “भाजपा की सरकार किसानों के खेतों पर डाका डाल रही है। कर्जा माफ नहीं किया, बिजली नहीं दी, फसलों के दाम नहीं मिले। फसल बीमा के नाम पर मात्र दो सौ-चार सौ रुपए दिए जाते हैं।”
मध्यप्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र – 02 दिन
आज विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा पहुँचकर मीडिया बंधुओं से प्रदेश के अन्नदाता किसानों के अधिकारों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
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कृषि मंत्री बेहोश
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना को चक्कर आ गया और वे बेहोश हो गए।
इसके बाद कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
मुख्यमंत्री सदन में प्रवेश कर रहे थे तभी उन्होंने कंसाना को बेहोश देखा और तुरंत उनके पास पहुंचे।
इसके बाद कंसाना को अस्पताल ले जाया गया।
सरकार और विपक्ष में तीखी बहस
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने दावा किया कि सरकार ने किसानों को 2,068 करोड़ रुपए राहत राशि के रूप में दिए हैं। उन्होंने कहा, “प्रदर्शन करना कांग्रेस का काम है।”
विपक्ष ने सत्र की छोटी अवधि पर भी नाराजगी जताई।
इस बार का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक बुलाया गया है, लेकिन 3 दिसंबर को छुट्टी होने के चलते सिर्फ चार बैठकें ही हो रही हैं।
मध्यप्रेश विधानसभा शीतकालीन सत्र – 02 दिन
किसानों के सम्मान में, कांग्रेस मैदान में !
आज विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक दल ने प्रदेश के किसानों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए, किसान-विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार सांकेतिक प्रदर्शन किया।
भाजपा… pic.twitter.com/E8eBQ05aGe
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आदिवासी मुद्दे भी उठे
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सेना महेश पटेल ने आलीराजपुर जिले के आदिवासियों को नर्मदा नदी के किनारे से हटाने का मामला उठाया।
वन मंत्री दिलीप अहिरवार ने जवाब दिया, “किसी भी आदिवासी की जमीन जबरन नहीं छीनी जाएगी।”
विधायक चंदा सुरेंद्र सिंह गौर ने खरगापुर क्षेत्र के आदिवासियों की फसलें नष्ट करने की घटना का मुद्दा उठाया।
गृह मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और आरोपियों की तलाश जारी है।
महिला सुरक्षा और सुरक्षा बलों की तैनाती पर चर्चा
भाजपा विधायक रीति पाठक ने सीधी जिले में वर्किंग वुमेन हॉस्टल की स्थापना का मुद्दा उठाया।
महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि प्रदेश में आठ नए वर्किंग वुमेन हॉस्टल बनना तय हुए हैं।
भाजपा विधायक कंचन तनवे ने खंडवा में SAF बटालियन तैनात करने की मांग की। उन्होंने कहा, “खंडवा सिमी आतंकियों का केंद्र बन चुका है। यहां लगातार आतंकी और तस्करी की घटनाएं हो रही हैं।”
गृह मंत्री ने जवाब दिया कि खरगोन में बटालियन मौजूद है जो आसानी से खंडवा पहुंच सकती है।
स्पीकर ने गैलरी में बैठने पर आपत्ति जताई
स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने कुछ सदस्यों के गैलरी में बैठने पर आपत्ति जताई और उन्हें अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया।
कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम आदिवासियों के पलायन का प्रश्न पूछने के बाद गैलरी में बैठ गए थे।
सत्र के दौरान कांग्रेस ने कहा कि वह किसानों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से संघर्ष करती रहेगी।
पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार चुनावी वादों में बड़ी बातें करती है लेकिन किसानों को लगातार ठगती रही है।


