MP Cold Weather-Heavy rain alert: मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम ने करवट ले ली है।
प्रदेश के पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में सक्रिय तीन मौसमी सिस्टम्स के कारण बारिश का दौर एक बार फिर से तेज हो गया है।
मौसम विभाग ने प्रदेश के 12 जिलों में अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
आइए जानते हैं मौसम की पूरी तस्वीर।
किन जिलों में है भारी बारिश का खतरा?
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के पूर्वी हिस्से में एक स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय है, जिसके कारण सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट समेत 12 जिलों में अगले 24 घंटों में ढाई से साढ़े चार इंच (लगभग 65 से 115 मिमी) तक भारी बारिश हो सकती है।
इसके अलावा, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर और कटनी जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ भी जारी किया है।
क्यों बदल रहा है मौसम?
प्रदेश में मौसम के इस बदलाव के पीछे तीन मुख्य कारण हैं:
- अरब सागर में बना डिप्रेशन: हालांकि इसका असर अब कम हो रहा है, लेकिन इसने प्रारंभिक नमी का स्तर बढ़ाया है।
- बंगाल की खाड़ी का गहरा डिप्रेशन: यह सिस्टम पूर्वी और दक्षिणी एमपी में बारिश के लिए जिम्मेदार है।
- तूफान ‘मोंथा’ का असर: इस तूफान ने हवा की रफ्तार को बढ़ा दिया है, जिससे बारिश और ठंड के असर को बल मिला है।
तापमान में आई गिरावट, भोपाल-इंदौर में ‘लुढ़का’ पारा
बारिश और तेज हवाओं के असर से प्रदेश के कई शहरों में दिन का तापमान अचानक गिर गया है।
बुधवार को भोपाल में अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री, इंदौर में 25.1 डिग्री और उज्जैन में महज 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
यह सामान्य से काफी कम है और ठंड का अहसास बढ़ा दिया है।
वहीं, रात के तापमान में भी गिरावट देखने को मिली है।
इंदौर और भोपाल में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री, ग्वालियर में 21.6 डिग्री और राजगढ़ में प्रदेश का सबसे कम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
इसके विपरीत, बड़वानी में दिन का तापमान 31.8 डिग्री दर्ज किया गया।
आगे क्या रहेगा मौसम का हाल?
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक:
- बारिश का दौर: 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश जारी रहने की संभावना है। 30 अक्टूबर को बारिश की सबसे ज्यादा एक्टिविटी देखने को मिल सकती है।
- ठंड में इजाफा: 6 नवंबर के बाद प्रदेश में ठंड बढ़ने का अनुमान है। उत्तरी हिस्से में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के असर से नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का प्रकोप बढ़ेगा।
- भीषण सर्दी की संभावना: मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस साल नवंबर से जनवरी के बीच 2010 के बाद सबसे ज्यादा ठंड पड़ सकती है। सर्दियों में सामान्य से अधिक बारिश भी हो सकती है।
मानसून की विदाई, पर बारिश बरकरार
गौरतलब है कि इस साल 13 अक्टूबर को मानसून पूरे प्रदेश से विदा हो गया था।
मानसून लगभग 4 महीने तक प्रदेश में सक्रिय रहा।
आमतौर पर मानसून के लौटने के बाद बारिश की गतिविधियां कम हो जाती हैं, लेकिन इस बार स्थानीय मौसमी सिस्टम्स के कारण बारिश का सिलसिला जारी है।
कुलमिलाकर मध्य प्रदेश के निवासियों को अगले कुछ दिनों में बारिश और बढ़ती ठंड के लिए तैयार रहना होगा।
यात्रा करते समय मौसम अपडेट पर नजर रखने और सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।


