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Cold Wave Alert: पहाड़ों से भी ज्यादा ठंडा हुआ मध्य प्रदेश! 14 जिलों में शीतलहर का अलर्ट

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Madhya Pradesh Cold Wave Alert: मध्य प्रदेश इस वक्त सर्दी की जबरदस्त मार झेल रहा है।

राज्य के कई हिस्सों में पारा इतना गिर गया है कि यहां का तापमान शिमला और मसूरी जैसे पहाड़ी शहरों को भी पीछे छोड़ रहा है।

मौसम विभाग ने प्रदेश के 14 जिलों के लिए ‘सीवियर कोल्ड वेव’ यानी ‘तीव्र शीतलहर’ का अलर्ट जारी किया है।

आइए, जानते हैं कि आखिर क्यों बढ़ रही है ठंड और क्या है आने वाले दिनों का पूर्वानुमान।

1. पहाड़ों को पीछे छोड़ते एमपी के शहर

आमतौर पर नवंबर का दूसरा सप्ताह मध्य प्रदेश में हल्की-फुल्की सर्दी का अहसास कराता है, लेकिन इस बार मौसम ने पूरा पासा पलट दिया है।

रविवार-सोमवार की रात को लें तो:

  • भोपाल का न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हैरानी की बात यह है कि उसी रात शिमला का तापमान भी 8.8 डिग्री ही था। यानी राजधानी भोपाल में उतनी ही ठंड थी, जितनी शिमला में।
  • इंदौर की स्थिति और भी चौंकाने वाली रही। यहां पारा 7.9 डिग्री तक गिर गया, जो मसूरी (8.6 डिग्री) और देहरादून (11.7 डिग्री) से भी कम था।

इसका सीधा सा मतलब है कि मध्य प्रदेश के लोगों को पहाड़ों की सैर किए बिना ही वहां जैसी ठंड का अनुभव हो रहा है।

2. किन 14 जिलों में है शीतलहर का अलर्ट?

मौसम विभाग ने मंगलवार को निम्नलिखित 14 जिलों के लिए शीतलहर या तीव्र शीतलहर का अलर्ट जारी किया है:

  • तीव्र शीतलहर (सीवियर कोल्ड वेव) वाले जिले: भोपाल, इंदौर और राजगढ़। इन इलाकों में ठंड सबसे ज्यादा कहर बरपाएगी।
  • शीतलहर (कोल्ड वेव) वाले जिले: शाजापुर, सीहोर, देवास, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, मंडला, रीवा, मऊगंज, मैहर और शहडोल।

इन जिलों में रात का तापमान और भी गिर सकता है, जिससे ठंड का अहसास और बढ़ जाएगा।

बालाघाट (मलाजखंड) जैसे जिलों में तो दिन के वक्त भी ठंड का प्रभाव साफ देखा जा रहा है।

3. ठंड के पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है?

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस असामान्य ठंड के पीछे दो मुख्य कारण हैं:

  • पहाड़ों पर बर्फबारी: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में हुई बर्फबारी का सीधा असर मध्य प्रदेश के मौसम पर पड़ रहा है। इन इलाकों से आने वाली ठंडी और सर्द हवाएं मध्य प्रदेश के तापमान को नीचे गिरा रही हैं।
  • पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस): मौसम विशेषज्ञ अरुण शर्मा के मुताबिक, मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ है। इसकी वजह से उत्तरी दिशा से ठंडी हवाएं लगातार प्रदेश में प्रवेश कर रही हैं, जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ गया है।

4. कितने दिन तक रहेगी इस ठंड का असर?

मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों में ठंड का यह सिलसिला जारी रहेगा।

रात का तापमान और गिर सकता है।

मौसम विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि अगर पश्चिमी विक्षोभ इसी तरह सक्रिय रहे, तो इस बार प्रदेश में सर्दी का मौसम सामान्य 75 दिनों के बजाय 80 से 85 दिनों तक रह सकता है।

यानी इस बार लंबे समय तक पड़ सकती है जबरदस्त सर्दी।

5. टूट रहे हैं कई साल पुराने रिकॉर्ड

इस बार की ठंड ने कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं:

  • भोपाल में नवंबर का यह सबसे ठंडा मौसम पिछले 10 साल (2015 के बाद) में दर्ज किया गया है।
  • इंदौर में पिछले 25 साल में नवंबर में कभी इतनी सर्दी नहीं पड़ी। यहां नवंबर का सर्वकालिक रिकॉर्ड 1938 का है, जब तापमान 5.6 डिग्री पर पहुंच गया था।
  • भोपाल में ही 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा, जो पिछले 25 साल में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन था।

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साफ है कि मध्य प्रदेश में इस सर्दी का कहर जारी रहने वाला है। लोगों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है।

गर्म कपड़े पहनें, खासकर सुबह और शाम के वक्त। बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें।

मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट पर अमल करें और ठंड से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाएं।

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