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छिंदवाड़ा में मासूमों की जान ले रहा किडनी फेलियर: 22 दिन में 4 बच्चों की मौत, टीमें नहीं खोज पा रहीं कारण

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Chhindwara Kidney Failure: छिंदवाड़ा जिले में एक रहस्यमय बीमारी छोटे-छोटे बच्चों की जान ले रही है।

पिछले 22 दिनों में चार मासूम बच्चों ने इस अज्ञात बीमारी के चलते दम तोड़ दिया है।

सबसे डरावनी बात यह है कि दिल्ली और भोपाल से आई विशेषज्ञ टीमें भी अब तक इस बीमारी की सटीक वजह का पता नहीं लगा पाई हैं।

सभी मामलों में बच्चों की किडनी अचानक फेल हो गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

22 दिन में चार मासूमों की जान गई

इस सिलसिले में सबसे हालिया मौत 4 साल के विकास यदुवंशी की हुई है।

बीते शनिवार को नागपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसने अपनी आखिरी सांस ली।

विकास को पहले तेज बुखार आया था।

इससे पहले, 7 सितंबर से लेकर 13 सितंबर के बीच, तीन अन्य बच्चे भी इसी तरह के लक्षणों के बाद किडनी फेल होने से मर चुके हैं।

  1. उसेद खान (4 वर्ष)
  2. अदनान खान (5 वर्ष) 
  3. हितांश सोनी (4 वर्ष)

इन सभी बच्चों में बीमारी की शुरुआत तेज बुखार और पेशाब रुकने जैसे लक्षणों से हुई।

बीमारी का पैटर्न एक जैसा, इलाज मुश्किल

सभी प्रभावित बच्चों में बीमारी का पैटर्न लगभग एक जैसा रहा है:

  1. सबसे पहले तेज बुखार और जुकाम जैसे लक्षण दिखाई दिए।
  2. फिर अचानक पेशाब आना बंद हो गया या कम हो गया।
  3. जांच में पता चला कि किडनी में गंभीर संक्रमण है।
  4. इसके बाद किडनी काम करना बंद कर देती और बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई।
  5. नागपुर के बड़े अस्पतालों में भर्ती कराने और डायलिसिस जैसे इलाज के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।

वैज्ञानिकों की टीम जुटी, लेकिन अब तक नहीं मिला जवाब

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली से ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की एक विशेषज्ञ टीम छिंदवाड़ा पहुंची है।

भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर मौजूद है।

ये टीमें घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं, पानी की जांच कर रही हैं और संदिग्ध मामलों के सैंपल इकट्ठा कर रही हैं।

इन सैंपलों को पुणे की लैब में जांच के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई है।

इसीलिए बीमारी का सटीक कारण चाहे वह कोई वायरस हो, बैक्टीरिया हो या पानी की कोई समस्या अभी तक पता नहीं चल पाया है।

स्थानीय लोगों में डर का माहौल

इस पूरे मामले ने इलाके के लोगों में दहशत फैला दी है।

क्षेत्र में गंदे पानी की समस्या को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।

लोग अपने बच्चों में बुखार जैसे सामान्य लक्षण दिखने पर भी बेहद घबरा रहे हैं।

प्रशासन लोगों को सलाह दे रहा है कि वे साफ पानी पीएं और बच्चों में कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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