NEET Coaching Free: मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए खुश खबरी है।
हरियाणा सरकार नई योजना लेकर आई है, जिसके तहत पढ़ाई में होनहार छात्रों को फ्री में कोचिंग दी जाएगी।
राज्य शिक्षा विभाग ने नीट (NEET) की कोचिंग फ्री देने का फैसला लिया है, इसके लिए राजकीय स्कूलों में क्लास लगेगी।
मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने के इच्छुक छात्र सरकार की इस नई योजना का लाभ ले सकते हैं।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में होगा कोचिंग का संचालन
हरियाणा सरकार ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक बेहतरीन योजना की शुरुआत की है।
राज्य शिक्षा विभाग अब छात्रों को मुफ्त में नीट की कोचिंग प्रदान करेगा।
यह पहल खासकर उन होनहार विद्यार्थियों के लिए की गई है, जिनमें मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने की क्षमता है।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में नई पहल की है।
इसके तहत शिक्षा विभाग उन छात्रों की पहचान करेगा जो पढ़ाई में अव्ल हैं, लेकिन प्राइवेट कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते हैं।
ऐसे छात्रों को एक साथ क्लस्टर बनाकर नीट की तैयारी करवाई जाएगी।
इसे लेकर शिक्षा विभाग मेडिकल क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों, प्रोफेसर और शिक्षकों को हायर करेगा।
सुपर-100 और बुनियाद कार्यक्रम बनेगा सहारा
इस योजना के संचालन के लिए शिक्षा विभाग सुपर-100 और बुनियाद जैसे कार्यक्रमों का सहारा लेगा।
इन कार्यक्रमों के तहत छात्रों का चयन परीक्षा द्वारा किया जाएगा।
सुपर-100 और बुनियाद कार्यक्रम पहले से ही राज्य में अपनी पहचान बना चुके हैं और अब इन्हें मेडिकल की तैयारी में इस्तेमाल किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस पहल के तहत 40 से 60 छात्रों के बैच बनाए जाएंगे।
जिनमें मेडिकल क्षेत्र के विशेषज्ञ, प्रोफेसर और अनुभवी शिक्षक बच्चों को ट्रेन करेंगे।
इसके अलावा इस योजना से जुड़े शिक्षक और प्रशिक्षक मेडिकल क्षेत्र से संबंधित होंगे, ताकि छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके।
फिलहाल शिक्षा विभाग ने मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। ह
रियाणा सरकारी की यह योजना न केवल नीट के लिए, बल्कि राज्य में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
इसका लाभ उन छात्रों को मिलेगा जो मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर तो बनाना चाहते हैं, मगर उनके ना तो संसाधन है और ना ही आर्थिक कारणों के चलते कोचिंग ले पाते हैं।