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Cashless Treatment Scheme: सड़क हादसे में घायल को 7 दिन तक मिलेगा 1.5 लाख रुपये तक का इलाज

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Cashless Treatment Scheme: देश में सड़क हादसों से हर साल हजारों जानें जाती हैं।

2024 में 1.8 लाख मौतें हुईं, जिनमें 66% मृतक युवा थे।

यदि समय पर इलाज मिलता, तो इनमें से कई की जान बचाई जा सकती थी।

इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कैशलेस ट्रीटमेंट योजना (Cashless Treatment Scheme) की घोषणा की।

इसके तहत सड़क हादसे में घायल को 7 दिन तक 1.5 लाख रुपये का मुफ्त इलाज मिलेगा।

आइए जानतें हैं मार्च से देशभर में लागू होने वाली इस योजना का लाभ कैसे मिलेगा-

जानें क्या है कैशलेस ट्रीटमेंट योजना ?

7 जनवरी 2025 को दिल्ली के भारत मंडपम में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कैशलेस ट्रीटमेंट योजना की घोषणा की।

यह योजना देशभर में सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को मुफ्त इलाज प्रदान करने के लिए शुरू की गई है।

योजना के तहत हर घायल को अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज 7 दिनों तक मिलेगा।

मार्च 2025 तक यह योजना पूरे देश में लागू होगी।

मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि यह योजना पहले 6 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई गई, जिसमें इसे सफलता मिली।

यह 6 राज्य चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश,  महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश है।

मंत्री नितिन गडकरी ने इस योजना को लागू करने के लिए IT प्लेटफॉर्म और e-DAR जैसे एप्स का उपयोग करने की बात कही है।

Cashless Treatment Scheme
Cashless Treatment Scheme

कैशलेस ट्रीटमेंट योजना का उद्देश्य घायल व्यक्तियों को समय पर इलाज प्रदान कर जान बचाना और सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।

दूसरी योजनाओं की तरह इस योजना का फायदा लेने के लिए अलग से कोई कार्ड या डॉक्यूमेंट्स नहीं बनवाने होंगे।

इस योजना के तहत दुर्घटना होने पर घायल को सीधे अस्पताल ले जाकर भर्ती करवाना होगा।

इसके बाद डॉक्यूमेंटेशन की प्रोसेस पूरी करने के बाद योजना का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।

कैशलेस ट्रीटमेंट योजना का लाभ ऐसे मिलेगा

योजना का लाभ उठाने के लिए तीन आसान स्टेप्स को फॉलो करें –

  1. अस्पताल में भर्ती: एक्सीडेंट के तुरंत बाद घायल को नजदीकी लिस्टेड अस्पताल में भर्ती कराना होगा।
  2. पुलिस को सूचना: दुर्घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस को सूचना देना अनिवार्य है।
  3. डॉक्यूमेंटेशन: पुलिस रिपोर्ट और पहचान पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज अस्पताल में जमा करने होंगे।

कैशलेस ट्रीटमेंट योजना में ये मिलेगा मुफ्त – 

Cashless Treatment Scheme
Cashless Treatment Scheme

मौत होने पर परिजनों को 2 लाख की आर्थिक सहायता

इस योजना के तहत रोड एक्सीडेंट से मौत होने पर परिजनों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

भारत सरकार ने मुख्य रूप से हिट एंड रन जैसे मामलों में 2 लाख रुपए देने का प्रावधान बनाया है।

इसके लिए परिवार वालों को एक्सीडेंट होने के 24 घंटे के अंदर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करनी होगी।

पुलिस रिपोर्ट की कॉपी और सक्सेशन सर्टिफिकेट समेत सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स तैयार करने होंगे।

सड़क और परिवहन मंत्रालय के ऑफिस में सभी डॉक्यूमेंट्स जमा करके अप्लाई करना होगा।

Road Accident
Road Accident

इसके बाद तय दिनों के भीतर 2 लाख रुपए की राशि मृतक के परिजनों को मिल जाएगी।

केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि यह योजना सभी लोगों के लिए लॉन्च की जाएगी।

फिलहाल आयुष्मान कार्डधारकों को अलग से फायदा देने पर कोई बयान नहीं दिया गया है।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति चिंताजनक

भारत में सड़क हादसों की स्थिति चिंताजनक है।

दिसंबर 2024 में सड़क और परिवहन मंत्रालय ने ‘रोड एक्सीडेंट इन इंडिया 2022’ रिपोर्ट जारी की।

इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में 5 साल में सड़क हादसों में 7.77 लाख मौतें हुई।

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 1.08 लाख मौतें हुई।

इसके बाद तमिलनाडु 84 हजार मौत और महाराष्ट्र 66 हजार मौत के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है।

2021 में देश में सड़क हादसों में 1 लाख 53 हजार 972 मौतें हुई थीं, जो 2022 में बढ़कर 1 लाख 68 हजार 491 हो गई।

Road Accident
Road Accident

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में देश में कुल 4 लाख 61 हजार 312 सड़क हादसे दर्ज किए गए।

इनमें से 1 लाख 55 हजार 781 यानी 33.8% हादसे जानलेवा थे।

2021 की तुलना में 2022 में कुल सड़क हादसों में 11.9% का इजाफा हुआ।

सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 9.4% और घायलों की संख्या में 15.3% की बढ़ोतरी हुई।

रिपोर्ट में बताया गया कि देश के कुल सड़क नेटवर्क का सिर्फ 5% हिस्सा हाईवे है।

इन पर 55% से ज्यादा हादसे होते हैं, जिनमें कुल मौतों में से 60% से ज्यादा मौतें होती हैं।

साल 2022 में कुल दुर्घटनाओं का 32.9% और कुल मौतों का 36.2% नेशनल हाईवे पर हुईं।

ट्रकों और बसों के लिए लागू होगी कवच सुरक्षा प्रणाली

42वीं परिवहन विकास परिषद की बैठक में सड़क सुरक्षा प्राथमिकता में रही।

बैठक में निर्णय लिया गया कि वाहन बनाने वाली कंपनियां जो भी भारी वाहन यानी बस और ट्रक बनाएंगी, उसमें तीन सुरक्षा तकनीकें अनिवार्य से रूप से होंगी।

माना जा रहा है कि यह तकनीकें ट्रक और बसों को ट्रेनों के ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली जैसी सुरक्षा दे सकती हैं।

इलेक्ट्रानिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और आटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम से दो वाहनों के टकराव को रोका जा सकता है।

जबकि ड्राइवर ड्राउजीनेस सिस्टम अलर्ट ऐसा आडियो सिस्टम होगा, जो भांप लेगा कि ड्राइवर को झपकी या आलस आ रहा है और ड्राइवर को सतर्क कर देगा।

बता दें साल 2024 में सड़क हादसों में जिन 1 लाख 80 हजार लोगों की मृत्यु हुई है, उसमें 35 हजार मौतें बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले ड्राइवरों की वजह से हुई हैं।

Road Accident
Road Accident

ड्राइवर प्रशिक्षित हों इसके लिए मंत्रालय ने ड्राइवर ट्रेनिंग पॉलिसी लांच की है।

इसके तहत देशभर में 1250 नए ट्रेनिंग सेंटर और फिटनेस खोले जाएंगे।

इसमें मंत्रालय की ओर से करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

इन सेंटरों से करीब 25 लाख नए ड्राइवर ट्रेनिंग लेकर लाइसेंस के साथ निकलेंगे और उनको रोजगार मिलेगा।

वहीं करीब 15 लाख लोगों को इन सेंटरों में रोजगार मिलेगा।

हर जिले में एक आटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर की भी स्थापना होगी।

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