पंडित प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज जी के बीच विवाद थमा ही था कि अब ब्रज ने कथावाचक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ ब्रज के संत, महंत और धर्माचार्यों ने महापंचायत की। इस महापंचायत में धर्माचार्य, संत, महंत और महामंडलेश्वर ने पंडित प्रदीप मिश्रा के ब्रज में प्रवेश करने पर रोक लगा दी।
ये महापंचायत पंडित प्रदीप मिश्रा के उस बयान के खिलाफ हुई थी जिसमें पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधारानी को लेकर विवादित बयान दिया था।
दरअसल, हाल ही में ओंकारेश्वर में अपने प्रवचन के दौरान प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि राधा जी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था।
राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी जहां वह साल भर में एक बार आती थीं।
बस इसी बयान को लेकर अब उनका विरोध किया जा रहा है। इसके बाद प्रेमानंद महाराज और प्रदीप मिश्रा के बीच राधा रानी को लेकर दिया बयान खूब वायरल हुआ था।
प्रेमानंद जी ने कथावाचक प्रदीप मिश्रा को नसीहत तक दे दी थी। बताया जाता है कि इस बीच बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पंडित प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद जी महाराज के बीच सुलह करवा दी थी।
संत समाज इसी बात से प्रेमानंद जी से नाराज है कि उन्होंने फोन पर प्रदीप मिश्रा से सुलह कर ली और ब्रज के किसी संत से इस बारे में सलाह नहीं ली।
अब प्रदीप मिश्रा के बरसाना आकर माफी न मांग लेने तक संतों का विरोध जारी रहेगा। इतना ही नहीं ब्रज के धर्माचार्यों ने प्रदीप मिश्रा को शास्त्रार्थ कर लेने की चुनौती भी दी है।