8th Tiger Reserve of MP: टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में अब 8 टाइगर रिजर्व हो गए हैं।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को बाघ अभयारण्य घोषित किया है।
इस कदम से पर्यटन और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
आईए जानते हैं नए टाइगर रिजर्व का कोर एरिया और बफर जोन कितना होगा।
साथ ही माधव नेशनल पार्क के टाइगर रिजर्व बनने पर शिवपुरी में क्या परिवर्तन होगा।
प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को केंद्र ने दिखाई हरी झंडी
मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दिखाई है, जिसके बाद से एमपी की लिस्ट में एक और टाइगर रिजर्व का नाम जुड़ गया है।
शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क (Madhav National Park) को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित कर दिया गया है।
National Tiger Conservation Authority (NTCA) की तकनीकी समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
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सिंह परियोजना के डायरेक्टर ने बताया कि प्रदेश सरकार इसे टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) के रूप में नोटिफाई करेगी।
नोटिफाई होते ही माधव नेशनल पार्क को एमपी के 8वां टाइगर रिजर्व के रूप में जाना जाएगा।
इससे प्रदेश में बाघों के संरक्षण में एक नई दिशा मिलेगी, साथ ही वन्यजीव संरक्षण और ईको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा।
2 टाइगर और आएंगे, 50 लाख रुपये से खरीदे जाएंगे वाहन
शिवपुरी को एकबार फिर से दो बड़ी सौगात केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयास मिली हैं।
माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलना संरक्षण की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
इसके अलावा राष्ट्रीय उद्यान में एक नर और एक मादा बाघ को छोड़ने की मंजूरी दी गई है, जिससे बाघों की संख्या में वृद्धि और प्रजनन में मदद मिल सकेगी।
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वहीं पर्यटकों की सुविधा के लिए 50 लाख रुपये से दो वाहन खरीदे जाएंगे।
बता दें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे।
पिछले साल मार्च में माधव राष्ट्रीय उद्यान में सिंधिया के प्रयासों से 3 बाघों को पुनस्थापित किया गया था।
यह एक ऐतिहासिक अवसर था, क्योंकि करीब 30 वर्षों बाद उद्यान में बाघ आए थे।
नए टाइगर रिजर्व का कोर एरिया और बफर जोन
माधव टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा।
इसमें से 375 किमी का कोर एरिया होगा, जबकि 1276 किमी बफर जोन होगा।
गौरतलब है कि माधव नेशनल पार्क ने बाघ संरक्षण की दिशा में अहम प्रगति की है।
बाघों के सफल ब्रीडिंग प्रोग्राम के बाद नेशनल पार्क ने सितंबर 2024 में शावकों का स्वागत किया था।
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यह बाघों के संरक्षण को लेकर बड़ी सफलता थी।
शावकों के जन्म के बाद माना जा रहा है कि इस पार्क में उनके लिए चलाया गया प्रोग्राम सही राह पर है।
5 गांवों के 75 परिवार को किया जाएगा विस्थापित
माधव नेशनल पार्क के टाइगर रिजर्व बनते शिवपुरी में पर्यटन उद्योग में संभावनाएं बढ़ जाएगी।
जिले को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी, और देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
पार्क के बजट और सुरक्षा में बढ़ोत्तरी होगी, साथ ही नियम और सख्त हो जाएंगे।
वहीं माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए इसके अंदर बसे 5 गांवों को विस्थापित किया जाएगा।
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माधव नेशनल पार्क एवं सिंह परियोजना के डायरेक्टर उत्तम शर्मा ने बताया कि इन पांच गांवों में 75 परिवार हैं।
इन सभी को विस्थापित करने के लिए नवंबर 2022 से ही प्रयास चल रहे हैं।
उनके विस्थापन में कुछ कानूनी पेंच फंसे हुए हैं, जिन्हें धीरे-धीरे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
उम्मीद है कि जल्द ही इन परिवारों की समस्या का समाधान हो जाएगा और यह परिवार विस्थापित हो जाएंगे।
ये हैं मध्य प्रदेश के 7 टाइगर रिजर्व
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है, वर्ष 2022 की गणना के मुताबिक यहां 785 बाघ हैं।
वहीं माधव नेशनल पार्क के अलावा ये रहें मध्य प्रदेश में सात टाइगर रिजर्व –
- कान्हा टाईगर रिजर्व मंडला – बालाघाट
- बांधवगढ टाईगर रिजर्व – उमरिया
- पन्ना टाईगर रिजर्व पन्ना
- पेंच टाईगर रिजर्व – सिवनी
- सतपुड़ा टाईगर रिजर्व – नर्मदापुरम
- संजय टाईगर रिजर्व – सीधी
- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य