Women In Digital Arrest: मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठगी की वारदातें बढ़ गई है।
अक्सर लोगों को जागरुक किया जाता है, लेकिन साइबर ठग ऐसा झाल बिछाते है कि लोग इसमें फंस ही जाते है।
हाल ही में इंदौर की एक वृद्ध महिला को निशाना बनाकर 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और लाखों की ठगी की।
ट्राई, कस्टम, सीबीआई के फर्जी अधिकारी बनकर महिला को कॉल पर डराया-धमकाया गया और फिर पूरी वारदात को अंजाम दिया।
बुजुर्ग को 5 दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्ट
इंदौर शहर में अकेले रह रही 65 साल की एक बुजुर्ग महिला को साइबर ठगों ने अपना निशाना बनाया और 46 लाख रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया।
महिला का बेटा विदेश में रहता है, इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया और वृद्धा को 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा।
साइबर ठगों ने ट्राई, कस्टम, सीबीआई के फर्जी अधिकारी बनकर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया।
मामले में पीड़िता की शिकायत पर क्राइम ब्रांच की टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहले TRAI फिर कस्टम अधिकारी बनकर किया कॉल
अधिकारियों के मुताबिक फरियादी ने बताया कि सबसे पहले 11 सिंतबर को अंजान नंबर से फोन आया था।
जिसमें अज्ञात व्यक्ति ने खुद को टेलीकॉम रेग्युलेटशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के दिल्ली हेड आफिस का जांच अधिकारी विनोद कुमार बताया।
महिला को कहा गया कि आपके नाम से जियो कंपनी की सिम रजिस्टर्ड है।
जिसके माध्यम से इललिगल एडवरटाइजिंग और हैरसमेंट का अपराध किया गया है।
इसलिए आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है, आपके सभी मोबाइल नंबर एक घंटे में बंद कर दिए जाएंगे।
इसके थोड़ी देर बाद फिर एक और अज्ञात नंबर से महिला को फोन आता है।
इस बार कॉलर ने कहा कि आपके नाम से आपके आधार कार्ड से दर्ज एक पार्सल कंबोडिया भेजा गया है, जो कि कस्टम विभाग में है।
इसकी जांच चल रही है, ये सुनकर बुजुर्ग महिला ने फोन काट दिया।
तीसरा फोन आया और कहा मैं सीबीआई अधिकारी हूं
पहला कॉल ट्राई अधिकारी और दूसरा कस्टम अधिकारी का आने के बाद ये सिलसिला आगे बढ़ा और फिर महिला को इसके बाद तीसरा कॉल वाट्सएप पर आता है।
कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा संदीप कुमार के यहां से आपके नाम की पासबुक निकली है।
ठगों ने झांसा दिया और कहा कि संदीप हमारी कस्टडी में है। दिल्ली की एचडीएफसी बैंक में खाता है, जिससे सारे ट्रांजेक्शन हो रहे हैं।
इसमें ड्रग्स, आतंकवाद, मनी लान्ड्रिंग के लिए करोड़ों के ट्रांजेक्शन मिले, आपके खिलाफ हमने वारंट निकाल दिया है।
फिर पूछा गया कि आप संदीप को कैसे जानते हो, आप हमें अपनी जानकारी दीजिए, नहीं तो ठीक नहीं होगा।
फिर पीड़िता ने डर के मारे ट्रांसफर कर दिए रुपये
ये सब 5 दिनों तक चलता रहा, ठग महिला को लगातार डराते-धमकाते रहे।
महिला से कहा गया कि आपका सारा पैसा RTGS के जरिये ट्रांसफर करो, जानकारी नहीं मिली तो आपको और आपके बच्चों को जान का खतरा है।
सबसे पहले 13 सितंबर को महिला ने अपने खाते से ठग द्वारा बताए खाते में 40 लाख रुपये ट्रांसफर किए।
इसके बाद 14 सितंबर को झांसा देने के लिए ठग का एक बार और फोन आया और कहा गया कि आप इनोसेंट हैं।
हमारे सर्विलेस में रहिए, आप पर लगातार नजर रखी जा रही है। सभी खातों की जानकारी दीजिए, हम उन्हें चेक करके बताएंगे।
इसके बाद फिर फोन आया और महिला से लगातार 17 सितंबर तक बातचीत चलती रही।
महिला को कुल 5 दिनों तक मानसिक रूप से डिजिटल अरेस्ट कर रखा गया।
महिल ने अंत में 6 लाख रुपये और भेज दिए, ऐसे ठगों ने कुल 46 लाख रुपये ठगे।
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