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पूरे MP में BAN हुई कार्बाइड गन: ई-कॉमर्स साइट्स को भी चेतावनी! CM ने अपनाई जीरो टॉलरेंस की नीति

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Carbide Gun Online Ban: दिवाली के मौके पर ‘ग्रीन पटाखा’ के नाम पर वायरल हुई खतरनाक कार्बाइड गन ने मध्य प्रदेश में भयानक तबाही मचाई है।

अब तक पूरे प्रदेश में 300 से अधिक बच्चे इसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, जिनमें से कई ने अपनी आंखों की रोशनी सदा के लिए खो दी है।

इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में कार्बाइड गन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति की घोषणा की है।

इस कार्यवाही के तहत अब ऑनलाइन इसकी बिक्री रोकने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को सीधे तौर पर चेतावनी भरे पत्र भेजे जाएंगे।

सरकार की सख्त कार्रवाई: जीरो टॉलरेंस का ऐलान

हादसों की बढ़ती संख्या और जनसुरक्षा को खतरे में देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीधे हस्तक्षेप किया।

शुक्रवार को वह घायल बच्चों से मिलने अस्पताल पहुंचे और तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के निर्देश दिए।

इसके बाद मुख्य सचिव अनुराग जैन की अगुवाई में एक हाई-लेवल मीटिंग हुई और सभी जिलों के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की गई।

मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश इस प्रकार हैं:

  • पूरे प्रदेश में कार्बाइड गन के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध।
  • धारा 163 BNSSS के तहत सभी जिलों में तत्काल प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करना।
  • कोई भी व्यक्ति इसके निर्माण या बिक्री में पकड़ा गया तो उसके खिलाफ तुरंत FIR दर्ज की जाएगी।
  • शस्त्र अधिनियम 1959, विस्फोटक अधिनियम 1884 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 जैसी कड़ी धाराओं के तहत कार्रवाई का प्रावधान।

ऑनलाइन बिक्री पर लगाम: ई-कॉमर्स साइट्स को चेतावनी पत्र

इस पूरे मामले में सबसे चिंताजनक पहलू कार्बाइड गन की ऑनलाइन बिक्री का उभरना है।

भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि जमीनी स्तर पर तो कार्रवाई हो रही है, लेकिन प्रतिबंधित होने के बावजूद ये गनें ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर आसानी से बिक रही हैं।

इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने एक नई रणनीति बनाई है।

जल्द ही अमेज़न, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा जैसी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों को आधिकारिक पत्र लिखे जाएंगे।

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इन पत्रों में उन्हें निर्देश दिया जाएगा कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर कार्बाइड गन या उसके पुर्जों की किसी भी तरह की बिक्री पर तुरंत रोक लगाएं।

साथ ही सुनिश्चित करें कि भोपाल सहित पूरे MP में यह गन लोगों तक न पहुंच पाए।

साथ ही, पुलिस की साइबर यूनिट को भी सतर्क कर दिया गया है ताकि सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखी जा सके।

क्या है कार्बाइड गन और क्यों है इतनी खतरनाक?

  • कार्बाइड गन कोई साधारण खिलौना नहीं, बल्कि एक जानलेवा विस्फोटक उपकरण है।
  • इसे ‘ग्रीन पटाखा’ के झूठे प्रचार के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Instagram और YouTube पर वायरल किया गया।
  • दरअसल, इस गन में कैल्शियम कार्बाइड के टुकड़ों को पानी के संपर्क में लाया जाता है, जिससे एसिटिलीन गैस बनती है।
  • इस गैस में दिया गया एक चिंगारी भरा स्पार्क तेज धमाका करता है।
  • यह धमाका इतना शक्तिशाली होता है कि इससे इस्तेमाल करने वाले और आस-पास मौजूद लोगों की जान को खतरा पैदा हो जाता है।

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पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी सर्कुलर में साफ किया गया है कि यह गन दिखने में भले ही आकर्षक लगे, लेकिन यह एक मिनी बम के समान है।

बच्चे जब इसे जलाते हैं, तो यह अचानक और अनियंत्रित तरीके से फट सकती है, जिससे चेहरे, हाथ और विशेष रूप से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचता है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ भोपाल में ही 23 बच्चों के चेहरे और आंखों पर गंभीर चोटें आई हैं।

गिरफ्तारियां और जब्ती

प्रतिबंध के बाद से ही पुलिस ने जमकर छापेमारी की है।

भोपाल में अब तक कार्बाइड गन की अवैध बिक्री से जुड़े पांच मामले दर्ज किए जा चुके हैं और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने अब तक 74 कार्बाइड गन और लगभग 11.5 किलो विस्फोटक (कैल्शियम कार्बाइड) जब्त किया है।

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कुछ प्रमुख मामले इस प्रकार हैं:

  • निशातपुरा थाना: एहसान नगर निवासी मोहम्मद ताहा अहमद (27) को गिरफ्तार किया गया और उससे 10 किलो विस्फोटक बरामद हुआ।
  • बागसेवनिया थाना: कोलार निवासी भय्यू चौहान (25) के खिलाफ मामला दर्ज कर उससे 42 कार्बाइड गन, 29 लीटर और 1.15 किलो विस्फोटक जब्त किया गया।
  • एमपी नगर थाना: भवानी पवार को गिरफ्तार करते हुए 12 गन बरामद कीं।
  • नजीराबाद थाना (ग्रामीण क्षेत्र): सोनू सेन के खिलाफ मामला दर्ज कर 19 गन जप्त कीं।
  • पिपलानी थाना: जंबूरी मैदान इलाके में एक फेरी वाले से 5 गन जब्त की गईं, हालाँकि आरोपी फरार रहा।

सामूहिक जिम्मेदारी की जरूरत

कार्बाइड गन जैसे खतरनाक उपकरणों को खिलौना समझकर खरीदना एक गंभीर भूल साबित हो रही है।

केवल कानूनी कार्रवाई ही काफी नहीं है। अभिभावकों को अपने बच्चों को ऐसे खतरनाक उत्पादों से दूर रहने की समझाइश देनी होगी।

साथ ही, आम नागरिकों को भी ऐसे अवैध विक्रेताओं की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।

सरकार की यह ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति तभी सफल हो पाएगी जब प्रशासन और जनता मिलकर इस खतरे के खिलाफ खड़ी होंगी।

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