Who is Colonel Sofia Qureshi: भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों पर बड़ा हमला कर सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की।
इसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल हुईं।
सैन्य अधिकारियों ने आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की क्लिप भी दिखाई।
#WATCH | Indian Army shares video of strike on Abbas Terrorist Camp at Kotli in PoJK
According to the Indian Army, Abbas Terrorist Camp at Kotli was the nerve centre for training suicide bombers of Lashkar-e-Taiba (LeT) and it had key training infrastructure for over 50… pic.twitter.com/fnV45ZC8wt
— ANI (@ANI) May 7, 2025
बेटियों ने लिया सुहागनों का बदला
अब लोग भारत की इन बहादुर महिलाओं की तारीफ कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय महिलाओं के सुहाग उजाड़ने वाले पाकिस्तानियों को सबक सिखाया।
इन दोनों महिला अफसरों में से एक मुस्लिम है और एक हिंदू।
इसका मतलब साफ है कि भारत ने हिंदू-मुस्लिम के नाम पर दहशत फैलाने वालों को करारा जवाब दिया है।

आइए जानते हैं इनके बारे में सब कुछ…
गुजरात की रहने वाली हैं कर्नल सोफिया
सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात के वडोदरा से हैं।
साल 1981 में जन्मीं सोफिया ने जैव रसायन (Biochemistry) में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है।
कर्नल सोफिया सैन्य परिवार से हैं। उनके दादा भी भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं।
सोफिया की शादी भी मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री के एक अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है।
उनका एक बेटा समीर कुरैशी है।

साल 1999 में हुईं सेना में शामिल
सोफिया साल 1999 में भारतीय सेना में शामिल हुई। उन्होंने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग ली।
उस समय सोनिया महज 17 साल की थीं।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी दे चुकी सेवाएं
कर्नल सोफिया कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (UN Peacekeeping Operations) के तहत छह सालों तक सेवाएं दी हैं।
सोफिया ने साल 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी।
उन्हें पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम और उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के लिए प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए हैं।

2016 में वह ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में 18 देशों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला बनीं।
ये भारत की ओर से आयोजित सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था।
इस अभ्यास में वह भारतीय दल की कमान संभालने वाली एकमात्र महिला अधिकारी थीं।
कर्नल सोफिया कुरैशी एक नजर में?
- भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी
- उम्र- 43 साल
- 2016 में ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में 18 देशों के सैन्य अभ्यास में भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व किया
- संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (कांगो) में सेवा दे चुकी हैं
- गुजरात के वडोदरा से हैं, बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट
- पति मेजर ताजुद्दीन कुरैशी भी सेना में हैं
कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Who is Wing Commander Vyomika Singh)
विंग कमांडर व्योमिका सिंह 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं।
2017 में विंग कमांडर बनीं।
उनके पास चीता और चेतक जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स उड़ाने का व्यापक अनुभव है।
हजारों फ्लाइंग ऑवर्स उन्हें वायुसेना की सबसे कुशल पायलटों में शामिल करता है।

क्लास 6 में ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे आसमान की ऊंचाइयों को छुएंगी, क्योंकि उनके नाम का अर्थ है “जो आसमान को मुट्ठी में रखे” है।
उन्होंने यूपीएससी के जरिए वायुसेना में प्रवेश लिया।
2021 में माउंट मणिरंग पर चढ़ाई करने वाली वायुसेना की महिला टीम का हिस्सा बनकर उन्होंने इतिहास रचा।
आज वह भारतीय सेना के अहम अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
अब बात करते हैं प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें दोनों अधिकारियों ने एयर स्ट्राइक से जुड़ी जानकारी दी…
25 मिनट के अंदर पूरा हुआ ‘ऑपरेशन सिंदूर’- कर्नल सोफिया कुरैशी
प्रेस ब्रीफिंग में ले.कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, “पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था।
पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ है।”
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए शुरू किया गया। इस कार्रवाई के दौरान 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया। — कर्नल सोफिया कुरैशी#JaiHind #OperationSindoor pic.twitter.com/6uvb6mOwCY
— Dr. Laxman Yadav (@DrLaxman_Yadav) May 7, 2025
ले. कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, “मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है।
यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था। 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।”
9 आतंकी ठिकाने तबाह- विंग कमांडर व्योमिका सिंह
वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया, “रात 1 बजकर पांच मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच हमला किया गया।
नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया।

ऑपरेशन सिंदूर: क्या हुआ?
- 6 मई की रात भारतीय सेना ने POK में 9 से ज्यादा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
- यह हमला पहलगाम हमले का बदला था, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे।
- 7 मिनट में 9 टारगेट ध्वस्त किए गए, पूरा ऑपरेशन 25 मिनट में पूरा हुआ।
- लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के ट्रेनिंग कैंप नष्ट किए गए।
- भारत ने सुनिश्चित किया कि कोई नागरिक नुकसान न हो।
पाकिस्तान ने माना हमला हुआ
पहली बार पाकिस्तान ने भारत के हमले को माना, जबकि उरी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद वह इनकार करता रहा था।
यह ऑपरेशन भारत की “जीरो टॉलरेंस” पॉलिसी को दिखाता है, जहां आतंकवादियों को माफ़ नहीं किया जाएगा।
कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका जैसी बहादुर महिलाएं देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रही हैं।