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पाकिस्तान की स्कूली किताबों में पढ़ाया जा रहा झूठा इतिहास: भारत के खिलाफ जीत का दावा

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Pakistan school syllabus: पाकिस्तान ने अपने स्कूली सिलेबस में मई 2025 में भारत के साथ हुए एक काल्पनिक चार-दिवसीय संघर्ष को शामिल किया है।

इन किताबों में ऐसे तथ्यों को पेश किया गया है, जिनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है और जिन्हें सिर्फ पाकिस्तानी सेना व सरकार का प्रोपेगैंडा बताया जा रहा है।

इन पाठ्यपुस्तकों में दावा किया गया है कि भारत ने बिना किसी कारण के 7 मई, 2025 को पाकिस्तान पर हमला किया और कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले का झूठा आरोप पाकिस्तान पर लगाया।

सबसे हैरान करने वाला दावा यह है कि पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में भारत के 4 राफेल फाइटर जेट्स गिरा दिए और देश के 26 रणनीतिक हवाई ठिकानों को “तबाह” कर दिया।

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आइए, इन किताबों में किए गए दावों और उनकी सच्चाई पर एक नजर डालते हैं..

दावा 1: “भारत ने युद्ध शुरू किया, पहलगाम हमले का गलत आरोप लगाया”

  • पाकिस्तानी दावा: किताबों के मुताबिक, भारत ने गलत तरीके से पाकिस्तान को पहलगाम हमले का जिम्मेदार ठहराया और 7 मई को बिना किसी कारण हमला बोल दिया।
  • हकीकत: 22 अप्रैल, 2025 को कश्मीर के पहलगाम इलाके में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की। इस ऑपरेशन का लक्ष्य पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकी ठिकाने थे, न कि पाकिस्तानी सेना या उसके नागरिक। भारत ने स्पष्ट किया कि उसने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के नौ आतंकी कैंपों को निशाना बनाया।

दावा 2: “पाकिस्तान ने 4 राफेल जेट गिराए, भारतीय सैन्य ठिकाने तबाह किए”

  • पाकिस्तानी दावा: किताबों में लिखा गया है कि पाकिस्तानी सेना ने बहादुरी से जवाब देते हुए भारत के 4 राफेल फाइटर जेट्स मार गिराए और कश्मीर में कई सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया।
  • हकीकत: पाकिस्तान ने अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर समेत कुल 26 स्थानों पर ड्रोन हमले किए, जिनमें से कई नागरिक इलाके थे। भारत ने जवाब में पाकिस्तान के हमलों को नाकाम किया और जवाबी कार्रवाई करते हुए लाहौर में तैनात उसके HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया। इसके अलावा, सियालकोट और इस्लामाबाद के आसपास सैन्य लक्ष्यों पर भी हमले किए गए। भारतीय वायुसेना की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ा।

दावा 3: “पाकिस्तान ने भारत के 26 हवाई ठिकाने तबाह किए”

  • पाकिस्तानी दावा: 10 मई को पाकिस्तानी वायुसेना ने ‘ऑपरेशन बनयान-उन-मर्सूस’ चलाया और भारत के 26 रणनीतिक हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया।
  • हकीकत: यह दावा पूरी तरह से काल्पनिक है। पाकिस्तान के हमले भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली के आगे विफल रहे। भारत ने जवाब में पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण हवाई ठिकानों, जैसे मुरीदके, नूर खान, रफीकी, सरगोधा, चकलाला और रहीम यार खान पर सटीक हमले किए। भारतीय सेना ने सेटेलाइट तस्वीरों और वीडियो के जरिए इन हमलों के सबूत भी पेश किए, जबकि पाकिस्तान के पास अपने दावों का कोई ठोस सबूत नहीं था।

दावा 4: “भारत ने सीजफायर की गुहार लगाई”

  • पाकिस्तानी दावा: किताबों में कहा गया है कि भारी नुकसान के बाद भारत को युद्धविराम की गुहार लगानी पड़ी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अपील पर पाकिस्तान ने सीजफायर स्वीकार किया।
  • हकीकत: वास्तविकता इसके बिल्कुल उलट है। 10 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और बीच-बचाव का प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और अगर पाकिस्तान नहीं रुका तो भारत और सख्त जवाबी कार्रवाई करेगा। इसके बाद, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर को सूचित किया कि पाकिस्तान हमले रोकने को तैयार है। आखिरकार, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत के बाद युद्धविराम पर सहमति बनी।

दावा 5: “जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया”

  • पाकिस्तानी दावा: पाकिस्तानी सेना के “शानदार प्रदर्शन” के लिए जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल का रैंक दिया गया, जिसे राष्ट्रीय गर्व का क्षण बताया जा रहा है।
  • हकीकत: विश्लेषकों का मानना है कि यह पदोन्नति युद्ध में कथित “जीत” से ज्यादा, पाकिस्तानी जनता के बीच एक नैरेटिव बनाने और सेना की सत्ता को मजबूत करने की कोशिश थी। यह एक राजनीतिक कदम लगता है ताकि सेना की छवि मजबूत हो और उसे एक “विजेता” के तौर पर पेश किया जा सके।

भारत ने कैसे खोली पाकिस्तान की पोल?

ऑपरेशन सिंदूर के कुछ दिनों बाद, 12 मई, 2025 को भारतीय सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पूरी सच्चाई दुनिया के सामने रखी।

भारत ने सेटेलाइट इमेजरी और वीडियो फुटेज के जरिए साबित किया कि उसके हमले सिर्फ आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे और उन्होंने किसी भी नागरिक क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुंचाया।

इसके विपरीत, पाकिस्तान के हमलों में नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया था।

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पाकिस्तान द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम में ऐसे गलत और भड़काऊ दावों को शामिल करना चिंताजनक है।

यह कदम युवा मन में भारत के प्रति नफरत और गलत धारणाएं पैदा करने का काम करता है।

यह पाकिस्तान की उसी पुरानी रणनीति का हिस्सा लगता है, जहां तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए काल्पनिक सफलताओं का निर्माण किया जाता है।

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