J&K Mysterious Disease: जम्मू-कश्मीर में एक रहस्यमयी बीमारी फैल गई है, जिससे लगातार लोगों की जान जा रही है।
हाल ही में एक 9 साल की बच्ची की भी मौत हुई है। इस बीमारी ने 40 दिन में 15 लोगों की जान ले ली है।
दावा किया जा रहा है कि न्यूरोटॉक्सिन केमिकल के कारण मौतों की संख्या बढ़ रही है।
एक तरफ जहां राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि किसी बीमारी की वजह से ये मौतें नहीं हुई है।
वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए SIT का गठन किया है।
40 दिनों में 15 की मौत, इनमें 12 बच्चें शामिल
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रहस्यमयी बीमारी से मौत का सिलसिला जारी है।
बुधवार को बडाल गांव में इसी बीमारी से एक 9 साल की बच्ची की मौत हो गई।
हालांकि, बच्ची की जान क्यों गई इसका अभी पता नहीं लग पाया है।
राजौरी इलाके में बीते डेढ़ महीने के दौरान रहस्यमयी तरीके से 15 लोगों मौतें हो चुकी हैं, जिसमें 12 बच्चें शामिल हैं।
7 से 16 दिसंबर 2024 के बीच दो परिवारों के नौ सदस्यों की मौत हुई थी।
इसके बाद 11 जनवरी को मोहम्मद असलम नामक स्थानीय निवासी के छह बच्चों में से चार की मौत हो गई।
यह सभी बच्चे किसी सामूहिक कार्यक्रम में भोजन करने के बाद बीमार हुए थे और इनमें से कुछ की मौत भी हो गई।
फिलहाल, इतनी मौतों से स्थानीय लोगों में दहशत का महौल है।
स्वास्थ्य मंत्री बोले- मौतों का कारण रहस्यमयी बीमारी नहीं
राजौरी के बडाल में हुई इतनी मौतों को लेकर जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद ने चिंता जताई है।
हालांकि, उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया है कि ये मौतें किसी रहस्यमयी बीमारी के कारण हुई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री मसूद ने कहा कि मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
राज्य और बाहर के विभिन्न प्रयोगशालाओं से किए गए टेस्ट में किसी भी प्रकार की बीमारी का पता नहीं चला है।
मंत्री ने यह भी कहा कि यदि यह मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं, तो यह तेजी से फैल जातीं।
यह बीमारी केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहतीं, इसलिए इस घटना की पूरी जांच जारी है।
अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है।
SIT ने शुरू की जांच, फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने घटना की पूरी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
राजौरी के एसएसपी गौरव सिकरवार ने बताया कि SIT की अध्यक्षता एसएसपी वजाहत हुसैन कर रहे हैं।
11 सदस्यीय जांच टीम का उद्देश्य मौतों के कारणों का जल्द से जल्द पता लगाना है।
SIT ने बडाल गांव में जाकर स्थानीय लोगों से बयान लिए हैं।
इसके अलावा पानी और भोजन के सैंपल की जांच की गई है।
जांच के दौरान जहर की संभावना को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
इस दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानों की सहायता भी ली गई है।
इनमें ICMR, NCDC और DRDO जैसी प्रमुख संस्थाएं शामिल हैं।
इन सभी संस्थानों से प्राप्त रिपोर्ट में किसी भी जहरीले पदार्थ का पता नहीं चला है।
जानें क्या है जांच में मिला न्यूरोटॉक्सिन ?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में इलाज करा रही जबीना की मौत हो गई।
इसके पहले उसके परिवार के अन्य भाई-बहनों और उनके दादा की पिछले चार दिनों में मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि सभी मरने वालों को उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण दिखे थे।
अब तक हुई 15 मौतों की कोई वजह सामने नहीं आई है।
हालांकि, जांच के दौरान कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मृतकों के सैंपल में न्यूरोटॉक्सिन पाए जाने का दावा किया है।
इसके बाद से आशंका जताई जा रही है कि यह मौतें किसी जहर के कारण हो सकती हैं।
बता दें न्यूरोटॉक्सिन एक जहरीला केमिकल है, जो नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।
ये किसी भी तरीके से इंसान के अंदर एंटर का सकता है।
यह प्राकृतिक या मानव निर्मित हो सकते हैं, जो खाना, दवाओं और पर्यावरण में पाए जा सकते हैं।