Union Carbide Waste: भोपाल गैस कांड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाने के खिलाफ स्थानीय नागरिकों ने विरोध जताया।
वहीं अब इंदौर के डॉक्टर्स ने कचरा जलाने के खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
दायर याचिका में बिना ट्रायल और रिसर्च के कचरा निपटान पर सवाल उठाए गए हैं।
गैस कांड का कचरा जलाने के खिलाफ याचिका दायर
धार जिले के पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया में यूनियन कार्बाइड भोपाल में 1984 में हुए गैस कांड के बाद बचे हुए जहरीले कचरे को जलाने के लिए 12 कंटेनर भोपाल से रवाना किए जाने वाले हैं।
इस कचरे को जलाने का निर्णय राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर लिया है।
यह कार्य पीथमपुर में किया जाएगा, जो मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है।
इससे पहले भी यहां पर एक बार कचरा जलाया जा चुका है।
हालांकि, इस कचरे को जलाने के खिलाफ इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के एलुमिनाई समूह के सदस्यों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की है।
मंगलवार को इंदौर हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होनी है और न्यायालय से उचित निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है।
जल स्रोतों और फसलों को पहुंच सकता है नुकसान
इंदौर के डॉक्टर्स द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि इस जहरीले कचरे को जलाने से आसपास के इलाके में प्रदूषण बढ़ेगा और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
याचिका के अनुसार जलाए गए कचरे से कैंसर जैसे रोगों के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
कचरे से निकलने वाले जहरीले अपशिष्ट पदार्थ पानी में मिलकर उसे प्रदूषित कर सकते हैं।
इससे जल स्रोतों और फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
एसोसिएशन के सदस्य डॉ. संजय लोंढ़े और अन्य सदस्यों द्वारा लगाई गई इस याचिका में बिना ट्रायल और रिसर्च के कचरा निपटान पर सवाल उठाए गए हैं।
इन लोगों का कहना है कि इसके परिणामस्वरूप इलाके के जलवायु में बदलाव, जल प्रदूषण और कृषि पर बुरा प्रभाव देखा जा सकता है।
इस याचिका के बाद कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है।
30 मिनट की शिफ्ट, एक कंटेनर में 30 टन कचरा
भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के गोदाम में रखा 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 कंटेनर में एक साथ भरकर ले जाया जाएगा।
इसके लिए 250Km लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनेगा।
कचरे को जंबू बैग में भरने का काम सोमवार को पूरा हो गया है।
देर रात इन बैग्स को कंटेनर में लोड करना भी शुरू कर दिया गया।
इस प्रक्रिया में लगभग 24 घंटे लगने की संभावना है।
मंगलवार रात या बुधवार तक ये कंटेनर भोपाल से पीथमपुर के लिए रवाना हो सकते हैं।
बता दें रविवार को एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में जहरीला कचरे को कंटेनर में भरने की प्रोसेस शुरू हुई थी।
नयूनियन कार्बाइड परिसर में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहे।
कैंपस के 200 मीटर के दायरे को सील कर अंदर जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए।
1 कंटेनर में एवरेज 30 टन कचरा भरा गया। 200 से ज्यादा मजदूर कचरा भरने में जुटे, लेकिन उनकी 8 घंटे की बजाय 30 मिनट की शिफ्ट लगाई गई है।
हर मजदूर ने पीपीई किट और दस्ताने पहनकर कचरा भरा।
मजदूरों के जेब में ब्लड प्रेशर मॉनिटर भी रखा गया, ताकि घबराहट होते ही तुरंत काम रोका जा रहा है।
पूरी प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी कराई जा रही है।
अफसरों का कहना है कि जहरीले कचरे को कंटेनर में भरने के दौरान छोटी सी चूक बड़ी तबाही ला सकती है, इसलिए वे सभी गाइडलाइन फॉलो कर रहे हैं जो जरूरी है।
10 संगठनों ने किया 3 जनवरी को बंद का आह्वान
पीथमपुर में भोपाल गैस कांड का जहरीला कचरा जलाने को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे को अपने शहर में नष्ट करने को लेकर लोगों ने विरोध जताया है।
जहां पीथमपुर बचाओ समिति 2 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की तैयारी में है।
वहीं कचरा जलाने के विरोध में 10 से ज्यादा संगठनों ने 3 जनवरी को पीथमपुर बंद का आह्वान किया है।
पीथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच, पीथमपुर ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति, मप्र किसान सभा सहित कई संगठनों का कहना भोपाल का कचरा अमेरिका भेजा जाए।