Cruise In Narmada River: नर्मदा नदी पर क्रूज चलाने की तैयारी की जा रही है।
लेकिन, इससे पहले नदी किनारे दो रिसॉर्ट बनाए जाएंगे।
जिसके लिए आलीराजपुर जिले के दो गांवों में जमीन भी चिन्हित कर ली गई है।
“स्टैच्यु ऑफ वननेस” से लेकर “स्टैच्यु ऑफ यूनिटी” तक
मध्यप्रदेश में वॉटर टूरिज्म के लिए खासी कवायद की जा रही है।
चारों तरफ से जमीन से घिरे होने के बावजूद वॉटर टूरिज्म में एमपी कीर्तिमान गढ़ रहा है।
प्रदेश की 22 नदियों, तालाबों, बांधों आदि में 37 एक्टिविटी का संचालन किया जा रहा है।
मप्र पर्य़टन विभाग खुद 16 बोट क्लब संचालित कर रहा है।
सैलानी आइलैंड में स्कूबा डाइविंग जैसी यूनिक गतिविधि हो रही है।
इतना ही नहीं प्रदेश में एक दो नहीं बल्कि 6 जगहों पर क्रूज चलाने की योजना पर काम चल रहा है।
इनमें नर्मदा नदी के 3 क्रूज प्रोजेक्ट हैं जबकि चंबल के भी 3 प्रोजेक्ट शामिल हैं।
नर्मदा पर क्रूज चलाने के लिए रूट का हाइड्रोग्राफिक सर्वे भी हो चुका है।
इधर चंबल नदी के 3 क्रूज प्रोजेक्ट के रूट का सर्वे किया जाना है।
वहीं इसमें दो राज्यों को जोड़ने वाला विशाल क्रूज प्रोजेक्ट भी शामिल है।
नर्मदा का यह सबसे बड़ा क्रूज प्रोजेक्ट एमपी और गुजरात को जोड़ेगा।
एमपी के ओंकारेश्वर में “स्टैच्यु ऑफ वननेस” से लेकर गुजरात के “स्टैच्यु ऑफ यूनिटी” तक के इस क्रूज प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो चुका है।
ककराना गांव और मेघनाद घाट की जगह फायनल
नर्मदा नदी के राजघाट से स्टैच्यू आफ यूनिटी तक क्रूज के संचालन से पहले नदी किनारे दो रिसॉर्ट बनाए जाएंगे।
इसके लिए दो गांवों में जमीन भी देखी गई है। कुछ बड़े उद्योग समूहों ने रिसॉर्ट बनाने में दिलचस्पी भी दिखाई है।
120 किलोमीटर की क्रूज यात्रा के साथ नदी और सुरम्य वादियों के बीच पर्यटक यादगार समय बीता सके।
इसके लिए रिसॉर्ट की प्लानिंग की जा रही है।
रिसॉर्ट के लिए आलीराजपुर जिले के ककराना गांव और मेघनाद घाट की जगह फायनल की गई है।
ये दोनों ही गांव नर्मदा नदी किनारे है, मेघनाद घाट पर क्रूज के लिए फ्लोटिंग जेटी भी बना दी गई है।
इस गांव से ही क्रूज से 120 किलोमीटर का सफर तय कर पर्यटक गुजरात के केवडि़या तक पहुंच सकेंगे।
क्रूज के संचालन के लिए आवश्यक निर्माणों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर्यटन विभाग ने तैयार की है।
इस पर चार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
क्रूज के संचालन के लिए दोनों प्रदेशों के बीच हुआ एमओयू
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में कहा था कि पर्यटन भी एक बड़ा उद्योग है जिसे बढ़ावा दिया जाएगा।
क्रूज के संचालन के लिए मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार दोनों राज्यों के बीच एमओयू हो चुका है।
जल्दी ही दो जेटी गुजरात में भी बनाई जाएगी।
अभी तक मध्य प्रदेश में इतनी लंबी दूरी के लिए किसी भी शहर में क्रूज का संचालन नहीं किया गया है।
क्रूज में यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन विभाग बस से भी मांडू, बाग और महेश्वर के सफर की यात्रा कराएगा।
बड़वानी के राजघाट से केवडि़या के बीच भी कुछ गांवों में क्रूज रुकेगा और पर्यटकों को दोनो प्रदेशों की आदिवासी लोक संस्कृति से रुबरु होने का मौका मिलेगा।
क्रूज संचालन के लिए भी एक कंपनी तैयार है और मोटर बोट से कंपनी के प्रतिनिधियों ने बड़वानी से केवडि़या तक जलमार्ग का दौरा किया।
क्रूज संचालन से स्टैच्यू आफ यूनिटी का पर्यटन भी बढ़ेगा।
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