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4 लाख अफसरों और कर्मचारियों के प्रमोशन पर राजनीति, कांग्रेस ने साधा BJP पर निशाना

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Politics On Promotion In MP: बीते रोज ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम मोहन ने घोषणा की थी कि MP के 4 लाख अधिकारी-कर्मचारियों का जल्द ही प्रमोशन होगा।

इनकी पदोन्नति पर 2016 से रोक लगी थी जो अब जाकर हटने वाली है।

अब इस मुद्दे पर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है और नौकरी पर सियासत शुरू हो गई है।

जहां कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए है तो भारतीय जनता पार्टी ने भी पलटवार किया है।

कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना

MP कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह पटेल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा-

डेढ़ लाख से अधिक अधिकारी और कर्मचारी रिटायर्ड हो गए हैं। पिछली जुलाई से अब तक DA नहीं बढ़ाया, सरकारी भर्तियां नहीं हो रही है।

अब सरकार प्रमोशन देकर वाह-वाह लूट रही है। थोड़ी सी उपलब्धि को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है।

बीजेपी का पलटवार

पटेल के इस बयान पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने जवाब देते हुए कहा-

‘सरकार सभी वर्गों का ख्याल रख रही है। जिनको प्रमोशन नहीं मिल रहा, उन्हें प्रमोशन दिया जा रहा है और नई नौकरी भी देंगे।’

कांग्रेस ने कभी कुछ नहीं किया- रामेश्वर शर्मा

रामेश्वर शर्मा ने आगे कहा- कर्मचारियों के हित में जितने निर्णय हो सकते हैं कर रहे हैं। उनके लिए मकान भी बना रहे हैं। किसान गरीब के हित में फैसले ले रहे हैं।

मगर कांग्रेस ने ऐसा कभी नहीं किया। लोक कल्याण के निर्णय लेने के लिए सरकार वचनबद्ध है और निर्णय ले रही है।

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CM मोहन ने किया था प्रमोशन का ऐलान

8 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नति का कार्य जल्द होगा।

इस फैसले से प्रदेश के लाखों अधिकारी-कर्मचारी लाभान्वित होंगे।

उन्होंने कहा था कि अपने सेवा काल में कई वर्ष से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे अनेक अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त भी हो गए।

मध्य प्रदेश शासन की ओर से अधिकारियों-कर्मचारियों के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा रहा है।

8 साल से अटका था मामला

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ये भी कहा कि 8 साल से अधिक समय से कर्मचारियों, अधिकारियों की पदोन्नति का मसला उलझा हुआ है।

लेकिन अब पदोन्नति में बनी बाधा को हटाने का रास्ता निकाल लिया है और जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।

अलग-अलग स्तर पर की बातचीत

सीएम ने कहा कि अब सरकार ने अलग-अलग स्तर पर चर्चा के बाद समस्या का समाधान निकाला है।

उन्होंने कहा कि मंत्रियों, डिप्टी सीएम और सभी वर्गों के साथ मिलकर प्रमोशन का रास्ता तलाशा है।

धीरे-धीरे प्रमोशन के नजदीक आ गए हैं।

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हर महीने 3000 कर्मचारी होते हैं रिटायर

पदोन्नति पर रोक लगे 8 साल 11 माह और 8 दिन हो गए हैं।

इस अवधि में 1 लाख 50 हजार से अधिक कर्मचारी रिटायर हुए हैं, इनमें से करीब 1 लाख कर्मचारियों को इन्हीं 8 साल 11 माह में पदोन्नति मिलनी थी।

बता दें कि हर माह प्रदेश में लगभग 3000 कर्मचारी रिटायर होते हैं।

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क्यों लगी थी 8 साल से प्रमोशन पर रोक 

साल 2002 में तत्कालीन सरकार ने प्रमोशन के नियम बनाते हुए प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान कर दिया था।

ऐसे में आरक्षित वर्ग के कर्मचारी प्रमोशन पाते गए, लेकिन अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी पिछड़ गए।

जब इस मामले में विवाद बढ़ा तो कर्मचारी कोर्ट पहुंचे।

उन्होंने कोर्ट से प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने का आग्रह किया।

कोर्ट को तर्क दिया कि प्रमोशन का फायदा सिर्फ एक बार मिलना चाहिए।

इन तर्कों के आधार पर मप्र हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को मप्र लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 खारिज कर दिया।

सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

शीर्ष कोर्ट ने यथास्थिति रखने का आदेश दिया। तभी से प्रमोशन पर रोक लगी है।

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