Who is IAS Pooja Khedkar: महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों काफी चर्चा में हैं। दरअसल, पूजा सिविल अधिकारी के रूप में अपने अधिकारों के कथित दुरुपयोग के चलते विवादों में फंस गई हैं।
कौन हैं पूजा खेडकर
पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो पूजा ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की थी।
पूजा खेडकर उस समय चर्चा में आई जब उन्होंने लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया।
क्या है मामला
पुणे में तैनात पूजा उस वक्त सुर्खियों में आ गई जब उन्होंने प्रशासन से ऐसी सुविधाओं की मांग की जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलतीं।
पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे की दी गई रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेनी के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही पूजा ने अपने लिए अलग केबिन, कार, रहने के लिए क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराने की मांग की। हालांकि, उन्हें ये सुविधाएं देने से मना कर दिया गया।
मीडिया से क्या बोलीं पूजा
इन सारे विवादों के बाद आज पूजा ने वाशिम में ज्वाइनिंग की, जहां वो मीडियावालों से मिली लेकिन उन्होंने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। पूजा ने कहा कि उन्हें कुछ भी बताने की परमिशन नहीं है इसलिए वो कोई स्टेटमेंट नहीं दे पाएंगी।
Controversial #IAS officer #PoojaKhedkar version.#Pune pic.twitter.com/BqsTckwwAp
— Vivek Gupta (@imvivekgupta) July 11, 2024
विकलांगता सर्टिफिकेट और OBC प्रमाण पत्र भी सवालों के घेरे में
इसी बीच पूजा के सर्टिफिकेट्स को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। पूजा ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए भी कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र पेश किया था। इसी के साथ उसने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था।
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6 मेडिकल टेस्ट किए स्किप
परीक्षा में सिलेक्शन के बाद दिव्यांगता की पुष्टि के लिए मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है, लेकिन पूजा खेडकर ने 6 अलग-अलग मौकों पर इन मेडिकल जांच प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार कर दिया।
Delhi AIIMS में उनकी पहली मेडिकल जांच 22 अप्रैल 2022 को थी, जिसे उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का दावा करते हुए छोड़ दिया।
इसके बाद 26 और 27 मई को दिल्ली के AIIMS और सफदरजंग अस्पताल में होने वाली जांच को भी छोड़ दिया। वह लगातार इन जांचों से बचती रहीं और 1 जुलाई को एक और जांच में शामिल नहीं हुईं।
हालांकि 26 अगस्त 2022 को वह एक मेडिकल जांच के लिए सहमत हो गई थीं, लेकिन वह 2 सितंबर को एक जरूरी MRI के लिए नहीं आईं, इस MRI का मकसद पूजा की दृष्टि हानि का आकलन करना था। इन मेडिकल जांच में शामिल होने के बजाय पूजा खेडकर ने एक बाहरी केंद्र से एक MRI की रिपोर्ट पेश की थी, जिसे UPSC ने अस्वीकार कर दिया था।
पूजा खेडकर के चयन पर भी है विवाद
सिविल सेवा परीक्षा के दौरान पूजा खेडकर ने हलफनामा दायर कर दावा किया था कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और उन्हें आंखों की भी परेशानी है।
इस दावे की वजह से चयन में पूजा खेडकर को रियायत दी गई और कम नंबर्स के बावजूद उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया।
विवाद इस बात पर है कि पूजा खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर मेडिकल जांच में शामिल होने से किसी न किसी कारण से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद उनका चयन हो गया।
इसके बाद UPSC ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में उनके चयन को चुनौती दी, जिसने 23 फरवरी 2023 को उनके खिलाफ फैसला सुनाया। इसके बावजूद पूजा के MRI सर्टिफिकेट को स्वीकार कर लिया गया, जिससे उनकी IAS नियुक्ति की पुष्टि हुई। दिव्यांगता के दावों के अलावा पूजा खेडकर के ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर स्टेटस के दावों में भी विसंगतियां पाई गईं।
वायरल हुए मॉक इंटरव्यू
सोशल मीडिया पर सामने आए मॉक इंटरव्यू में पूजा खेडकर ने कहा कि उनके माता-पिता अलग हो गए हैं, इसलिए वह अपनी मां के साथ रहती हैं, लेकिन उनके पिता जिन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था उन्होंने हलफनामे में ऐसा कुछ नहीं बताया है। दरअसल पूजा के पिता खुद भी एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं।
विकलांगता सर्टिकफिकेट के बाद अब उनके ओबीसी क्रीमी लेयर श्रेणी में आने की संभावना खड़ी हो गई है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि सिर्फ कागजों पर तलाक दिखाया जा सकता है।
क्या क्रीमीलेयर में थीं पूजा खेडकर?
आईएएस डॉ. पूजा खेडकर द्वारा फर्जी विकलांगता और ओबीसी क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र जमा को लेकर जहां सस्पेंस बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ सामने आया है कि 2021 में पूजा को ओबीसी पीडब्ल्यूबीडी 1 में खेल प्राधिकरण में सहायक निदेशक के रूप में चुना गया था, लेकिन 2023 में, उन्होंने रहस्यमय तरीके से अपनी श्रेणी 4 एम पीडब्ल्यूबीडी 1 को पीडब्ल्यूबीडी 5 में बदल दिया और आईएएस के रूप में चयनित हो गईं।
तो वहीं दूसरी पूजा खेडकर के यूपीएसपी में चयन को लेकर विवाद खड़ा हुआ है तो वहीं अब पुणे कलेक्टर की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विवादित आईएएस अधिकारी डॉ पूजा खेडकर अपने आचरण में गैर-पेशेवर थीं, बहुत सम्मान की मांग करती थीं और उम्मीद करती थीं। उनके पिता ने स्थानीय अधिकारियों को धमकी दी कि अगर उनकी बेटी की मांग पूरी नहीं की गई तो उन्हें भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
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