Google CTO Prabhakar Raghavan: गूगल ने अपने लीडरशिप में बड़ा बदलाव किया है।
भारतीय मूल के प्रभाकर राघवन कंपनी के नए चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर यानी CTO बनाए गए हैं।
दरअसल गूगल AI के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में गूगल को माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े टेक दिग्गजों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
इसलिए गूगल ने टीम का पुनर्गठन किया है, नए CTO प्रभाकर राघवन की नियुक्ति भी इसी कवायद का हिस्सा है।
आईए जानतें हैं प्रभाकर राघवन की उपलब्धियों और उनके भोपाल कनेक्शन के बारे में –
भोपाल में स्कूली शिक्षा, पैकेज और पहचान CEO जैसी
प्रभाकर राघवन की स्कूली शिक्षा भोपाल के कैम्पियन स्कूल से हुई है।
इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आईटआईटी मद्रास से की।
प्रभाकर राघवन ने यूसी बर्कले से पीएचडी की है।
प्रभाकर राघवन को गूगल में ‘कंपनी के सीईओ’ के तौर पर देखा जाता है।
वह अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई के भरोसेमंद लोगों में से एक हैं।
गूगल में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले टॉप-5 लोगों में शामिल हैं।
पिछले साल उन्हें सैलरी और स्टॉक के तौर पर 300 करोड़ रुपए मिले थे।
सर्च-एल्गोरिदम की दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति है राघवन
सर्च-एल्गोरिदम की दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति प्रभाकर राघवन को विश्वस्तरीय कंप्यूटर वैज्ञानिक के तौर पर पहचाना जाता है।
उनके पास एल्गोरिदम, वेब सर्च और डेटाबेस पर 20 साल से ज्यादा का रिसर्च अनुभव है और 100 से ज्यादा रिसर्च पेपर हैं।
टेक और वेब की दुनिया में उनके पास 20 से ज्यादा पेटेंट हैं।
प्रभाकर राघवन 12 साल पहले गूगल से जुड़े थे, उन्होंने गूगल सर्च जैसी बड़ी यूनिट संभाली।
वे बतौर सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गूगल सर्च, असिस्टेंट, गूगल एड्स, कॉमर्स और पेमेंट्स प्रोडक्ट्स जैसे अहम डिवीजन में भी रहें हैं।
बता दें कंपनी की बड़ी कमाई यहीं से होती है।
राघवन के पास लैरी पेज से पहले था गूगल जैसी कंपनी का ब्लूप्रिंट
लैरी पेज-सर्गेई ब्रिन ने 1998 में गूगल की शुरुआत की थी।
लेकिन, प्रभाकर राघवन ने इससे पहले ही गूगल जैसी कंपनी खड़ी करने के बारे में सोच लिया था।
उन्होंने ने 1990 के दशक में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ सर्च इंजन के कॉन्सेप्ट पर कंपनी खड़ी करने का ब्लूप्रिंट तैयार किया था पर वे याहू से जुड़ गए।
प्रभाकर राघवन गूगल एप्स, गूगल क्लाउड डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट रह चुके हैं।
उनके नेतृत्व में गूगल के एप्स बिजनेस ने नई ऊंचाइयों को छुआ।
उन्होंने जीमेल और ड्राइव दोनों को आगे बढ़ाया।
जी सूट में कई मशीन इंटेलिजेंस फीचर्स पेश किए, जिनमें स्मार्ट रिप्लाई, स्मार्ट कम्पोज, ड्राइव क्विक एक्सेस शामिल हैं।
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