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दर्द से तड़प रही गर्भवती महिला को कांवड़ पर लादकर हॉस्पिटल पहुंचा पुलिस का जवान

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

Pregnant Woman on Kanwad: रायगढ़। छत्तीसगढ़़ के औद्योगिक जिला रायगढ़ में अभी भी ऐसी पंचायत हैं जहां के गांव में अब तक सड़क नहीं बन सकी है।

धुर आदिवासी अंचल कापू के पहाड़ों के बीच ग्राम पारेमेर घटरूपारा का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

यह वीडियो पुलिसकर्मियों की छवि को बदलने में अहम योगदान दे रहे हैं।

इसमें पुलिसकर्मी संवेदना से भरे तथा मानवीय पहलुओं को आगे लाकर लोगों की मदद के लिए तत्पर नजर आ रहा है।

दरअसल, पारेमेर पंचायत के घटरूपारा गांव की एक प्रसव पीड़िता के घर तक एंबुलेंस और डायल 112 नहीं पहुंच पाई।

इसके पबाद रायनो की टीम 3 किलोमीटर तक पैदल सफर कर प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती महिला तक पहुंची।

कोई उपाय नहीं देखकर पुलिसकर्मी ने गर्भवती को कांवड़ में रखकर कर नाला पार कराया और उसे लेकर अस्पताल पहुंचा।

यह है मामला (Pregnant Woman on Kanwad) –

पारेमेर पंचायत की जिला मुख्यालय से दूरी 125 किलोमीटर है। इस पंचायत के घटरूपारा गांव की सुष्मिता (28 वर्ष) को शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई।

परिजनों की सूचना पर डायल 112 की टीम में शामिल आरक्षक विपिन किशोर खलखो और ईआरवी वाहन चालक छोटू दास मौके लिए रवाना हुए।

लेकिन, सड़क नहीं होने के कारण वह गांव तक नहीं पहुंच सके, जिसके बाद टीम ने करी तीन किलोमीटर तक पैदल ही नाला पार किया।

महिला की नाजुक स्थिति को देखकर आरक्षक प्रबल किशोर परिवार के एक युवक के साथ कांवड़ में गर्भवती (Pregnant Woman on Kanwad) को लेकर तीन किलोमीटर चलकर वाहन तक पहुंचे।

 

kanwad police

रास्ते में गर्भवती को अत्यधिक पीड़ा होने से जवान ने सूझबूझ का परिचय देते हुए वाहन को पेड़ की आड़ में खड़ा कराया।

इसके बाद मितानिन (प्रसव कराने वाली महिला) और महिला के परिजन ने पर्दा लगाकर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया।

बच्चे के प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

स्थानीय लोगों ने ऐसी स्थिति में डायल 112 के त्वरित प्रतिक्रिया और सहायता के लिए पुलिस की सराहना की है।

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