Religious Conversion: इंदौर में एक हिंदू परिवार ने क्रिश्चियन समाज पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाया है।
पीड़ित परिवार ने सुरक्षा और न्याय के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है।
वहीं जब यह मामला एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह के पास पहुंचा, तो उन्होंने इस पर एक्शन लिया।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने एसीपी नरेंद्र रावत को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
हिंदू परिवार पर क्रिश्चियन समाज का दबाव
एमआईजी थाना क्षेत्र के पुष्प नगर में रहने वाले एक हिंदू परिवार ने क्रिश्चियन समाज की संस्था पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाया है।
पीड़ित परिवार के मुखिया राजेश सोलंकी का कहना है कि उनके परिवार को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।
साथ ही मकान निर्माण की अनुमति के बदले धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया जा रहा है।
फिलहाल, इस मामले में पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही निष्पक्ष जांच कर इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
![हिंदू परिवार पर धर्म परिवर्तन का दबाव](https://chauthakhambha.com/wp-content/uploads/2025/02/हिंदू-परिवार-पर-धर्म-परिवर्तन-का-दबाव.jpg)
मकान निर्माण रोकने के लिए धर्म परिवर्तन की शर्त
पीड़ित राजेश सोलंकी ने बताया कि उनका परिवार पिछले कई वर्षों से पुष्प नगर में रह रहा है।
परिवार बड़ा होने के कारण उन्होंने अपने पुराने जर्जर मकान को तोड़कर नया बनाने का निर्णय लिया।
लेकिन, क्रिश्चियन समाज की संस्था सोशल वेलफेयर सेंटर की सिस्टर जानी ने पहले तो मकान बनाने से रोका।
फिर शर्त रखी कि यदि पूरा परिवार क्रिश्चियन धर्म अपना लेता है, तभी उन्हें मकान बनाने दिया जाएगा।
![पीड़ित परिवार ने सुरक्षा और न्याय के लिए लगाई गुहार](https://chauthakhambha.com/wp-content/uploads/2025/02/पीड़ित-परिवार-ने-सुरक्षा-और-न्याय-के-लिए-लगाई-गुहार.jpg)
शिकायत के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
राजेश सोलंकी ने बताया कि उनके पिता क्रिश्चियन समाज के अधीन नौकरी करते थे और उन्होंने क्रिश्चियन संस्था से मकान खरीदा था, जिसकी किस्तें उनके वेतन से कटती थीं।
लेकिन अब जब वह अपने मकान का पुनर्निर्माण कराना चाहते हैं, तो क्रिश्चियन समाज की ओर से दबाव बनाया जा रहा है।
पीड़ित परिवार ने इंदौर कलेक्टर, मुख्यमंत्री और पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
राजेश सोलंकी ने दावा किया कि लगातार मिल रही धमकियों और उत्पीड़न के चलते वह आत्महत्या करने को मजबूर हो सकते हैं।