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महिलाओं को लुभाने के लिए ‘रेवड़ी’ की राजनीति, जानें चुनावों इतनी महत्वपूर्ण क्यों है फीमेल वोटर्स

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Delhi Women Voters: चुनावों में महिलाओं की भूमिका अब सिर्फ एक मतदाता तक सीमित नहीं रह गई है।

अब महिलाएं एक मजबूत और निर्णायक वोट बैंक बन चुकी हैं।

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में महिलाओं ने चुनावी नतीजों को प्रभावित किया है।

इससे यह तो साफ हो गया है कि महिलाएं चुनाव में जीत-हार का फैसला करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

हाल ही में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए भी महिलाओं को लुभाने के लिए राजनीतिक पार्टियां जुट गई हैं।

आइए जानतें हैं ‘रेवड़ी’ की राजनीति में महिलाओं को टरगेट पर क्यों रखा जाता है?

महिलाओं को लुभाने के लिए रेवड़ीकी राजनीति

दिल्ली विधानसभा 2025 का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है।

जनता को लुभाने के लिए राजनीतिक पार्टियां ने मुफ्त के वादों का पिटारा खुल दिया है।

चाहे सत्ताधारी पार्टी आप हो या फिर बीजेपी और कांग्रेस, सभी महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।

BJP, AAP and Congress
BJP, AAP and Congress

एक तरफ महिलाओं के लिए AAP ने प्रतिमाह 2100 रुपये देने का ऐलान किया है।

वहीं, सरकार बनने पर कांग्रेस महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये का वादा कर चुकी हैं।

केंद्र की सत्ता में काबिज और दिल्ली की सत्ता से लंबे अरसे से दूर भारतीय जनता पार्टी भी पीछे नहीं है।

बीजेपी ने तो अपने संकल्प पत्र के पहला भाग में ही  महिलाओं के लिए एक से बढ़कर एक वादे किए हैं।

भाजपा ने सरकार बनने पर महिलाओं के लिए हर माह 2500 रुपये देने का वादा किया है।

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इसके बाद से लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि जब सभी पार्टियां एक जैसे वादे कर रही हैं, तो वोट किसे दें?

इससे भी ज्यादा बड़ा सवाल ये है कि महिलाओं को लेकर ही सभी दल सबसे ज्यादा वादे क्यों कर रहे हैं?

क्या महिलाएं चुनावों में इतनी महत्वपूर्ण हो गईं हैं?

दिल्ली में 46% महिला मतदाता, AAP को दिलाई बंपर जीत

2024 के आम चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 2019 के मुकाबले बढ़ा है।

इससे यह साबित हो गया है कि महिलाएं केवल समाज का हिस्सा नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शक्ति बन चुकी हैं।

दिल्ली में हालिया चुनावी गतिविधियों के बीच देखा गया है कि वोटर लिस्ट में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा बढ़ी है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां महिलाओं के लिए योजनाओं की घोषणा की गई है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 46% महिला मतदाता हैं।

कुल वोटर 1.55 करोड़ है, इसमें से 83.5 लाख पुरुष वोटर तो वहीं 71.7 लाख महिला वोटर हैं।

Delhi Election 2025
Delhi Election 2025

साल 2020 के विधानसभा चुनावों में दिल्ली में 62.6 पुरूषों ने मतदान किया था, जबित 62.5 महिलाओं ने वोट डाला था।

इतना ही नहीं AAP की बंपर जीत में महिलाओं का मेन रोल रहा है।

2020 में AAP को पुरुष मतों में बीजेपी पर 6% की बढ़त, जबकि AAP को महिला मतों में बीजेपी पर 25% की बढ़त मिली थी।

दिल्ली में अचानक बढ़ी महिला वोटर्स की संख्या

दिल्ली में चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में काफी ज्यादा नए नाम जुड़े हैं।

चुनाव आयोग को पिछले तीन हफ्तों में नए वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए बहुत सारे आवेदन मिले हैं।

खास बात यह है कि नए वोटरों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है।

दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि वोटर लिस्ट में 3 लाख से ज्यादा नए वोटर जुड़े हैं।

इनमें 96 हजार 426 महिलाएं और 70 हजार 873 पुरुष हैं।

Delhi Women Voters
Delhi Women Voters

राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी यह दर्शाती है कि वे अब न केवल वोट देने वाली ताकत हैं, बल्कि सशक्त और विचारशील नागरिक भी हैं।

वहीं महिला सशक्तिकरण को रोजगार, शिक्षा और आत्मनिर्भरता से जोड़कर देखा जाने लगा है।

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चुनावी रेवड़ियां: महिलाओं को टारगेट करने की राजनीति

विशेषज्ञों के अनुसार महिलाएं भावनात्मक रूप से राजनीति का हिस्सा बनती हैं और चुनावी वादों को लेकर उनका रुझान अधिक होता है।

अक्सर चुनावों में महिलाओं को सशक्त बनाने के बजाय उन्हें लुभाने के लिए योजनाओं का ऐलान किया जाता है।

यह कहा जा सकता है कि महिलाएं इस तरह की योजनाओं के माध्यम से अपनी त्वरित ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आकर्षित होती हैं।

Delhi Women Voters
Delhi Women Voters

हालांकि, महिलाओं का राजनीतिक प्रभाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है और अब वे केवल चुनावी योजनाओं से लुभाने का विषय नहीं रही हैं।

महिलाएं अब अपने अधिकारों और जरूरतों को लेकर जागरूक हो चुकी हैं।

दिल्ली की जनता का मानना है कि अगर महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तो उन्हें किसी भी प्रकार की प्रलोभन योजनाओं की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

महिलाओं के लिए स्थायी और वास्तविक बदलाव तब आएगा, जब उन्हें रोजगार और समान अधिकार मिलेंगे।

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