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पंजाब बाढ़: 37 साल की सबसे भीषण आपदा- 23 जिले बाढ़ की चपेट में, राहत कार्य में जुटी सेना

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Punjab Flood: पंजाब राज्य इन दिनों पिछले 37 वर्षों में आई सबसे विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है।

लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने राज्य का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।

राज्य सरकार ने पंजाब को ‘आपदा प्रभावित राज्य’ घोषित कर दिया है।

अब तक इस प्राकृतिक आपदा में 30 लोगों की दुखद मौत हो चुकी है और 3.5 लाख से अधिक लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।

प्रशासन द्वारा लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है और राहत व बचाव कार्य लगातार जारी है।

बाढ़ का विकराल रूप और प्रभावित क्षेत्र

पंजाब में पिछले कई दिनों से जारी लगातार बारिश ने कई नदियों और नालों को उफान पर ला दिया है।

प्रशासन के अनुसार, शुरुआत में 12 जिले ही बाढ़ की चपेट में थे, लेकिन हालात बिगड़ते गए और अब राज्य के सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया जा चुका है।

सबसे ज्यादा नुकसान पठानकोट, गुरदासपुर, फिरोजपुर, रूपनगर, और कपूरथला जिलों में हुआ है। पठानकोट में सबसे अधिक 6 लोगों की मौत की सूचना है।

राज्य के 1,400 से अधिक गांव जलमग्न हैं, जिनमें से 1,300 गांवों की स्थिति अत्यंत गंभीर है।

सड़कें पानी में डूबी हुई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।

अमृतसर के अजनाला जैसे इलाकों की तस्वीरें स्थिति की गंभीरता बयां कर रही हैं, जहां लोगों को घरों से निकलने के लिए भी पानी में से गुजरना पड़ रहा है।

केवल इंसान ही नहीं, बल्कि जानवर भी इस आपदा की चपेट में हैं और अपनी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

राहत और बचाव कार्य में जुटी प्रशासन और सेना

इस संकट की घड़ी में पंजाब प्रशासन, एनडीआरएफ (NDRF) और भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार होकर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।

फिरोजपुर के हबीब के बांध तटबंध की मरम्मत का काम सेना और स्थानीय लोग मिलकर कर रहे हैं ताकि बांध टूटने जैसी और बड़ी तबाही को रोका जा सके।

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों से बातचीत की।

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि “पंजाब हमेशा देश के साथ खड़ा रहा है और उम्मीद है कि अब देश भी पंजाब के साथ खड़ा होगा।”

उन्होंने केंद्र सरकार से राहत मानदंडों को संशोधित करने और अधिक वित्तीय सहायता देने की मांग की है।

इसके अलावा, पंजाब के सभी आईपीएस अधिकारियों ने एकजुटता दिखाते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने एक दिन का वेतन दान करने का फैसला लिया है।

पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि यह उनका मानवीय कर्तव्य है।

राहुल गांधी ने की विशेष राहत पैकेज की अपील

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए पीएम से अपील की- मोदी जी, पंजाब में बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है। ऐसे मुश्किल समय में आपका ध्यान और केंद्र सरकार की सक्रिय मदद अत्यंत आवश्यक है। हज़ारों परिवार अपने घर, जीवन और अपनों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मैं आग्रह करता हूं कि इन राज्यों के लिए, खासतौर पर किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज (Special Relief Package) की तत्काल घोषणा की जाए – और राहत एवं बचाव कार्यों को तेज़ किया जाए।

राघव चड्ढा ने फंड से जारी किए 3.25 करोड़ रूपए  

बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए सांसद राघव चड्ढा ने MPLADS फंड से जारी किए 3.25 करोड़ रूपए।

पड़ोसी राज्यों पर प्रभाव और एकजुटता

पंजाब की इस आपदा का असर पड़ोसी राज्यों पर भी देखने को मिल रहा है।

हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर 206.80 मीटर पर पहुंच गया है।

दिल्ली के निचले इलाकों में पानी घुस गया है और लगभग 10,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

इस संकट की घड़ी में हरियाणा सरकार ने एकजुटता दिखाते हुए पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 5-5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है।

मौसम विभाग ने पंजाब के लिए और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।

राज्य के स्कूल और कॉलेज 7 सितंबर तक बंद रहेंगे।

ऐसे में, पूरा उत्तर भारत इस प्राकृतिक आपदा से एकजुटता से निपटने में जुटा हुआ है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही स्थिति सामान्य होगी।

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