नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली सीट को लेकर फैसला कर लिया है और उन्होंने वायनाड सीट खाली करने को लेकर लोकसभा स्पीकर ऑफिस को इसकी जानकारी दे दी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अधिकारिक तौर पर लोकसभा स्पीकर के ऑफिस को रायबरेली सीट से सांसद बने रहने और वायनाड सीट छोड़ने को लेकर चिट्ठी भेज दी है।
राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों ही लोकसभा सीटों से जीत हासिल की थी और उन्हें इनमें से एक सीट खाली करनी थी।
कांग्रेस ने सोमवार, 17 जून 2024 को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और गांधी परिवार के बीच दो घंटे तक चली बैठक के बाद घोषणा की थी कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे और प्रियंका गांधी वायनाड सीट से चुनावी पारी का आगाज करेंगी।
राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ऑफिस को वायनाड (Wayanad) सीट छोड़ने की जानकारी दी, रायबरेली (Raebareli) से बने रहेंगे सांसद#RahulGandhi #Wayanad #Delhi #GandhiInTheDelhiFiles #Sikandar #Varanasi #loksabharesults #politicians #assemblybyelection pic.twitter.com/tzxJwB7q8T
— Chautha Khambha (@chauthakhamba) June 18, 2024
प्रियंका गांधी अगर वायनाड सीट से उपचुनाव जीत जाती हैं तो यह पहली बार होगा कि वह सांसद के रूप में संसद में प्रवेश करेंगी।
इसके साथ ही ऐसा पहली बार होगा कि गांधी परिवार के तीनों सदस्य- सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका एक साथ संसद के सदस्य होंगे।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 17, 2024
राहुल गांधी ने कहा वायनाड सीट छोड़ने को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा – वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं समय-समय पर वायनाड का दौरा भी करूंगा। मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन निर्णय था।
वहीं, वायनाड से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि वे वायनाड के लोगों को अपने भाई राहुल गांधी की कमी महसूस नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि वे कड़ी मेहनत करेंगी और वे सभी को खुश करने और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करेंगी। साथ ही वे वायनाड से चुनाव लड़ने को लेकर घबराई हुई नहीं हैं। उनका रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है, इसे तोड़ा नहीं जा सकता। वे रायबरेली में भी अपने भाई की मदद करेंगी और दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।
ये है नियम –
- संविधान के तहत कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों या संसद और राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता। न ही एक सदन में एक से ज्यादा सीटों का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
- संविधान के अनुच्छेद 101 (1) में जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68 (1) के तहत अगर कोई जनप्रतिनिधि 2 सीटों से चुनाव जीतता है, तो उसे रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। अगर एक सीट नहीं छोड़ता है, तो उसकी दोनों सीटें रिक्त हो जाती हैं।
लोकसभा सीट छोड़ने के यह हैं नियम –
- अगर कोई सदस्य लोकसभा या किसी सीट से इस्तीफा देना चाहता है तो उसे सदन के स्पीकर को इस्तीफा भेजना होता है।
- नई संसद के गठन में अगर स्पीकर या डिप्टी स्पीकर नहीं है तो ऐसी स्थिति में प्रत्याशी चुनाव आयोग को इस्तीफे का पत्र सौंपता है।
- इसके बाद चुनाव आयोग इस्तीफे के पत्र की एक कॉपी सदन के सचिव को भेज देता है।