Rajya Sabha Election : लोकसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद से उनकी राज्यसभा सीट खाली पड़ी है।
इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी के कई नेता कतार में हैं।
9 राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों पर चुनाव
चुनाव आयोग ने 9 राज्यों की 12 सीटों पर चुनावी कार्यक्रम का ऐलान किया है।
इनमें असम, बिहार और महाराष्ट्र की दो-दो सीटें हैं।
वहीं हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा की एक-एक सीट है।
राज्यसभा चुनाव शेड्यूल
- 14 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी होगा
- 21 अगस्त तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे
- 26 अगस्त नाम वापसी का आखिरी दिन है
- 3 सितंबर को वोटिंग होगी और इसी दिन काउंटिंग
इन चुनाव से बीजेपी को उम्मीद है कि वो एक दो सीटों पर लाभ ले सकती है।
राज्यसभा में बीजेपी की संख्या 90 से नीचे आ गई है।
इससे अब NDA के पास ऊपरी सदन में 101 सांसदों की ताकत है, जो कि बहुमत से काफी कम है।
राज्यसभा में फिलहाल 226 सदस्य हैं। बता दें कि राज्य सभा में अधिकाधिक 250 सदस्य हो सकते हैं।
इनमें 238 सदस्य राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि हो सकते हैं और 12 सदस्यों को देश के राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाता है।
राज्यसभा की दौड़ में MP के कई नेता
गुना से लोकसभा सांसद निर्वाचित होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 11 जून को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
सिंधिया के इस्तीफे के 57 दिन बाद इस सीट पर चुनाव का ऐलान किया गया है।
राज्यसभा जाने के लिए बीजेपी के कई नेता कतार में हैं।
डॉ. केपी यादव का नाम लिस्ट में सबसे पहले
पूर्व सांसद डॉ. केपी यादव का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं।
2019 में गुना-शिवपुरी सीट पर ज्योतरादित्य सिंधिया को चुनाव हराने वाले केपी यादव ने 2024 में लोकसभा चुनाव में सिंधिया के लिए अपनी सीट खाली करी थी।
तब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुना की जनसभा में केपी यादव के समर्थकों से उनके नेता को उपयुक्त जिम्मेदारी देने का वादा किया था।
ऐसे में उम्मीद है कि राज्यसभा का उपचुनाव शाह के वादे को पूरा करने का उपयुक्त समय साबित होगा।
डॉ नरोत्तम मिश्रा का नाम चर्चा में
मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता डॉ नरोत्तम मिश्रा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।
नरोत्तम मिश्रा विधानसभा चुनाव 2023 दतिया सीट से हार गए थे। इसके बाद उन्हें बीजेपी ने लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ाया।
हालांकि अब चर्चा है कि कांग्रेस के लाखों नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल करने में अहम भूमिका निभाने वाले मिश्रा को पार्टी हाईकमान बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है।
इसी के बाद से अटकलें हैं कि डॉ नरोत्तम मिश्रा को राज्यसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है।
रेस में शामिल हैं जयभान सिंह पवैया
पूर्व मंत्री और पूर्व लोकसभा सांसद जयभान सिंह पवैया का नाम भी उन नेताओं में शामिल बताया जा रहा है जो कि राज्यसभा जा सकते हैं।
हिंदुत्ववादी चेहरे के तौर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता पवैया संघ के करीबी भी हैं। इसके अलावा बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक भी रह चुकें हैं।
पिछले कुछ दिनों से भोपाल से दिल्ली के बीच उनकी सक्रियता भी बढ़ी हैं।
लंबे समय से उन्हें भी अहम जिम्मेदारी मिलने की चर्चा भी है। ऐसे में पवैया को भी राज्यसभा में एंट्री मिल सकती है।
माधवी लता ने दी थी औवेसी को चुनौती
ओवैसी के खिलाफ चुनाव लडक़र देशभर में चर्चित हुई माधवी लता का नाम इन दिनों चर्चा में हैं।
दरअसल माधवी ने कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात भी की। जिसके बाद उन्हें एक प्रबल महिला दावेदार के रुप में देखा जा रहा है।
बता दे हैदराबाद लोकसभा सीट से AIMIM के उम्मीदवार असदुद्दीन ओवैसी ने माधवी लता को 3 लाख 38 हजार वोटों से हराया था।
अमेठी से हारी स्मृति को फिर से मौका
इस समय राज्यसभा के दावेदारों में एक और महिला नेता का नाम उभर कर सामने आया है, वो है स्मृति ईरानी का।
उत्तरप्रदेश की हाई प्रोफाइल अमेठी सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को पराजित किया था।
2024 का लोकसभा चुनाव स्मृति ईरानी हार गई। कांग्रेस के उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को 1 लाख 67 हजार वोटों से हराया था।
माना जा रहा है कि पहले की तरह ही इस बार भी चुनाव हारने के बाद उन्हेंराज्यसभा में भेजकर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
राज्यसभा जाने के लिए अन्य नाम भी है
इसके अलावा पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया, विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर सहित और भी कई नाम मुख्य दावेदारों में शामिल हैं।
अब एमपी की खाली एक राज्यसभा सीट पर बीजेपी का उम्मीदवार कौन होगा यह तो पार्टी हाईकमान तय करेगा।
भले ही कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चाओं में हों, मगर कोई नया चेहरा अचानक सामने आए तो हैरानी की बात नहीं होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा अपने फैसलों से हर किसी को चौंकाती रही है।
इस बार के राज्यसभा चुनाव में भी पार्टी चौंका सकती है। इसलिए हो सकता है बीजेपी किसी नए चेहरे पर दांव लगा दे।
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