भोपाल। कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। जी हां, शायद ऐसा ही कुछ कहना है 6 बार के विधायक रामनिवास रावत जिन्होंने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया है।
कहा ये भी जा रहा है कि पार्टी से नाराज चल रहे रामनिवास रावत ने कांग्रेस से किनारा करने का पूरा मन बना लिया था, लेकिन दिल्ली आलाकमान ने उन्हें आखिरकार मना लिया है।
कांग्रेस आलाकमान से हुई बातचीत से नाराज चल रहे रामनिवास रावत की नाराजगी दूर हो गई है और वे सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के चुनाव प्रचार के लिए राजगढ़ भी पहुंच गए।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बताया सीधा और सरल –
राजगढ़ पहुंचे रावत ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की तुलना में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सीधा और सरल बताया और दिग्विजय सिंह को वोट करने की अपील की।
दरअसल, मुरैना लोकसभा सीट पर कांग्रेस के टिकट वितरण को लेकर रामनिवास रावत पार्टी से नाराज थे और 25 अप्रैल को मोदी की रैली में उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं जिनपर अब विराम लग गया है।
2019 में लड़ चुके हैं मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव –
वर्तमान में श्योपुर के विजयपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत 2019 में मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें वह नरेंद्र सिंह तोमर से 1 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में रामनिवास रावत मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस की अनदेखी से नाराज चल रहे थे रावत –
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि रावत को प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व और पार्टी आलाकमान की अनदेखी से नाराज हुए क्योंकि ना ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया गया और ना ही नेता प्रतिपक्ष का। शायद यही सब कारण है जिसकी वजह से ये अटकलें लगाई जाने लगी थी कि अपनी ही पार्टी से नाराज होकर रावत अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
खुलकर जताई थी नाराजगी –
बता दें कि रामनिवास रावत ने मुरैना लोकसभा चुनाव का टिकट घोषित होने के बाद खुलकर अपनी नाराजगी जताई थी और तब कहा था कि वह मुरैना लोकसभा को छोड़कर भी किसी भी लोकसभा में काम करने को तैयार हैं। उनका साफ इशारा मुरैना, श्योपुर लोकसभा या किसी दूसरी भी सीट से टिकट की इच्छा थी, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने वहां भी इनको नजरअंदाज किया।
कांग्रेस की रणनीति पर उठा चुके हैं सवाल –
रावत ने कांग्रेस की रणनीति पर भी लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि ऊपर बैठे हुए लोगों को कांग्रेस के कार्यकर्ता व सदस्यों से भी राय लेनी चाहिए ताकि सही व्यक्ति को चुनाव लड़ने का मौका मिल सके।
बताया जा रहा है कि रामनिवास रावत लगातार भाजपा नेताओं के संपर्क में बने हुए हैं। श्योपुर के सेसईपुरा में हुई मुख्यमंत्री की आम सभा के दौरान मंच पर रामनिवास रावत ने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री को विजयपुर आने की बात भी कही थी, तो वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी रामनिवास रावत को अपना बड़ा भाई कहते हुए मंच पर साथ में ही खड़ा किया था और गले लगाया था।