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धर्मांतरण का खेल, खेत पर बने चर्च से मिले 150 आदिवासी

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Conversion in Ratlam : मुफ्त दवा, शिक्षा का लालच देकर मध्यप्रदेश में धर्मांतरण खुलेआम जारी है। अक्सर इस तरह का लालच आदिवासियों या फिर आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लोगों को दिया जाता है।

ऐसे ही रतलाम में जारी धर्मांतरण के खेल का खुलासा तब हुआ जब खेत पर बने चर्च में 150 से ज्यादा आदिवासी मिले। लाखिया गांव के आमलीपाड़ा ग्राम पंचायत में धर्मांतरण कराए जाने का मामला सामने आया।

बताया जा रहा है कि खेत पर बने एक मकान में जिसे चर्च बताया जा रहा है, यहां प्रार्थना सभा चल रही थी। जिसमें 150 से ज्यादा ग्रामीण आदिवासी थे। जिनका कहना है कि प्रार्थना के माध्यम से उनका उपचार किया जा रहा था।

जैसे ही धर्मांतरण की सूचना हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को मिली तो वे मौके पर पहुंच गए और फिर हंगामा खड़ा हो गया। वहीं डीडी नगर पुलिस ने हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है।

जिसपर उपचार के बहाने धर्मांतरण का आरोप है। पुलिस मामले में मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3/5 में केस दर्ज कर जांच में जुटी है।

विश्व हिंदू परिषद के मुताबिक गांव के खेत में बने एक बड़े हॉल को धर्म विशेष के तहत सजाया गया था और अलग-अलग गांव से लोगों को बुलाकर प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मातंरित किया जा रहा था।

CONVERSION IN RATLAM
CONVERSION IN RATLAM

Conversion in Ratlam : रतलाम में पहले भी आ चुके हैं धर्मांतरण मामले

रतलाम में धर्मांतरण को लेकर ये पहला ममला नहीं है। शनिवार को रतलाम के जावरा में सेंट पीटर्स हायर सेकंडरी स्कूल पर ईसाई धर्म के प्रचार का आरोप लगा है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य सूचना मिलने के बाद धर्मांतरण बंद करो के नारे लगाते हुए स्कूल कैम्पस में घुस गए थे।

ABVP IN RATLAM SCHOOL
ABVP IN RATLAM SCHOOL

एबीवीपी ने स्कूल मैनेजमेंट को चेतावनी दी कि अगर स्कूल में सुबह प्रार्थना के बाद भारत माता का जयघोष नहीं कराया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

एबीवीपी ने क्लास में लगी ईसाई धर्म से जुड़ी तस्वीरें हटवाईं। भारत माता और सरस्वती मां की तस्वीरें नहीं होने पर खुद मंगवाकर लगवाईं। स्कूल में ही भारत माता की सामूहिक आरती पाठ किया।

भोपाल से सामने आया था ईसाई धर्म के प्रचार का वीडियो

कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में धर्म परिवर्तन का बड़ा मामला सामने आया था।

गरीब बस्तियों में 20 लाख रुपए, मकान, बच्चे को मिशनरी स्कूल में फ्री शिक्षा का लालच देकर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने को कहा जाता था।

पिपलानी थाना क्षेत्र में सड़क पर खुल्लेआम एक करोबारी को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन देती 3 महिलाओं का वीडियो वायरल हुआ था।

CONVERSION IN BHOPAL
CONVERSION IN BHOPAL

मामला संज्ञान में आने के बाद आनंद नगर पुलिस ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धाराओं के तहत 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर लिया था।

Conversion in India : धर्मांतरण को लेकर क्या कहता है संविधान

भारत के संविधान में धर्मांतरण को लेकर कोई स्पष्ट अनुच्छेद नहीं है। लेकिन इस अपराध के खिलाफ देश के कई राज्यों ने सख्त कानून बनाएं हैं। आईए जानतें हैं मध्यप्रदेश में धर्मांतरण को लेकर कानून क्या कहता है।

साल 1968 में धर्म परिवर्तन पर कानून बनाने वाला देश का दूसरा राज्य मध्य प्रदेश है। पहले धर्मांतरण पर एक साल तक की जेल और 5 हजार रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान था।

वहीं, एससी-एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर दो साल की सजा और 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाना तय किया गया था।

इसके बाद साल 2020 दिसंबर में शिवराज सरकार के दौरान इस कानून में संशोधन किया गया। शिवराज कैबिनेट ने मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 को मंजूरी दी।

इस विधेयक में शादी या धोखाधड़ी से कराया गया धर्मांतरण भी अपराध माना गया, जिसके लिए अधिकतम 10 साल की कैद और एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान तय किया गया।

यही नहीं धर्म छिपाकर शादी के अपराध में तीन वर्ष से 10 वर्ष तक के कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान रखा गया।

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