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MP हाईकोर्ट का सख्त आदेश- 1 महीने में हटाएं यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा

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Manish Kumar
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Union Carbide Toxic Waste: भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश की राजधानी भोपाल में 40 साल से जमा यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे के निष्पादन में लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में जहरीले कचरे के निपटान में देरी पर राज्य सरकार के अधिकारियों को फटकार लगाई है।

हाईकोर्ट ने बुधवार को सवाल किया कि क्या वे ‘एक और त्रासदी का इंतजार’ कर रहे हैं।

इसके साथ ही कोर्ट ने धार जिले में रखे 350 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को चार हफ्तों में निपटाने का आदेश दिया है।

साथ ही कहा है कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ, तो मुख्य सचिव और गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव को 6 जनवरी 2025 को कोर्ट में हाजिर होना होगा।

Union Carbide Toxic Waste

Union Carbide Toxic Waste: केंद्र ने 1 साल पहले दिए थे 126 करोड़ –

इससे पहले बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि मध्य प्रदेश सरकार को एक साल पहले कचरे के वैज्ञानिक निष्पादन के लिए 126 करोड़ रुपये दिए गए थे।

इस पर राज्य शासन ने बताया कि ठेकेदार एजेंसी को 20 फीसदी एडवांस राशि का भुगतान भी कर दिया है, पर काम शुरू नहीं हुआ।

इस पर चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा कि एक माह में कचरा हटाने का काम शुरू किया जाए।

अगर अधिकारी विफल रहे तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी।

आदेश का पालन नहीं होने पर गैस राहत विभाग के प्रमुख सचिव को खुद कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।

कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी को निर्धारित की है।

Union Carbide Toxic Waste

Union Carbide Toxic Waste: 20 साल से लंबित है याचिका –

बता दें कि बीस साल से लंबित यह याचिका 2004 में आलोक प्रताप सिंह ने दायर की थी जिनकी अब मृत्यु हो चुकी है।

हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर बुधवार को सुनवाई की थी।

याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ ने बताया कि 20 साल में हाईकोर्ट कई बार राज्य शासन को निर्देश दे चुका है, बावजूद इसके यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर में लगभग 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा जस का तस पड़ा हुआ है।

Union Carbide Toxic Waste

Union Carbide Toxic Waste: भोपाल से पीथमपुर ले जाया जाएगा कचरा –

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से रीजनल ऑफिसर बृजेश शर्मा ने कोर्ट में बताया कि जहरीले कचरे को इन्सीनरेटर में जलाकर नष्ट करने के लिए भोपाल से इंदौर के पास पीथमपुर में ले जाया जाना है, जिसके लिए प्रदूषण बोर्ड तैयार है।

इससे पहले वर्ष 2015 में पीथमपुर रामकी एनवायरो इंजीनियर्स लिमिटेड के इन्सीनरेटर में 10 टन रासायनिक कचरे को जलाकर नष्ट करने का प्रयोग किया गया था, जो सफल रहा था।

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