Ju-Jitsu player Rohini Kalam suicide: देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली जू-जीत्सु (मार्शल आर्ट) खिलाड़ी रोहिणी कलम की आत्महत्या का मामला लगातार गहराता जा रहा है।
इस मामले में मध्य प्रदेश जू-जीत्सु संघ के अध्यक्ष विजेंद्र खरसोदिया और उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह सोलंकी को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस और परिवार के अनुसार, रोहिणी लगातार अपने कोचों द्वारा दी जा रही मानसिक प्रताड़ना और दबाव से तंग आ चुकी थीं, जिसके चलते उन्होंने 26 अक्टूबर को अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी।
रोहिणी की छोटी बहन रोशनी ने मीडिया से बातचीत में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
उन्होंने बताया कि आत्महत्या से ठीक एक रात पहले, 24 अक्टूबर की आधी रात को आरोपी प्रीतम सिंह रोहिणी को कहीं लेकर गए थे। रोशनी के अनुसार, “इतनी रात वह कहां और क्यों लेकर गया? रातभर उसने दीदी को कहां रखा? हमें कुछ नहीं पता। अगले दिन दीदी घर आई और उसने सुसाइड कर लिया।”
परिवार की मांग है कि पुलिस इस रहस्यमयी रात का पता लगाए।

कौन थीं रोहिणी कलम?
रोहिणी कलम सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि देश के लिए गर्व और सपनों की एक ऐसी मिसाल थीं, जिनका करियर उभरता हुआ था।
- अंतरराष्ट्रीय पहचान: रोहिणी ने हाल ही में चीन के हांगझोऊ में आयोजित एशियाई खेल 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
- विश्व स्तर पर मुकाम: वह यूके के बर्मिंघम में आयोजित विश्व खेलों के लिए चुनी जाने वाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थीं।
- पदकों की झड़ी: उन्होंने थाईलैंड ओपन ग्रैंड प्रिक्स 2022 में 48 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता था। इसी साल अबू धाबी में हुई 8वीं एशियाई जू-जीत्सु चैंपियनशिप में भी उन्होंने डबल क्लासिक स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया।
- निजी जीवन: 35 वर्षीय रोहिणी देवास जिले के आष्टा कस्बे के एक निजी स्कूल में मार्शल आर्ट की कोच थीं। वह चार बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थीं। उनका सपना आईपीएस अधिकारी बनने का था। उनके पिता महेश कलम बीएनपी (बैंक नोट प्रेस) के रिटायर्ड कर्मचारी हैं।

आखिर क्यों टूट गया रोहिणी का हौसला? प्रताड़ना का दंश
परिवार और पुलिस जांच से जो तथ्य सामने आए हैं, वे एक डरावनी और दुखद तस्वीर पेश करते हैं।
- स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़: रोहिणी की कुछ महीने पहले ट्यूमर की सर्जरी हुई थी। डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह आराम की सलाह दी थी। लेकिन परिवार का आरोप है कि कोच विजेंद्र खरसोदिया और प्रीतम सिंह लगातार फोन करके उन पर ट्रेनिंग और टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने का दबाव बना रहे थे। खराब शारीरिक हालत के बावजूद उन्हें खेलने के लिए मजबूर किया जाता था।
- जीवन पर पूरा नियंत्रण: रोहिणी की बहन के मुताबिक, उनके हर फैसले, यहां तक कि कहां जाना है और कब जाना है, यह तक कोच तय करते थे। वह अपनी मर्जी से कहीं नहीं जा सकती थीं। यह नियंत्रण इतना ज्यादा था कि रोहिणी मानसिक रूप से टूटने लगी थीं।
- प्रीतम सिंह का ‘एकतरफा प्यार’: पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह रोहिणी से एकतरफा प्यार करते थे। रोहिणी की बहन ने बताया कि प्रीतम उनकी पर्सनल लाइफ में अनावश्यक दखल देता था। वह उन्हें किसी से बात नहीं करने देता था और हर छोटी-बड़ी बात पर रोक-टोक लगाता था। रोहिणी उससे दूरी बनाना चाहती थीं, लेकिन प्रीतम मानने को तैयार नहीं था। इसके चलते रोहिणी मेंटली परेशान रहने लगी थीं।
- स्कूल प्रबंधन का दबाव: सर्जरी के बाद आराम कर रही रोहिणी पर उनके स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा भी काम पर लौटने का दबाव डाला जा रहा था, जिसने उनकी मानसिक स्थिति और बिगाड़ दी।

आखिरी घंटे: वो अंतिम फोन जिसने बदल दी तस्वीर
26 अक्टूबर की वह शाम रोहिणी के लिए आखिरी साबित हुई।
पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या से ठीक पहले रोहिणी ने प्रीतम सिंह को फोन कर कहा, “अब तू मुझे परेशान नहीं कर पाएगा… मैं जा रही हूं।”
इस कॉल के बाद घबराए हुए प्रीतम सिंह ने अध्यक्ष विजेंद्र खरसोदिया को फोन किया और रोहिणी की बहन को सतर्क करने को कहा।
हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जब बहन ने रोहिणी के कमरे का दरवाजा तोड़ा, तो वह फांसी के फंदे पर लटक चुकी थीं।
उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हैरानी की बात यह है कि इस घटना की खबर सुनकर कोच विजेंद्र खरसोदिया का बीपी बढ़ गया और वह दो दिनों तक निजी अस्पताल में भर्ती रहे।

परिवार की मांग और पुलिस की कार्रवाई
रोहिणी की बहन रोशनी ने आरोप लगाया कि शुरुआत में पुलिस ने मामले में जल्दी कार्रवाई नहीं की।
परिवार अब सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। वे चाहते हैं कि उस रात को क्या हुआ ये पता लगाया जाए, जब प्रीतम सिंह रोहिणी को लेकर गए थे।
साथ ही, परिवार का कहना है कि रोहिणी का लैपटॉप और एक मेमोरी कार्ड गायब है, जिसकी जांच जरूरी है।
देवास की बीएनपी पुलिस ने परिवार के बयान, मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और अन्य डिजिटल सबूतों के आधार पर दोनों कोचों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि दोनों आरोपी रोहिणी को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे, जिसके कारण उन्होंने आत्महत्याः का रास्ता चुना।
Dewas, Madhya Pradesh: On the suicide of International Jujitsu player Rohini Kalam, BNP police station in-charge Amit Solanki says, “During the investigation and questioning, allegations of harassment came to light. Coach Vijendra Kharsodia reportedly pressured Rohini to… pic.twitter.com/YPCMJtbBaG
— IANS (@ians_india) November 20, 2025
कौन हैं आरोपी?
- विजेंद्र खरसोदिया: सोनकच्छ के डेहरिया साहू गांव के रहने वाले हैं और मार्शल आर्ट कोर्ट जू-जीत्सु एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हैं। रोहिणी 2008 से उनके साथ ट्रेनिंग ले रही थीं।
- प्रीतम सिंह सोलंकी: देवास के हाटपिपलिया के रहने वाले हैं और जू-जीत्सु संघ के उपाध्यक्ष होने के साथ-साथ भाजपा युवा मोर्चा के जिला महामंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा युवा मोर्चा के एक नेता ने दावा किया कि प्रीतम को पद से हटा दिया गया था, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए कोई लिखित आदेश नहीं दिखाया गया।

रोहिणी कलम की मौत सिर्फ एक खिलाड़ी की जान जाने का मामला नहीं है, बल्कि खेल जगत में कोचिंग और सत्ता के दुरुपयोग, मानसिक उत्पीड़न और एक प्रतिभाशाली युवती के टूटते सपनों की एक दुखद कहानी है।


