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आधार अपडेट से बैंक नॉमिनी तक: 1 नवंबर से बदल जाएंगे ये 7 नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

1 November Rules Change: नया महीना आपके लिए नए नियम और नई व्यवस्थाएं लेकर आ रहा है।

1 नवंबर 2025 से देश में कई ऐसे महत्वपूर्ण नियम बदलने जा रहे हैं, जिनका सीधा संबंध आपकी जेब, बैंक अकाउंट, करों और रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा।

आधार कार्ड को अपडेट करने से लेकर बैंक में नॉमिनी तय करने, गैस सिलेंडर की कीमत से लेकर क्रेडिट कार्ड के शुल्क तक हर जगह बदलाव देखने को मिलेंगे।

आइए जानते हैं इन सभी बदलावों के बारे में…

1. आधार अपडेट की प्रक्रिया हुई और आसान

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार कार्ड को अपडेट करने की प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बना दिया है।

1 नवंबर के बाद से यह और भी प्रभावी होगी।

  • ऑनलाइन सुविधा में बढ़ोतरी: अब आपको नाम, पता, जन्मतिथि या मोबाइल नंबर जैसी सामान्य जानकारी अपडेट करने के लिए आधार केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन्हें आप सीधे ऑनलाइन अपडेट कर सकेंगे। केवल बायोमेट्रिक विवरण (जैसे उंगलियों के निशान या आंखों की पुतली का स्कैन) अपडेट करवाने के लिए ही आधार केंद्र पर जाना अनिवार्य होगा।
  • स्वचालित सत्यापन: सबसे बड़ा बदलाव यह है कि UIDAI अब आपकी जानकारी को सरकारी डेटाबेस जैसे PAN, पासपोर्ट, राशन कार्ड, MGNREGA जॉब कार्ड और स्कूल रिकॉर्ड से स्वचालित रूप से सत्यापित (वेरिफाई) करेगा। इसका मतलब है कि दस्तावेज अपलोड करने की झंझट और समय की बचत होगी।
  • शुल्क में छूट: बच्चों के आधार कार्ड के बायोमेट्रिक अपडेट के लिए 125 रुपये की फीस को एक साल के लिए माफ कर दिया गया है। वहीं, बड़ों के लिए डेमोग्राफिक अपडेट (नाम, पता आदि) पर ₹75 और बायोमेट्रिक अपडेट पर ₹125 का शुल्क निर्धारित है।

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क्या असर पड़ेगा?

आधार अपडेट करवाना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज होगा।

आपको बार-बार केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और दस्तावेजों के चक्कर भी कम लगेंगे।

इससे समय और पैसे, दोनों की बचत होगी।

2. बैंकिंग में सुविधा: अब एक अकाउंट के चार नॉमिनी

बैंकिंग क्षेत्र में 1 नवंबर से एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है।

अब तक आप अपने बैंक अकाउंट, लॉकर या सेफ कस्टडी के लिए केवल एक व्यक्ति को ही नॉमिनी नामित कर सकते थे, लेकिन अब यह सीमा बढ़ा दी गई है।

  • चार नॉमिनी तक की सुविधा: अब ग्राहक अपने एक बैंक अकाउंट, लॉकर या सेफ कस्टडी आइटम के लिए अधिकतम चार लोगों को नॉमिनी बना सकेंगे।
  • हिस्सेदारी तय करने की आजादी: इसके साथ ही, आप यह भी तय कर सकेंगे कि अगर किसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में आपकी मृत्यु हो जाए, तो किस नॉमिनी को आपकी संपत्ति (जमा राशि या लॉकर की सामग्री) का कितना प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। यह पारदर्शिता और नियंत्रण बढ़ाने वाला कदम है।
  • आसान प्रक्रिया: नॉमिनी जोड़ने या बदलने की प्रक्रिया को भी ग्राहकों के लिए आसान बना दिया गया है।
Reserve Bank of India
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क्या असर पड़ेगा?

यह बदलाव परिवारों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।

इससे धन के वितरण को लेकर होने वाले झगड़ों को कम किया जा सकेगा और परिवार के कई सदस्यों को वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी।

आपातकाल में परिवार के लोगों को फंड तक पहुंचने में आसानी होगी।

3. SBI क्रेडिट कार्ड पर बढ़ेंगे खर्च, इन बातों का रखें ध्यान

एसबीआई कार्ड के उपयोगकर्ताओं के लिए 1 नवंबर से कुछ शुल्क संरचनाओं में बदलाव किए गए हैं, जिससे उनके कुछ विशेष भुगतानों पर अतिरिक्त खर्च आ सकता है।

  • शिक्षा शुल्क पर अतिरिक्त चार्ज: यदि आप MobiKwik, CRED जैसे किसी थर्ड-पार्टी पेमेंट ऐप के जरिए स्कूल या कॉलेज की फीस का भुगतान करते हैं, तो उस पर 1% का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। हालांकि, अगर आप सीधे स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट या उनके पास उपलब्ध POS मशीन से भुगतान करते हैं, तो यह शुल्क नहीं लगेगा।

  • वॉलेट लोड शुल्क: यदि आप अपने डिजिटल वॉलेट (जैसे Paytm, PhonePe) में एसबीआई कार्ड का इस्तेमाल करके 1,000 रुपये से अधिक की राशि लोड करते हैं, तो उस पर भी 1% का शुल्क देना होगा।

  • अन्य शुल्क: इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान चेक से करने पर 200 रुपये का चार्ज लगेगा। साथ ही, अनसिक्योर्ड लोन (जैसे पर्सनल लोन) के लिए कार्ड का इस्तेमाल करने पर 3.75% का शुल्क लागू होगा।

क्या असर पड़ेगा?

आपका क्रेडिट कार्ड का बिल थोड़ा बढ़ सकता है।

फीस के भुगतान के लिए सीधे संस्थान के पोर्टल का इस्तेमाल करें और वॉलेट में ज्यादा रकम लोड करने से बचें ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके।

4. LPG, CNG और PNG की कीमतों में हो सकता है बदलाव

भारत में सरकारी तेल विपणन कंपनियां (OMCs) हर महीने की पहली तारीख को LPG, CNG और PNG की कीमतों की समीक्षा करती हैं।

1 नवंबर 2025 को भी इसकी समीक्षा की जाएगी।

  • अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भरता: इन गैसों की कीमतों में बदलाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर निर्भर करता है।
  • कीमतों में बदलाव की संभावना: वर्तमान वैश्विक हालातों को देखते हुए, 1 नवंबर को इनकी कीमतों में थोड़ी वृद्धि या कमी, दोनों की ही संभावना बनी हुई है।
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क्या असर पड़ेगा?

यह बदलाव सीधे आपके रसोई के खर्च और वाहन चलाने की लागत को प्रभावित करेगा।

अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो आपके मासिक बजट पर दबाव पड़ सकता है।

5. पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की अंतिम तिथि

सभी सेवानिवृत्त केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों, जो पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, उनके लिए नवंबर माह महत्वपूर्ण है।

  • समय सीमा का रखें ध्यान: पेंशनभोगियों को अपना वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) नवंबर महीने के अंत तक, यानी 30 नवंबर 2025 तक, जमा करना अनिवार्य है।
  • जमा करने के विकल्प: यह प्रमाण पत्र वे अपने पेंशन देने वाली बैंक शाखा में जाकर जमा कर सकते हैं या फिर ऑनलाइन ‘जीवन प्रमाण पोर्टल’ के माध्यम से डिजिटल तरीके से भी सबमिट कर सकते हैं।
  • सावधानी: यदि कोई पेंशनभोगी इस निर्धारित तारीख तक जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं करता, तो उसकी पेंशन का भुगतान रोक दिया जाएगा या उसमें देरी होगी।

क्या असर पड़ेगा?

पेंशनभोगियों को अपना जीवन प्रमाण पत्र समय पर जमा करना सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि उनकी पेंशन की राशि निर्बाध रूप से मिलती रहे।

6. म्यूचुअल फंड में बदलाव: पारदर्शिता बढ़ेगी, सिस्टम सरल होगा

निवेश और कर प्रणाली में भी कुछ अहम बदलाव देखने को मिलेंगे।

SEBI के म्यूचुअल फंड नियम:

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड उद्योग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए नियम लागू किए हैं।

अब यदि किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के निदेशक, कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्य ₹15 लाख से अधिक का लेन-देन (जैसे यूनिट्स की खरीद-बिक्री) करते हैं, तो इसकी जानकारी कंपनी के कंप्लायंस अधिकारी को देना अनिवार्य होगा।

इससे इनसाइडर ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

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7. नया जीएसटी स्लैब (संभावित): 

ऐसी खबरें हैं कि सरकार 1 नवंबर से एक नई दो-स्लैब वाली जीएसटी प्रणाली की शुरुआत कर सकती है।

मौजूदा चार-स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) व्यवस्था को बदलकर एक सरल प्रणाली लाई जा सकती है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12% और 28% के स्लैब को हटाया जा सकता है, जबकि लक्जरी और सिन गुड्स (जैसे तंबाकू, शराब) पर 40% का उच्च दर लग सकता है।

इसका मकसद भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को सरल बनाना है।

क्या असर पड़ेगा?

म्यूचुअल फंड निवेशकों को अधिक पारदर्शिता का लाभ मिलेगा।

वहीं, नया जीएसटी स्लैब अगर लागू होता है, तो कई रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों पर असर पड़ सकता है, जिससे महंगाई घट या बढ़ सकती है।।

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