“हिंदू स्त्रियां, ये देखकर शर्म आती है। क्या कपड़े उतार कर पैसा कमाओगे तुम? गंदे ठुमके लगाकर, गंदे गाने गाकर पैसा कमाओगे?
‘आजकल के बच्चे कैसा आचरण कर रहे हैं। एक लड़के से ब्रेकअप, फिर दूसरे से रिश्ता, फिर दूसरे से ब्रेकअप और फिर तीसरे से रिश्ता। व्यवहार व्यभिचार में परिवर्तित हो रहा है। आचरण कैसे शुद्ध होगा।’
“लड़के लाते हैं 25 साल की लड़कियों को, जो 4-5 जगह मुंह मार के आती हैं”
Religious Guru Controversy: ये धार्मिक गुरुओं के वो चंद बयान है जो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर छाए हुए है।
एक बाद एक कथावाचकों के मुंह से निकली इन बातों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
एक तरफ लोगों को इस भाषा से आपत्ति है, दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी है जो इस मुद्दे पर धार्मिक गुरुओं के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
इन बयानों में खास तौर पर युवा लड़कियों के रील बनाने, उनके पहनावे, और आधुनिक जीवनशैली पर तीखी टिप्पणियां की गई हैं।

आइए, इस मुद्दे को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि ये विवाद कैसे शुरू हुआ और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
साध्वी ऋतंभरा का बयान
साध्वी ऋतंभरा हाल ही में अपने एक प्रवचन में रील बनाने वाली लड़कियों पर टिप्पणी करके विवादों में घिर गईं।
उनके प्रवचन का एक वीडियो, जो मार्च 2025 में उनके आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया गया था, अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस वीडियो में साध्वी ने कहा, “हिंदू स्त्रियां, ये देखकर शर्म आती है। क्या नंगे होकर पैसा कमाओगे तुम? गंदे ठुमके लगाकर, गंदे गाने गाकर पैसा कमाओगे? मुझे समझ नहीं आता कि उनके पति और पिता ये कैसे बर्दाश्त कर लेते हैं।”
साध्वी ने आगे लड़कियों को मर्यादित जीवन जीने की नसीहत दी और कहा कि ऐसी कमाई से पितृलोक में भी पितर तड़पते हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति और महिलाओं की गरिमा का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू महिलाएं हमेशा मातृशक्ति रही हैं और उन्हें बाजार की वस्तु नहीं बनना चाहिए।
इस बयान ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाईं। कुछ लोगों ने उनके विचारों का समर्थन किया, जबकि कई ने इसे रूढ़िवादी और महिलाओं की स्वतंत्रता पर हमला बताया।
पहले भी उठ चुके हैं ऐसे विवाद
साध्वी ऋतंभरा से पहले भी कई अन्य धार्मिक गुरुओं के बयान भी विवादों में रहे हैं…
लड़कियों के रिलेशन पर अनिरुद्धाचार्य का बयान
कुछ दिन पहले ही कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने लिव इन रिलेशनशिप, लड़कियों की शादी की उम्र और उनके रिश्तों को लेकर टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था कि अगर लड़कियों की शादी देर से होती है, तो उनके कई ब्वॉयफ्रेंड बन जाते हैं, जिससे उनकी पवित्रता पर सवाल उठते हैं।

इस बयान पर भारी बवाल हुआ, जिसके बाद अनिरुद्धाचार्य को माफी मांगनी पड़ी।
उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह महिलाओं का अपमान नहीं कर सकते।
उन्होंने सफाई में कहा कि उनका बयान ऐसी लड़कियों के लिए था जो पराये पुरुष के लिए अपने पति को मार देती हैं। जैसे कि सोनम रघुवंशी।
#Aniruddhacharya जी ने विरोध करने वालों के लिए नया सन्देश भेजा है। अब मंगवाते रहो माफी।pic.twitter.com/Ml8kaBctsP
— NCMIndia Council For Men Affairs (@NCMIndiaa) July 31, 2025
प्रेमानंद जी महाराज ने लड़कियों-लड़कों के चरित्र पर सवाल उठाए
वृंदावन के प्रेमानंदजी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने आजकल के समय में लोगों के चरित्र में हो रही गिरावट को लेकर चिंता जताते हुए कहा था कि ‘शादी के परिणाम अच्छे आएंगे कैसे।
आजकल बच्चे और बच्चियों का चरित्र पवित्र नहीं है. माताओं-बहनों का पहले रहन-सहन देखो. हम अपने गांव की बता रहे हैं. वह बूढ़ी थीं, लेकिन इतने नीचे तक पल्लू था’
‘आजकल के बच्चे कैसी पोशाकें पहन रहे हैं. कैसा आचरण कर रहे हैं. एक लड़के से ब्रेकअप। फिर दूसरे से व्यवहार। फिर दूसरे से ब्रेकअप और फिर तीसरे से व्यवहार। व्यवहार व्यभिचार में परिवर्तित हो रहा है। कैसे शुद्ध होगा।’
इसी तरह जब चार पुरुष से मिलने का आदत पड़ गई है, तो एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत उसमें नहीं रह जाएगी।’
Liberals are getting offended by this clip of Premanand Ji Maharaj.
But what he said is absolutely true.
We Support Maharaj Ji!pic.twitter.com/ZiJYL8hPgT
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) July 30, 2025

लड़कों के लिए भी उन्होंने यही बात कही। ‘जब चार लड़कियों से व्यभिचार करता है तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रहेगा। उसे चार से व्यभिचार करना पड़ेगा, क्योंकि उसने आदत बना ली है।’
उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप को गलत ठहराते हुए कहा कि आजकल की युवा पीढ़ी की पवित्रता खो रही है, जिससे सामाजिक मूल्यों ख्त्म हो रहे हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा- नाभि ढककर रखें महिलाएं
पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी इस साल मई में जयपुर में शिव महापुराण कथा के दौरान एक विवादित बयान दिया
उन्होंने लड़कियों की नाभि को उनकी सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि अगर महिलाएं अपनी नाभि ढंक लें, तो उनके साथ अपराध की आशंका कम हो सकती है।
इस बयान को कई लोगों ने पीड़ित को दोष देने की मानसिकता से जोड़ा और इसे महिला स्वतंत्रता पर हमला बताया।

इसके अलावा पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक धार्मिक कार्यक्रम में कहा था कि “महिलाओं का मुख्य काम घर और बच्चों की देखभाल करना है, न कि ऑफिस या सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करना।”
इस पर नारीवादी संगठनों ने कहा कि यह पुरानी सोच है और महिलाएं अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
दो हिस्सों में बंटी बहस
इन बयानों ने समाज को दो हिस्सों में बांट दिया है।
एक तरफ वे लोग हैं जो इन धार्मिक गुरुओं के विचारों का समर्थन करते हैं। उनका मानना है कि आधुनिकता के नाम पर भारतीय संस्कृति और मूल्यों खत्म होते जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने लिखा कि साध्वी ऋतंभरा का बयान कटु जरूर है, लेकिन यह समाज की एक कड़वी सच्चाई को दर्शाता है।
उनका कहना है कि रील्स और सोशल मीडिया के दौर में कई युवा लड़कियां अपनी गरिमा को भूल रही हैं।

दूसरी तरफ, महिला अधिकार कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी इन बयानों की कड़ी आलोचना कर रहे हैं।
उनका कहना है कि धार्मिक मंचों का इस्तेमाल अब महिलाओं की गरिमा पर हमला करने के लिए किया जा रहा है।
एक कार्यकर्ता ने कहा, “प्रवचन के नाम पर चरित्र पर सवाल उठाना और पहनावे पर टिप्पणी करना समाज को पीछे की ओर ले जा रहा है।”
भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15, और 21 महिलाओं को समानता, गरिमा, और निजता का अधिकार देते हैं।
ऐसे बयानों को कुछ लोग अपमानजनक और भड़काऊ मानते हैं, जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी उठ रही है।

कौन हैं साध्वी ऋतंभरा
- साध्वी ऋतंभरा केवल अपने बयानों के लिए ही नहीं जानी जातीं।
- वे वृंदावन में वात्सल्य ग्राम नामक एक आश्रम चलाती हैं, जहां अनाथ बच्चों, विधवाओं, और परित्यक्त महिलाओं को मुफ्त शिक्षा, भोजन, और आवास दिया जाता है।
- उनकी संस्था ने हजारों लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने का काम किया है।
- 2025 में उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।


