Samosa Jalebi Fake News: दो दिन पहले ऐसी खबरें सामने आई थी कि सिगरेट की तरह समोसे, जलेबी और लड्डू बेचने वालों को भी वार्निंग साइन लगाना होगा।
क्योंकि तेल और शक्कर की वजह से ये खाद्य पदार्थ सेहत के लिए अच्छे नहीं है।
इस खबर के वायरल होते ही हिंदुस्तानियों को बड़ा झटका लगा था क्योंकि समोसा और जलेबी आम भारतीयों के लिए दाल-चावल से कम नहीं है।
कई लोग की तो सुबह की शुरुआत ही समोसे जलेबी के साथ होती है।
लेकिन अब सरकार ने इस खबर का खंडन करते हुए एक बयान जारी किया है कि उनकी तरफ से वार्निंग साइन लगाने का कोई आदेश नहीं जारी किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया खंडन
अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसका स्पष्ट खंडन करते हुए कहा है कि ऐसी कोई एडवाइजरी या वॉर्निंग जारी नहीं की गई है।
सरकार ने सिर्फ लोगों को स्वस्थ खान-पान की सलाह दी है, न कि किसी खास भारतीय व्यंजन को बैन करने का फैसला लिया है।
भारत सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इन खबरों को पूरी तरह झूठा बताया और कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कभी भी ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की।
फैक्ट चेक की ओर से कहा गया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने समोसे, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य उत्पादों पर स्वास्थ्य चेतावनी जारी की है। यह दावा पूरी तरह झूठा है।
Some media reports claim that the @MoHFW_INDIA has issued a health warning on food products such as samosas, jalebi, and laddoo.#PIBFactCheck
✅This claim is #fake
✅The advisory of the Union Health Ministry does not carry any warning labels on food products sold by vendors,… pic.twitter.com/brZBGeAgzs
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 15, 2025
क्या था पूरा मामला?
कुछ दिनों पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य पदार्थों को “अनहेल्दी” बताते हुए उन पर वॉर्निंग लेबल लगाने का प्रस्ताव रखा है।
इन रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि सरकार इन खाद्य पदार्थों को सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की तरह ही हानिकारक मान रही है।
सरकार ने क्या स्पष्ट किया?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि:
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समोसा, जलेबी या लड्डू जैसे खाद्य पदार्थों पर कोई वॉर्निंग लेबल नहीं लगाया जाएगा।
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सरकार ने सिर्फ लोगों को स्वस्थ खान-पान की सलाह दी है, जिसमें कम तेल और कम चीनी वाले आहार शामिल हैं।
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यह सलाह सिर्फ कार्यस्थलों, कैंटीन और सार्वजनिक जगहों पर लोगों को जागरूक करने के लिए दी गई है ताकि वे संतुलित आहार लें।
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भारतीय पकवानों को विशेष रूप से टारगेट नहीं किया गया है।
✅The general advisory is a behavioural nudge to make people aware of hidden fats and excess sugar in all food products, and not specifically to any particular food product.
The advisory is for healthier options and initiatives at workplaces and urges people to make healthier… pic.twitter.com/gD3f2XOeTF
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 15, 2025
सरकार का मकसद क्या है?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उनका मुख्य उद्देश्य मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोगों जैसी बीमारियों को रोकना है।
भारत में मोटापे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर शहरी क्षेत्रों में।
इसलिए, सरकार चाहती है कि लोग:
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अधिक तेल और चीनी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
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स्वस्थ विकल्पों को चुनें, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज।
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नियमित व्यायाम करें और सक्रिय जीवनशैली अपनाएं।
Media reports have claimed that @MoHFW_INDIA has directed all central government institutions to issue Warning Labels on food products such as samosa, jalebi and laddoo.#PIBFactCheck
❌ This claim is Fake
✅ The Advisory does not direct carrying of Warning Labels on certain… pic.twitter.com/0OLwpwLi9H
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 16, 2025
क्या समोसा-जलेबी खाना बंद कर दें?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि लोग अपनी पसंद के अनुसार समोसा, जलेबी या कोई भी भारतीय व्यंजन खा सकते हैं। हालांकि, संयमित मात्रा में इनका सेवन करना बेहतर है।
अगर आप नियमित रूप से अधिक तेल-मसाले वाला खाना खाते हैं, तो इससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

कुलमिलाकर, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भारतीय खान-पान पर प्रतिबंध नहीं लगा रही, बल्कि लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक कर रही है।
इसलिए, आप समोसा-जलेबी का आनंद ले सकते हैं, लेकिन सेहत का ध्यान रखते हुए इनका सेवन सीमित मात्रा में करें।