Homeन्यूजसांची विश्वविद्यालय में 'मोदी युग' और 'अमृतकाल में भारत' पुस्तकों पर विशेष...

सांची विश्वविद्यालय में ‘मोदी युग’ और ‘अमृतकाल में भारत’ पुस्तकों पर विशेष परिचर्चा आयोजित

और पढ़ें

भोपाल, 28 सितंबर। सांची स्थित बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित दो पुस्तकों – ‘मोदी युग-संसदीय लोकतंत्र का नया अध्याय’ और ‘अमृतकाल में भारत’ – पर एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया।

‘सेवा पर्व-2025’ के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में पुस्तकों के लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार शिक्षाविद् प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ संवाद किया।

कार्यक्रम के दौरान अधिष्ठाता प्रोफेसर नवीन कुमार मेहता ने प्रोफेसर द्विवेदी से विस्तृत बातचीत की।

प्रोफेसर द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सोशल इंजीनियरिंग को जमीनी स्तर पर उतारा है और भारत की वैश्विक छवि को नया आयाम दिया है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने 2014 से पहले ही एक लेख में नरेंद्र मोदी को देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में चिन्हित कर दिया था।

Sanchi University, book discussion, Modi Yug book, Prof. Sanjay Dwivedi, Amritkaal mein Bharat, RSS, Seva Parv 2025 MP, Madhya Pradesh, MP news

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल पर प्रोफेसर द्विवेदी ने कहा कि संघ को समझने के लिए दिमाग से अधिक दिल की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि संघ का अपना कोई अलग विचार नहीं है, बल्कि भारतीयता और हिंदुत्व का विचार ही उसका मार्गदर्शक सिद्धांत है और यह संगठन विशुद्ध रूप से आचरण पर चलता है।

मीडिया और समाज के वर्तमान स्वरूप पर प्रोफेसर द्विवेदी ने कहा कि उपभोक्तावाद और आकांक्षावाद के चलते समाज में दुख बढ़ रहा है।

उन्होंने गांधीवादी दर्शन का हवाला देते हुए कहा कि कम चीजों का उपयोग करने वाला व्यक्ति अधिक सुखी रह सकता है।

छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने सुधीर चंद्रा की पुस्तक ‘गांधी एक असंभव संभावना’ पढ़ने की सलाह दी।

Sanchi University, book discussion, Modi Yug book, Prof. Sanjay Dwivedi, Amritkaal mein Bharat, RSS, Seva Parv 2025 MP, Madhya Pradesh, MP news

पत्रकारिता में विचारधारा के महत्व पर उन्होंने कहा कि हर पत्रकार की एक ‘राजनीतिक रेखा’ (पोलिटिकल लाइन) होनी चाहिए, न कि ‘पार्टी लाइन’। उनका मानना था कि विचारधारा का होना जरूरी है, जबकि उसका न होना एक संकट है।

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव श्री विवेक पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया और सेवा पर्व के आयोजन के लिए मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र लोधी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला को आभार व्यक्त किया।

गौरतलब है कि सेवा पर्व के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय 29 सितंबर को एक राष्ट्रीय चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन भी कर रहा है, जिसमें सभी आयु वर्ग के प्रतिभागी हिस्सा ले सकते हैं।

- Advertisement -spot_img