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सतना में 5 बच्चों को HIV संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में ब्लड बैंक प्रभारी समेत 3 सस्पेंड

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

HIV Blood Transfusion Case: मध्य प्रदेश के सतना जिले में थैलेसीमिया से पीड़ित 5 बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने की गंभीर घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।

ब्लड बैंक प्रभारी समेत तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, जबकि पूर्व सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इस पूरे मामले की राज्य और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर जांच कर रही हैं।

जांच समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई

16 दिसंबर 2025 को आयुष्मान भारत योजना के सीईओ डॉ. योगेश भरसत की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

समिति ने पाया कि ब्लड बैंक में रिकॉर्ड रखने और रक्त की जांच प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती गई, जिसके कारण संक्रमित रक्त थैलेसीमिया के मरीज बच्चों को चढ़ा दिया गया।

निलंबित किए गए कर्मचारी:

  • डॉ. देवेंद्र पटेल (ब्लड बैंक प्रभारी, पैथोलॉजिस्ट)
  • राम भाई त्रिपाठी (लैब टेक्नीशियन)
  • नंदलाल पांडे (लैब टेक्नीशियन)

इन पर आरोप है कि इन्होंने रक्तदाताओं के रिकॉर्ड और रक्त की जांच प्रक्रिया में लापरवाही बरती।

साथ ही, सतना जिला अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं होता है, तो उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।

11 घंटे चली जांच, 200 ब्लड डोनर जांच के दायरे में

स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी द्वारा गठित 6 सदस्यीय राज्य स्तरीय टीम ने करीब 11 घंटे तक जांच की।

टीम ने वर्ष 2023 से अब तक के सभी रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) संबंधी रिकॉर्ड की जांच की।

ब्लड बैंक की लाइसेंसिंग प्राधिकरण सीडीएससीओ (केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन) के दो केंद्रीय ड्रग इंस्पेक्टर भी इस जांच में शामिल हैं।

जांच टीम ने ब्लड बैंक के करीब 12 तरह के रजिस्टर जब्त किए हैं, जिनमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार के रिकॉर्ड शामिल हैं।

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इन रजिस्टरों में यह दर्ज है कि रक्त कहां से आया और किसे जारी किया गया।

सूत्रों के अनुसार, एचआईवी संक्रमित बच्चों के संपर्क में आने वाले करीब 200 रक्तदाता हैं, जिससे जांच का दायरा काफी बढ़ गया है।

अस्पताल परिसर का निरीक्षण, कालाबाजारी की आशंका

डॉ. योगेश भरसत ने जिला अस्पताल के एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र, इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) और थैलेसीमिया-हीमोफीलिया वार्ड का निरीक्षण किया।

उन्होंने नर्सिंग स्टाफ से रक्त आधान की प्रक्रिया और मानक दिशा-निर्देशों के पालन की जानकारी ली।

एसबीटीसी (स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल) की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. रूबी खान ने एक चिंताजनक आशंका जताई है कि कहीं कोई एचआईवी वाहक (कैरियर) अस्पताल परिसर या उसके आसपास सक्रिय तो नहीं है।

इसको लेकर अस्पताल के आसपास चाय बेचने वालों, आउटसोर्स कर्मचारियों और रोगी कल्याण समिति के सदस्यों की जानकारी तलब की गई है। सभी को निगरानी में रखा गया है।

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जांच टीम ने उन नर्सिंग होम्स की सूची भी मांगी है जहां रक्त आधान होता है।

टीम ने आयुष्मान हॉस्पिटल और बिरला अस्पताल का भी दौरा किया।

आशंका जताई जा रही है कि कहीं जरूरतमंद मरीजों के परिजन दलालों के चक्कर में फंसकर एचआईवी संक्रमित रक्त के संपर्क में तो नहीं आ गए।

रक्त की कालाबाजारी की भी आशंका जताई जा रही है।

नाको की टीम आज पहुंचेगी, कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

सतना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नाको) की 4 सदस्यीय टीम शुक्रवार को सतना पहुंच रही है।

इस टीम के दौरे को देखते हुए ब्लड बैंक, आईसीटीसी और एआरटी सेंटर के सभी कर्मचारियों की 19 से 22 दिसंबर तक की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, ताकि जांच प्रक्रिया में सहयोग दिया जा सके।

कलेक्टर ने कहा- निष्कर्ष पर पहुंचने में जल्दबाजी नहीं

सतना के कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने इस मामले पर कहा कि पीड़ित बच्चों को रक्त दान करने वाले दाताओं की संख्या अधिक है, इसलिए जांच में समय लगेगा।

यह जांच केंद्र और राज्य स्तर पर अलग-अलग टीमें कर रही हैं।

अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।

उन्होंने आश्वासन दिया कि पूरी जांच पारदर्शी तरीके से की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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