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कंधों पर बैग, हाथों में चप्पलें और कीचड़ से सनी सड़क से गुजरने को मजबूर हैं ये स्कूली बच्चे

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

Muddy Roads To School Children: शिवपुरी। मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों को लेकर दिए गए बयान को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह घिरे हुए हैं।

इसी बीच सोशल मीडिया पर अब एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जो फिर से उन्हें घेरने के लिए विपक्षी दलों का एक हथियार साबित हो सकता है।

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ स्कूली बच्चे हाथों में चप्पलें पकड़ कर कीचड़ से भरे रास्ते से गुजर रहे हैं।

Muddy Roads To School Children: वीडियो से उठ रहे विकास को लेकर सवाल –

इस वीडियो को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह कैसा विकास है?

क्या स्कूल जा रहे इन बच्चों को स्कूल तक जाने के लिए एक ठीकठाक सड़क तक नहीं मिल सकती है?

दरअसल शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा से सामने आए इस वीडियो ने विकास के बड़े बड़े कामों के वादों की पोल खोल कर रख दी है।

यहां के बच्चे शिक्षा तो पाना चाहते हैं, लेकिन उनकी इस हसरत के बीच में आ रही है कीचड़ भरी सड़क।

इन कीचड़ से सनी सड़कों को पार कर जाना ही इन स्कूली बच्चों का मुकद्दर बन गया है।

Muddy Roads To School Children: हर रोज कीचड़ भरी सड़क से जाना पड़ता है स्कूल –

शिवपुरी जिले के ग्राम पिपारा पंचायत के मुख्य गांव पिपारा में हर रोज बच्चों को कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है।

कंधों पर स्कूल बैग और हाथ में जूते-चप्पल लेकर हर रोज करीब 100 मीटर से ज्यादा कीचड़ भरे रास्तों से ये बच्चे गुजरते हैं।

इतना ही नहीं, जो स्कूली बच्चे बहुत छोटे होते हैं, उन्हें उनके परिजन अपने कंधों पर बैठाकर स्कूल छोड़ने जाते हैं।

Muddy Roads To School Children: सालों से है ऐसी ही नारकीय स्थिति –

ग्रामीणों का कहना है कि सालों से वे ऐसी ही नारकीय जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं।

दरअसल, इस गांव में एक रास्ता है, जो मुख्य मार्ग को जोड़ता है।

हर रोज इसी मार्ग से ग्रामीण आवागवन करते हैं।

इसके बावजूद इस मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य नहीं कराया गया है।

इस मामले में विवाद का हवाला देकर सरपंच-सचिव अपना पल्ला झाड़ चुके हैं।

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