उज्जैन। विक्रम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने एक प्रोफेसर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने छात्र-छात्राओं का सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाया है जिसमें धर्मांतरण की बात कही गई है। मुस्लिम बनने के फायदे बताए और नमाज पढ़ने की बात भी सामने आई है।
मामला यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्टमेंट का है और आरोपी प्रोफेसर का नाम अनीस शेख है। स्टूडेंट्स का आरोप है कि प्रोफेसर अनीस शेख हिंदू छात्र-छात्राओं को टारगेट करते हैं।
शुक्रवार को इसी बात को लेकर 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने छात्र संगठन एबीवीपी के साथ मिलकर जमकर हंगामा किया।
प्रदर्शनकारियों ने दोपहर में होने वाला टेस्ट रुकवा दिया और मेन गेट पर ताला जड़ दिया। इससे कई प्रोफेसर और स्टूडेंट विभाग में बंद हो गए। स्टूडेंट्स की मांग थी कि प्रोफेसर अनीस शेख को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।
हंगामे की सूचना पर कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय मौके पर पहुंचे। ताला खोलने की बात को लेकर उनकी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बहस हो गई।
काफी हंगामे के बाद कुलपति ने आरोपी प्रोफेसर अनीस शेख को 15 दिन के लिए हटाकर जांच की बात कही। तब कहीं जाकर स्टूडेंट्स माने।
छात्रों ने आरोप लगाया कि कैमिस्ट्री में सभी हिन्दू लड़के-लकड़ियों को एटीकेटी मिली है। प्रोफेसर का व्यवहार ठीक नहीं है।
फेल होने की शिकायत लेकर जाते हैं तो प्रोफेसर कहते हैं कि तुम हमारा ध्यान नहीं रखते हो। आरोप यह भी लग रहे हैं कि प्रोफेसर अनीस शेख सोशल मीडिया पर शायरी भेजते हैं।
एबीवीपी के महामंत्री आदर्श चौधरी ने बताया कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि अनीस शेख कैमिस्ट्री में हिन्दू भाई-बहन को फेल कर रहे हैं।
उन्होंने हिन्दू छात्र-छात्राओं का एक ग्रुप बनाया है, जिसमें धर्मांतरण की बात कही गई। मामले का पता चलते ही हमने घेराव कर प्रदर्शन किया है।
अनीस शेख ने बताया षडयंत्र –
वहीं, मामले में अनीस शेख का कहना है कि वे 2011 से विभाग में सेवा दे रहे हैं। कुछ छात्र षड्यंत्रपूर्वक मुझे हटवाना चाहते हैं। मुझे मेरी गरिमा का ख्याल है। मैंने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया जो शिक्षकीय कार्य और पद के विरूद्ध हो।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय ने मामले को लेकर कहा कि अतिथि विद्वान अनीस शेख को फिलहाल 15 दिन के लिए हटाया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच निर्धारित की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।