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नवंबर में जनवरी जैसी ठंड! बर्फीली हवाओं से कांप रहा MP-राजस्थान, दिल्ली-हरियाणा में AQI 400 पार

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Cold Wave-Delhi Pollution: नवंबर का महीना चल रहा है, लेकिन उत्तर भारत के लोगों को पहले से ही जनवरी जैसी ठंड का सामना करना पड़ रहा है।

मध्य प्रदेश (MP) और राजस्थान जैसे राज्यों में शीतलहर ने दस्तक दे दी है, जबकि दिल्ली और हरियाणा के लोग सर्दी के साथ-साथ जानलेवा वायु प्रदूषण से भी जूझ रहे हैं।

स्थिति इतनी गंभीर है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ मास्क पहनना इस जहरीली हवा से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक यह सिलसिला जारी रहेगा।

एमपी में टूटे रिकॉर्ड, 17 शहर 10°C से नीचे

बुधवार की रात राजस्थान और मध्य प्रदेश के कम से कम 17 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया।

राजस्थान के 9 और एमपी के 8 शहरों में कड़ाके की ठंड पड़ी।

मध्य प्रदेश का हाल:

  • राजधानी भोपाल में लगातार पांचवें दिन न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह here 2015 के बाद नवंबर महीने का सबसे निचला स्तर है।
  • इंदौर में तापमान 7.6 डिग्री पर पहुंच गया, जो पिछले 25 साल में नवंबर में दर्ज की गई सबसे भीषण ठंड है।
  • राजगढ़ 7.4 डिग्री के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा।
  • मौसम विभाग ने गुरुवार को प्रदेश के 13 जिलों, जिनमें भोपाल, इंदौर, शाजापुर, सीहोर, छतरपुर, उमरिया आदि शामिल हैं, के लिए शीतलहर (कोल्ड वेव) का अलर्ट जारी किया है।
  • अनूपपुर और बालाघाट जिलों में लगातार तीसरे दिन ‘कोल्ड डे’ की स्थिति बनी हुई है। ‘कोल्ड डे’ तब घोषित किया जाता है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम हो और अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री अधिक गिर जाए।

पहाड़ी हवाओं का असर:

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में हो रही बर्फबारी के कारण उत्तर से आने वाली बर्फीली हवाओं का सीधा असर मध्य प्रदेश के तापमान पर पड़ रहा है, जिससे ठंड का असर और बढ़ गया है।

दिल्ली-हरियाणा: सर्दी के साथ जहर घोल रहा है प्रदूषण

जहां एक ओर लोगों को ठंड से राहत की उम्मीद है, वहीं दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में वायु प्रदूषण (एयर क्वालिटी इंडेक्स या AQI) ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

  • दिल्ली और हरियाणा के 13 शहरों का AQI स्तर 400 के पार पहुंच गया है, जिसे ‘गंभीर’ (सीवियर) श्रेणी में रखा जाता है।
  • हरियाणा का जींद शहर 418 AQI के साथ सबसे प्रदूषित रहा।
  • दिल्ली के बवाना (451) और चांदनी चौक (449) जैसे इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई।
  • राजधानी का प्रतीक इंडिया गेट और कर्तव्य पथ भी घनी, जहरीली धुंध में लिपटे नजर आए। लुटियन जोन के पास AQI 408 दर्ज किया गया। धुंध इतनी गहरी थी कि इंडिया गेट साफ-साफ दिखाई भी नहीं दे रहा था।

सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी:

इस गंभीर स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर है और लोगों को सिर्फ मास्क पहनने भर से कोई विशेष फायदा नहीं हो रहा है।

कोर्ट ने इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर दिया।

नवंबर में ही क्यों पड़ रही है इतनी ठंड? जानें 

आमतौर पर नवंबर में इतनी तेज ठंड नहीं पड़ती। मौसम विशेषज्ञ इसके पीछे दो मुख्य कारण बता रहे हैं:

  1. पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस): इस बार हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सामान्य से पहले ही सक्रिय हो गए हैं। इसकी वजह से पहाड़ी राज्यों में अच्छी खासी बर्फबारी हो रही है। इन पहाड़ों से आने वाली ठंडी और सूखी हवाएं उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान गिरने का कारण बन रही हैं।
  2. हवा का रुख: उत्तर से दक्षिण की ओर बहने वाली हवाओं का सीधा असर मध्य प्रदेश जैसे राज्यों पर पड़ रहा है, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ गया है।

टूटे ठंड के रिकॉर्ड:

इस साल नवंबर की शुरुआत में ही पारे में आई भारी गिरावट ने कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

इंदौर में 25 साल और भोपाल में 10 साल का नवंबर का रिकॉर्ड टूट चुका है।

मौसम विभाग के मुताबिक, ग्वालियर और उज्जैन जैसे शहरों में नवंबर के तापमान के पचास साल पुराने रिकॉर्ड भी हैं, जो दर्शाता है कि अतीत में भी नवंबर में इतनी ठंड पड़ चुकी है।

क्या और बढ़ेगी ठंड?

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले चार-पांच दिनों तक मध्य प्रदेश और राजस्थान में शीतलहर का असर बना रहेगा।

खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी पहुंचती हैं, वहां तापमान और गिर सकता है।

दिन के समय भी अगर धूप नहीं निकलती है तो ठंड का अहसास और बढ़ सकता है।

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