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शनिदेव से बात करने के लिए शख्स ने दान किए 50 हजार, नहीं की बात तो मचाई तोड़-फोड़

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Shanidev’s Temple Vandalised: हमारे देश में कितने अजीब-गरीब लोग हैं। इसका उदाहरण इंदौर में देखने को मिला।

जहां एक व्यक्ति ने शनिदेव की मूर्ति इसलिए तोड़ दी क्योंकि उसने उनकी बात नहीं मानी।

दरअसल, बाणगंगा थाना क्षेत्र में बाणेश्वरी कुंड के पास शनि मंदिर स्थित है।

शुक्रवार रात मंदिर में किसी असामाजिक तत्व ने शनि महाराज के वाहन गरुड़ की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया था।

शिवलिंग पर भी फेंका कचड़ा

इसी रात क्षेत्र के सूर्य मेडिकल स्टोर के पास गणेश मंदिर में भी मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने के साथ पास के खेड़ापति हनुमान मंदिर स्थित शिवलिंग पर कचरा फेंक दिया।

हिंदू संगठनों ने किया हंगामा

शनिवार सुबह इसकी जानकारी लगने पर हिंदूवादी संगठन इकट्ठा हो गए और जमकर हंगामा करते हुए असामाजिक तत्व को जल्द से जल्द पकडऩे की मांग की।

पुलिस ने ऐसे पकड़ा

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच की तो पता चला कि मंदिर में मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने वाला बदमाश एक्टिवा गाड़ी पर आया था।

इसके आधार पर कल पुलिस ने 15वीं बटालियन में रहने वाले एक युवक को हिरासत में ले लिया।

शनिदेव ने नहीं की बात इसलिए की तोड़-फोड़

थाने में लाकर जब इस शख्स से पूछताछ की गई तो उसकी बातें सुनकर अफसर हैरान रह गए।

व्यक्ति ने बताया- मैंने शनिदेव को पचास हजार रुपए दान दिए थे लेकिन उन्होंने फिर भी मुझसे बात तक नहीं की।

मैं कई बार मंदिर में उनसे बात करने के इंतजार में बैठा रहा। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

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Vandalism in Shanidev’s temple

वाहन तोड़ दिया अब घर कैसे जाएंगे

आखिरकार मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उनके वाहन गरुड़ की मूर्ति तोड़ दी। अब तुम ही बताओ वह घर कैसे जाएंगे।

मनोरोगी है व्यक्ति

युवक की बात सुनकर सकते में आई पुलिस ने जानकारी जुटाई तो उसके मंदबुद्धि होने की बात सामने आई।

इसके बाद पुलिस ने उसे उसके परिजन को हिदायत देने के बाद बिना कार्रवाई के छोड़ दिया।

हालांकि इस बीच उसके पकड़े जाने की खबर लगते ही हिंदूवादी संगठन के लोग कल दोपहर को बाणगंगा थाने जा पहुंचे जहां पुलिस ने उन्हें ये बताया कि मनोरोगी युवक का इलाज चल रहा है।

युवक के परिवारों ने इलाज के दस्तावेज भी दिखाएं है। तब जाकर संगठन के लोगों का गुस्सा शांत हुआ

नोट- बता दें कि शनिदेव महाराज का वाहन कौआ है लेकिन इस व्यक्ति ने गरुड़ को शनिदेव का वाहन कहा है।

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