Sharon Raj Murder Case: केरल में बॉयफ्रेंड को जहर देकर मारने वाली 24 साल की ग्रीष्मा को नेय्याट्टिनकारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने सोमवार को मौत की सजा सुनाई है।
ग्रीष्मा ने अपने 23 साल के बॉयफ्रेंड प्रेमी शेरोन राज को पेस्टिसाइड आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाकर जहर दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई।
आरोपी के मामा को 3 साल की सजा
ग्रीष्मा के अलावा उनके चाचा निर्मलकुमारन नायर को भी 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।
सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा, “यौन अंतरंगता के बहाने शेरोन को बुलाने और उसके बाद अपराध करने के कृत्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
लंबे समय से रिलेशन में थे शेरोन और ग्रीष्मा
शेरोन और ग्रीष्मा लंबे समय से रिलेशनशिप में थे।
लेकिन बाद में ग्रीष्मा किसी और से शादी करने की योजना बना रही थी, इसलिए उसने शेरोन के साथ अपने रिश्ते को खत्म करने की कोशिश की।
मगर जब शेरोन ने रिश्ता तोड़ने से इनकार कर दिया, तो ग्रीष्मा ने उसे रास्ते से हटाने के लिए उसके मर्डर का प्लान बनाया।
ग्रीष्मा उस वक्त 22 साल की थी, जब उसने शेरोन की हत्या की साजिश रची।
घर बुलाकर बॉयफ्रेंड को दिया जहर
23 साल का मृतक शैरोन राज मूल रूप से तिरुवनंतपुरम जिले के परसाला का रहने वाला था।
घटना 14 अक्टूबर, 2022 की है। जब ग्रीष्मा ने प्रेमी शेरोन राज (23) को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के रामवरमनचिराई स्थित अपने घर पर मिलने के बहाने बुलाया।
कीटनाशक को आयुर्वेदिक टॉनिक में मिलाकर उसे पिला दिया।
यहां उसने शेरोन को एक आयुर्वेदिक औषधि पीने के लिए मजबूर किया, जिसमें उसने शाकनाशी (खरपतवारों को खत्म करने वाला रसायन) मिला दिया था।
इसे पीने के तुरंत बाद, शेरोन को उल्टी हुई और वह बीमार हो गया।
11 दिन तक चली जिंदगी की जंग
शेरोन को आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज के अस्पताल ले जाया गया जहां उसने 11 दिनों तक बिना पानी की एक बूंद पिए जिंदगी की जंग लड़ी और आखिरकार 25 अक्टूबर 2022 को अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई।
शेरोने के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
पहले भी की थी जहर खिलाने की कोशिश
इससे पहले भी ग्रीष्मा ने शेरोन को फलों के रस में पैरासिटामोल की गोलियां मिलाकर पिलाने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रही क्योंकि अजीब टेस्ट के कारण शेरोन ने इसे पीने से इनकार कर दिया था।
शेरोन की गवाही से मिला सबूत
शेरोन ने मौत से पहले मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया था जिसमें उसने खुलासा किया कि उसने ग्रीष्मा द्वारा दी गई हर्बल दवा को बिना किसी नुकसान की आशंका के पी लिया था।
हालांकि, शेरोन ने ग्रीष्मा के खिलाफ कुछ नहीं कहा। लेकिन अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि शेरोन ने अपने दोस्त और पिता से कहा था कि ग्रीष्मा ने उसे धोखा दिया है।
शेरोन की मौत के बाद नियुक्त विशेष टीम को फोरेंसिक डॉक्टर द्वारा सौंपे गए वैज्ञानिक साक्ष्य मामले में महत्वपूर्ण थे।
पूछताछ में कबूला गुनाह, जेल में सुसाइड की कोशिश
पुलिस पूछताछ में ग्रीष्मा ने अपना अपराध कबूल कर लिया।
ग्रीष्मा की मां सिंधु और चाचा निर्मला कुमारन नायर पर मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया था।
ग्रीष्मा ने पुलिस हिरासत में आत्महत्या का प्रयास किया था। ग्रीष्मा को एक साल जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
IPC की इस धारा के तहत दी गई है सजा
आरोपी ग्रीष्मा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत कई आरोप हैं।
उस पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 364 (हत्या करने के इरादे से अपहरण), 328 (जीवन को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जहर देना) और 203 (गलत जानकारी देकर न्याय में बाधा डालना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने शनिवार को एसएस ग्रीष्मा को सजा की मात्रा पर बचाव करने और अभियोजन पक्ष की अंतिम दलीलें सुनीं, जिन्हें 17 जनवरी 2025 को अदालत ने दोषी पाया था।
पुलिस ने इस मामले में 25 जनवरी, 2023 को आरोप पत्र दाखिल किया था।
केरल उच्च न्यायालय द्वारा आरोपियों की इस दलील को खारिज करने के बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया था कि केरल में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
15 अक्टूबर, 2024 को शुरू हुआ मुकदमा 3 जनवरी, 2025 को समाप्त हुआ।
इस मामले में 95 से अधिक गवाहों की जांच की गई।