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देशभर में मिले स्लीपर सेल, भारत के लिए खतरा बन रहा आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर

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Hizb ut-Tahrir: आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर भारत के लिए खतरा बन रहा है।

कई राज्यों में इसके स्लीपर सेल मिले हैं, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।

कहा जा रहा है कि भारत के लिए ये आतंकी संगठन मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में हिज्ब उततहरीर पर चर्चा

भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।

एनआईए ने हाल ही में आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में भारत में हिज्ब उत-तहरीर के विकास पर चर्चा की।

तेलंगाना, तमिलनाडु, गुवाहाटी पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और बीएसएफ के आतंकवाद निरोधक एक्सपर्ट भी इस चर्चा में शामिल थे।

सम्मेलन के दौरान पेश की गई रिपोर्ट में इस साल की शुरुआत में पकड़े गए हुत के मॉड्यूल के सदस्यों को लेकर बात की गई है।

सीक्रेट ऐप पर मीटिंग से लेकर कई राज्यों में इस संगठन से जुड़े स्लीपर सेल मिले हैं, जो भारत के लिए खतरा बन सकता है।

4 राज्यों में मिले हिज्ब उत-तहरीर के स्लीपर सेल

लेबनान स्थित कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर ने पश्चिमी देशों में अपनी पकड़ को मजबूत कर रहा है।

भारत में भी ये आतंकी संगठन तेजी से अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहा है।

इस समूह का उद्देश्य भारत में शरिया आधारित इस्लामी राष्ट्र का निर्माण करना है।

भारत ने हाल ही में इस समूह को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत रखा है।

इस समूह के स्लीपर चार राज्यों में मिले हैं।

मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से इस संगठन के सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है।

बता दें हिज्ब उत-तहरीर की स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी।

इसकी फिलिस्तीनी शाखा में सैकड़ों सदस्य हैं, जिन्हें पश्चिमी तट में फिलिस्तीनी प्राधिकरण के जरिये दबाया गया है।

हिज्ब उत-तहरीर की मौजूदगी पश्चिमी देशों में है, जिसमें ब्रिटेन भी शामिल है।

पिछले साल अक्टूबर में फिलिस्तीन समर्थक सड़क विरोध प्रदर्शन के बाद ब्रिटेन ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था।

इसमें इजरायल में हमास की कार्रवाई की प्रशंसा की गई थी।

सीक्रेट ऐप पर मीटिंग, NIA कर रही मामले की जांच

एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया का उपयोग करके हिज्ब उत-तहरीर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

युवाओं को भड़काने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सुरक्षित एप्स पर मीटिंग की जाती है।

ये समूह भोले-भाले युवाओं को आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ‘दावा’ मीटिंग आयोजित कर रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को NIA को सौंप दिया था।

जांच में सामने आया था कि इस समूह के सदस्य देश भर में फैले हुए हैं।

ये लोग मध्य प्रदेश में गुप्त रूप से अपने कैडर की भर्ती कर रहे थे और उसे मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए थे।

NIA ने हिज्ब-उत-तहरीर के 17 सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।

NIA के अनुसार आरोपी हुत की चरमपंथी विचारधारा से प्रेरित थे, जिसका उद्देश्य हिंसक गतिविधियों के माध्यम से भारत में शरिया आधारित इस्लामी राष्ट्र का निर्माण करना था।

हुत का स्लीपर सेल 4 राज्यों में सक्रिय पाया गया है।

एनआईए ने अक्टूबर में तमिलनाडु और पुडुचेरी में हिज्ब-उत-तहरीर आंदोलन के राज्य अमीर फैजुल रहमान को गिरफ्तार किया था।

रहमान पर 6 अन्य लोगों के साथ अलगाव को भड़काने और जम्मू-कश्मीर को आजाद कराने के लिए पाकिस्तान से सैन्य सहायता मांगने का आरोप लगाया गया था।

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