Sonam Wangchuk Arrest: लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलन के अगुवा सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है।
लेह पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को हिरासत में लिया।
माना जा रहा है कि उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाया गया है।
इस गिरफ्तारी के बाद लेह में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
क्या हुआ था 24 सितंबर को
लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत अधिकारों की मांग को लेकर 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
आंदोलनकारियों ने लद्दाख बंद का आह्वान किया था और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को लेह हिल काउंसिल के सामने इकट्ठा होने के लिए प्रेरित किया था।
Activist #SonamWangchuk has been arrested by police.
Internet has been suspended and massive surveillance unleashed on protesters.
This is how democracy is murdèred in broad daylight.
India is watching pic.twitter.com/ZgAm7POxYT
— Amock (@Politicx2029) September 26, 2025
जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड लगाए। मगर स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई।
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसके जवाब में भीड़ हिंसक हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के आफिस समेत एक पुलिस वाहन में आग लगा दी और कई जगहों पर तोड़फोड़ की।
A peaceful protest demanding statehood and Sixth Schedule status for #Ladakh turned violent. Youth took to the streets and pelted stones at the #Leh Hill Council building, BJP Office.Police & @crpfindia resorted to tear gas and baton charges to disperse the crowd.@indiatvnews pic.twitter.com/WUC3jmNw9j
— Manish Prasad (@manishindiatv) September 24, 2025
4 की मौत, 80 से ज्यादा घायल
इस हिंसक झड़प में चार युवाओं की मौत हो गई और लगभग 80 लोग घायल हो गए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
इस घटना के बाद से लेह में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू लागू है और स्कूल-कॉलेज शनिवार तक बंद रखे गए हैं।
अब तक इस मामले में 60 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
Six years after the decision of abrogation of article 370 and bifurcation of #Jammu and #Kashmir, first major violent protest takes place in #Leh, Ladakh.
The protestors clashed with forces on ground demanding land and job rights among other things. pic.twitter.com/Qn5Zk1CoiA
— Azaan Javaid (@AzaanJavaid) September 24, 2025
सोनम वांगचुक और उनकी संस्थाओं पर सरकार की नजर
हिंसा के बाद सरकार की नजर सोनम वांगचुक और उनसे जुड़ी संस्थाओं पर टिक गई है।
सरकार ने वांगचुक को इस हिंसा का जिम्मेदार ठहराया है।
इसके बाद से उनके और उनकी संस्थाओं के खिलाफ कई मोर्चों पर कार्रवाई शुरू हो गई है:
FCRA लाइसेंस रद्द:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वांगचुक की प्रमुख संस्था ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ (SECMOL) का विदेशी फंडिंग लाइसेंस (FCRA) रद्द कर दिया है।
सरकार का आरोप है कि संस्था ने विदेशी फंड का गलत इस्तेमाल किया।
CBI जांच:
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने वांगचुक की एक अन्य संस्था ‘हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख’ (HIAL) के खिलाफ भी FCRA उल्लंघन के आरोप में जांच शुरू कर दी है।
CBI की टीम संस्था के खातों और रिकॉर्ड की जांच कर रही है।
जमीन का पट्टा रद्द:
सरकार ने HIAL को आवंटित जमीन का पट्टा भी यह कहकर रद्द कर दिया है कि लीज की राशि जमा नहीं कराई गई।
हालांकि, वांगचुक का दावा है कि उनके पास दस्तावेज हैं जो साबित करते हैं कि सरकार ने ही फीस न लेने का निर्देश दिया था।
सोनम वांगचुक की दलीलें क्या हैं?
गिरफ्तारी से पहले, वांगचुक ने अपने और अपनी संस्थाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाइयों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा:
CBI जांच को लेकर उन्होंने कहा कि जहां जांच सिर्फ 2022 से 2024 के खातों तक सीमित होनी थी, वहीं एजेंसी 2020 और 2021 के रिकॉर्ड भी मांग रही है।
उन पर पहले राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया और एक चार साल पुराना मजदूरों को वेतन न देने का मामला फिर से खोला गया है।
उन्हें आयकर विभाग से भी नोटिस मिले हैं, जबकि उनका कहना है कि लद्दाख में तो कोई टैक्स है ही नहीं, फिर भी वे स्वेच्छा से टैक्स भरते हैं।
ये हैं चार मुख्य मांगें
इस पूरे विवाद की जड़ वह मांग है जिसे लेकर लद्दाख में आंदोलन चल रहा है।
साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटे जाने के बाद से ही यहां असंतोष है।
सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख के लोगों की मुख्य रूप से चार मांगें हैं:
- पूर्ण राज्य का दर्जा: लद्दाख को फिर से एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, ताकि यहां की जनता को अपनी सरकार चुनने और स्थानीय मुद्दों पर फैसला लेने का अधिकार मिल सके।
- छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा: अगर पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जाता, तो लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्तता प्रदान की जाए। इससे जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को जमीन, संसाधनों और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा मिलती है।
- दो लोकसभा सीटें: वर्तमान में लद्दाख की केवल एक लोकसभा सीट है। मांग है कि लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें आवंटित की जाएँ ताकि दोनों क्षेत्रों का बेहतर प्रतिनिधित्व हो सके।
- सरकारी नौकरियों में स्थानीय आरक्षण: सरकारी नौकरियों में लद्दाख के स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता दी जाए ताकि उनके रोजगार के अवसर सुरक्षित रहें।
कौन हैं सोनम वांगचुक
- सोशल एक्टिविस्ट, इन्हीं पर 3 इडियट्स फिल्म बनी
- उम्र – 59 साल
- एजुकेशन – इंजीनियर
- 2017- ग्लोबल अवॉर्ड फॉर सस्टेनेबल आर्किटेक्चर
- 2016- रोलेक्स अवॉर्ड फॉर एंटरप्राइज
- 2008- रियल हीरोज अवॉर्ड
- 2002- अशोक फेलोशिप फॉर सोशल आंत्रप्रेन्योरशिप
- 2018- रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड
6 अक्टूबर को दिल्ली में बैठक
इन्हीं मांगों पर केंद्र सरकार के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक 6 अक्टूबर को दिल्ली में होनी है।
लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस जैसे संगठन इस बैठक में शामिल होंगे।
सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया।
विरोध की आवाजों का दमन लोकतांत्रिक नहीं है।#SonamWangchuk pic.twitter.com/6h0VP2aqXi— Manish Tiwari (@livemanish_) September 26, 2025
अब सभी की निगाहें इस बैठक के नतीजे पर टिकी हैं, जिससे लद्दाख में शांति और स्थिरता बहाल होने की उम्मीद की जा रही है।
फिलहाल, सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने इस पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है।